पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आयोजित “विशेष अभियान 5.0” का सफल समापन उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ हुआ है। यह अभियान 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 तक चलाया गया, जिसका उद्देश्य था – लोक शिकायत निवारण, अभिलेख प्रबंधन, स्वच्छता और सुशासन के क्षेत्र में कार्यकुशलता को और अधिक सुदृढ़ बनाना। मंत्रालय ने इस अवधि में न केवल अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त किया, बल्कि शासन प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता का एक आदर्श उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

अभियान के दौरान मंत्रालय ने 299 लोक शिकायतों और 104 लोक शिकायत अपीलों का शत-प्रतिशत (100%) निपटान किया। यह मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिन्होंने नागरिकों की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित किया। लोक शिकायत निवारण में यह उपलब्धि मंत्रालय के ‘उत्तरदायी शासन’ के दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसके तहत नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेकर समयबद्ध रूप से निपटाया गया।
इसके साथ ही, मंत्रालय ने अपने सभी प्रभागों और अनुभागों में भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक दोनों प्रकार की फाइलों की शत-प्रतिशत समीक्षा पूरी की। इससे प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता, व्यवस्था और त्वरित निर्णय क्षमता को बल मिला है। डिजिटल परिवर्तन की दिशा में यह कदम मंत्रालय को पूर्ण ई-ऑफिस-अनुपालक प्रणाली की ओर अग्रसर करता है, जिससे फाइल प्रबंधन प्रक्रिया अधिक सुगम, कुशल और पर्यावरण-हितैषी बनी है।
अभियान के दौरान चार व्यापक स्वच्छता अभियान भी चलाए गए, जिनसे कार्यालय परिसर में सफाई व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ। इसके परिणामस्वरूप कुल 592 वर्ग फुट कार्यालय स्थान खाली हुआ, जिसे अब अधिक उत्पादक कार्यों के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा। साथ ही, अप्रचलित सामग्रियों के निपटान से 1.76 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। यह कदम ‘स्वच्छता ही सेवा’ की भावना को सशक्त करने के साथ-साथ संसाधनों के कुशल उपयोग का उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
पंचायती राज मंत्रालय ने इस पूरे अभियान के दौरान ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया। इस तकनीकी अनुकूलन ने फाइलों की आवाजाही, निपटान और निगरानी की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बना दिया है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि हुई है। मंत्रालय के अनुसार, ई-ऑफिस व्यवस्था ने कार्यसंस्कृति को आधुनिक और परिणामोन्मुख बनाया है, जिससे समय और संसाधनों की बचत के साथ-साथ शासन की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।

मंत्रालय ने कहा है कि इस अभियान के सफल परिणाम राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के पंचायती राज विभागों के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों को आग्रह किया है कि वे भी इसी तरह की पहलें अपनाकर शासन दक्षता, स्वच्छता और फाइल प्रबंधन में सुधार लाएं, ताकि जमीनी स्तर तक प्रशासनिक पारदर्शिता और कार्यकुशलता सुनिश्चित हो सके।
विशेष अभियान 5.0 की सफलता यह दर्शाती है कि जब सुशासन और जवाबदेही के सिद्धांतों को दृढ़ता से लागू किया जाता है, तो प्रशासनिक प्रणाली में न केवल सुधार आता है बल्कि नागरिकों का भरोसा भी सशक्त होता है। पंचायती राज मंत्रालय ने यह साबित किया है कि तकनीक, पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के संगम से शासन में उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है।
भविष्य में मंत्रालय का लक्ष्य इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए न केवल अपने आंतरिक प्रक्रियाओं को और सशक्त बनाना है, बल्कि पंचायत स्तर तक सुशासन की भावना को स्थापित करना भी है। इस अभियान की उपलब्धियाँ निस्संदेह भारत सरकार की उस व्यापक नीति का हिस्सा हैं, जिसके अंतर्गत “स्वच्छ, सक्षम और पारदर्शी प्रशासन” के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं।