शैक्षिक संवाद मंच उ.प्र. का राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान समारोह सम्पन्न
लखनऊ: अखिल भारतीय साहित्यकार परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. पवनपुत्र बादल ने लखनऊ के अम्बर होटल में रविवार को शैक्षिक संवाद मंच उ.प्र. द्वारा आयोजित एक भव्य शिक्षक सम्मान एवं पुस्तक विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालयों को आनंदघर बनाने की संकल्पना को तभी पूर्ण किया जा सकता है, जब हम अपनी समृद्ध भारतीय परंपराओं का संरक्षण करें। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति विज्ञान को परंपराओं से जोड़ती है और प्रकृति का शोषण नहीं अपितु दोहन करना सिखाती है। विशिष्ट अतिथि लोक संग्रहालय के संस्थापक शिक्षाविद् डॉ सुरेन्द्र कुमार आर्यन (देहरादून), मंच के संस्थापक प्रमोद दीक्षित मलय रहे। अध्यक्षता मंच के संरक्षक रामकिशोर पांडेय ने की।

उक्त जानकारी देते हुए शैक्षिक संवाद मंच के संयोजक दुर्गेश्वर राय ने बताया कि शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान भेंट कर आगे बोलते हुए डॉ. बादल ने कहा कि हम पीपल जैसे महत्वपूर्ण वृक्ष को जल देने की परंपरा से सीखते हैं, और यही हमारी समृद्ध संस्कृति हमें शक्ति देती है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने षड्यंत्र कर हमारी संस्कृति पर प्रहार किया, और रही-सही कसर आजकल के कुछ बेतुके पारिवारिक दृश्य दिखाने वाले टीवी सीरियलों ने पूरी कर दी। इस भव्य समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 84 शिक्षक-शिक्षिकाओं को राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान और राष्ट्रीय आधार सेतु सम्मान से विभूषित किया गया।
कार्यक्रम में तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। दिवास्वप्न संवाद (संपादक – प्रमोद दीक्षित मलय), फूले हैं पलाश वन (संपादक – दुर्गेश्वर राय) तथा तीसरी पुस्तक हमारे शिक्षा सारथी (चयन एवं संपादन – दुर्गेश्वर राय) का विमोचन कर सम्मिलित रचनाकारों को शब्द मंजरी तथा प्रज्ञा पलाश सम्मान पत्र भेंट किया गया। उल्लेखनीय है कि शैक्षिक संवाद मंच गिजुभाई बधेका के शैक्षिक दर्शन ‘विद्यालय बनें आनंदघर’ की संकल्पना के साथ शिक्षकों के क्षमता निर्माण के लिए प्रयासरत है। यह मंच बच्चों, विद्यालय, समाज और शिक्षक के समन्वय को पोषित करता है।
उत्तराखंड के शिक्षाविद् विशिष्ट अतिथि डॉ. सुरेंद्र कुमार आर्यन ने इस तरह के प्रयास को शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कार्य बताया। अध्यक्षीय उद्बोधन में रामकिशोर पांडेय ने ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया ताकि विद्यालयों में रचनात्मक माहौल बनाकर आनंदघर बनाया जा सके। इसके पूर्व दुर्गेश्वर ने कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत करते हुए शैक्षिक संवाद मंच की विकास यात्रा का उल्लेख किया कि 18 नवम्बर, 2012 को मंच की स्थापना हुई थी। मंच पढ़ने-लिखने की संस्कृति का पोषक है और विद्यालय को बालमैत्रीपूर्ण परिवेश में बालकेंद्रित शिक्षा के द्वारा विद्यालयों आनंदघर बनाने के संकल्प के साथ साधनारत है।

समारोह में सम्मानित होने वाले शिक्षकों में प्रीति भारती, रेखा कुशवाहा, धर्मेंद्र कुमार त्रिवेदी, डॉ० अंजू रंजना, पूनम वर्मा, रेखा चंदानी (उन्नाव), आशीष कुमार त्रिपाठी, ऊषा सिंह (फतेहपुर), सुनीता वर्मा, कनक, अमिता स इसचान (लखनऊ), प्रतीक्षा त्रिपाठी, विकास त्रिपाठी, गुंजन पोरवाल, डॉ. त्रिलोक चंद, वैशाली मिश्रा, रीता सिंह, आलोक शर्मा (कानपुर देहात), रामकिशोर पाण्डेय, मीरा रविकुल, सविता देवी, इंसाफ अली, पवन कुमार तिवारी, चंद्रशेखर सेन, प्रदीप बाथम, अर्चना गुप्ता, दीप्ति राजपूत (बाँदा), डॉ० सुनील कुमार तिवारी, रेनू वर्मा, वत्सला, डॉ० अलका गुप्ता, आरती सिंह, प्रियंका शर्मा, रेखा भांतु, प्रशांत सिंह, ज्योति सिंह, राजन लाल, नीलम कन्नौजिया, अर्चना सिंह (कानपुर नगर), मीरा कुमारी मीनाक्षी सिंह, अनीता यादव, आभा त्रिपाठी (मऊ), मिथुन भारती, प्रियंका त्रिपाठी (हमीरपुर), फरहत माबूद (प्रयागराज), अमिता शुक्ला (शाहजहांपुर), डॉ० अरविंद कुमार द्विवेदी, डॉ० श्रवण कुमार गुप्त, विन्ध्येश्वरी प्रसाद विन्ध्य (वाराणसी), गुंजन भदौरिया, दीपा त्रिपाठी (कन्नौज) आलोक सिंह, नीतू सिंह (सुल्तानपुर), प्रतीक गुप्ता, डॉ० क्षमा सिंह (बहराइच), डॉ० सुरेन्द्र कुमार आर्यन (देहरादून), ऋतु श्रीवास्तव, रुचिता पाण्डेय (हापुड़), अनीता मिश्रा, कुसुम कुमारी (बलरामपुर), विजय शंकर यादव (अंबेडकर नगर), साधना मिश्रा, रेखा वर्मा, चंद्रशेखर मित्र (प्रतापगढ़), सुरेश कुमार अकेला, अलका शुक्ला (प्रतापगढ़), राम जी शर्मा, दाऊ दयाल वर्मा, अनुराधा दोहरे, अमित सिंह, संजीव कुमार, (इटावा), नंदकिशोर अहिरवार (महोबा), राजश्री यादव (आगरा), निष्ठा दीक्षित (श्रावस्ती), आरती साहू (बाराबंकी), रुचि गर्ग (मुजफ्फरनगर), किरन (अलीगढ़), माधुरी त्रिपाठी (बस्ती), शालिनी सिंह (कौशांबी) एवं सौरभ कुमार गुप्ता (गोंडा) आदि शामिल हैं। आभार व्यक्त किया मंच के अध्यक्ष विनीत कुमार मिश्रा ने तथा व्यवस्था का दायित्व संभाला विकास त्रिपाठी ने। आगामी कार्यक्रम जनवरी में चित्रकूट में होगा।