दक्षिण कोरिया के जिओजे स्थित हनवा ओशन के विशाल जहाज निर्माण केंद्र में भारत के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने 13–15 नवंबर 2025 के अपने कोरिया गणराज्य दौरे के दौरान महत्वपूर्ण यात्रा की। यह दौरा दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने, जहाज निर्माण और ऊर्जा परिवहन के क्षेत्र में नई साझेदारियों को बढ़ावा देने तथा भारत के वाणिज्यिक बेड़े के विस्तार के लिए दीर्घकालिक रणनीतिक संभावनाओं को तलाशने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

समुद्री अमृत काल विजन 2047 के अनुरूप सहयोग की नई संभावनाएँ
मंत्री महोदय का यह दौरा भारत के समुद्री अमृत काल विजन 2047 के उद्देश्यों से सीधे जुड़ा है, जिसके तहत देश के वाणिज्यिक बेड़े की क्षमता बढ़ाने, घरेलू जहाज निर्माण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और भारत को वैश्विक समुद्री मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दृष्टिकोण से हनवा ओशन जैसे वैश्विक जहाज निर्माण नेताओं के साथ सहयोग भारतीय जहाजरानी उद्योग के लिए निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
हनवा ओशन की अत्याधुनिक तकनीक से प्रभावित हुए मंत्री
हनवा ओशन के शिपयार्ड का निरीक्षण करते हुए मंत्री पुरी को जहाज निर्माण प्रक्रियाओं, उन्नत समुद्री प्रौद्योगिकियों और निर्माण क्षमता के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत के ऊर्जा क्षेत्र का विस्तार दोनों देशों के लिए अभूतपूर्व सहयोग अवसर प्रस्तुत करता है।
मंत्री पुरी ने इस तथ्य पर विशेष जोर दिया कि भारत के ऊर्जा सार्वजनिक उपक्रम हर साल माल ढुलाई पर लगभग 5 से 8 बिलियन डॉलर खर्च करते हैं तथा उन्हें तत्काल लगभग 59 बड़े जहाजों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति हनवा ओशन जैसे उच्च तकनीकी कौशल वाले संस्थानों के लिए भारत में जहाज निर्माण साझेदारी शुरू करने का सुनहरा अवसर है।
भारत में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत जहाज निर्माण को बढ़ावा
मंत्री पुरी ने कहा कि भारत में मजबूत मांग, प्रशिक्षित मानव संसाधन और अनुकूल नीतियां वैश्विक जहाज निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार घरेलू जहाज निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रोत्साहन दे रही है, जिनमें शामिल हैं:
- भारत में निर्मित जहाजों पर 15–25 प्रतिशत पूंजीगत सहायता
- जहाज पुनर्चक्रण के लिए अतिरिक्त 5 प्रतिशत प्रोत्साहन
- इक्विटी वित्तपोषण के लिए समुद्री विकास कोष का गठन
- 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना
- ग्रीनफील्ड शिपयार्ड एवं समुद्री क्लस्टरों के लिए बुनियादी ढांचा समर्थन
उन्होंने कहा कि इन पहलों से भारत न केवल अपनी घरेलू जरूरतें पूरी कर सकेगा, बल्कि वैश्विक जहाज निर्माण प्रतिस्पर्धा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाएगा।
हनवा ओशन नेतृत्व से उच्च-स्तरीय बैठकें
मंत्री पुरी की यह यात्रा कोरिया की राजधानी सियोल में हनवा ओशन के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री किम ही-चेउल से उनकी बैठक के बाद आयोजित की गई। दोनों नेताओं ने जहाज निर्माण, तकनीकी सहयोग और संभावित निवेशों पर गहन चर्चा की। मंत्री ने भरोसा जताया कि भारत की नीति-समर्थित विकास रणनीति और हनवा ओशन की तकनीकी विशेषज्ञता मिलकर पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी स्थापित कर सकती है।
कोरिया की प्रमुख शिपिंग कंपनियों के साथ रणनीतिक वार्तालाप
अपने कोरिया दौरे के दौरान मंत्री पुरी ने कोरिया ओशन बिज़नेस कॉर्पोरेशन (केओबीसी), एसके शिपिंग, एच-लाइन शिपिंग और पैन ओशन जैसी बड़ी समुद्री कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। इन चर्चाओं में जहाज निर्माण प्रौद्योगिकी, लागत दक्षता, जहाज संचालन और लॉजिस्टिक सहयोग जैसे प्रमुख मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
मंत्री पुरी ने कहा कि कोरिया की जहाज निर्माण दक्षता और भारत के विनिर्माण लाभ एक दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी के लिए स्वाभाविक पूरक हैं।
दुनिया के सबसे बड़े शिपयार्ड का निरीक्षण
मंत्रालय प्रतिनिधिमंडल ने उल्सान स्थित एचडी हुंडई हैवी इंडस्ट्रीज के विश्व के सबसे बड़े शिपयार्ड का भी दौरा किया, जो 1,680 एकड़ के क्षेत्र में फैला है। यहाँ उन्होंने अत्याधुनिक जहाज डिजाइन तकनीकों, स्मार्ट शिपयार्ड प्रणालियों और उन्नत इंजीनियरिंग संरचनाओं का अवलोकन किया। मंत्री पुरी ने इस यात्रा को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं और बढ़ते माल ढुलाई व्यय को देखते हुए आने वाले वर्षों में भारत को बड़े पैमाने पर कच्चे तेल, एलएनजी और ईथेन जहाजों की आवश्यकता होगी, जिसे कोरिया के साथ सहयोग के माध्यम से पूरा किया जा सकता है।