आयुष मंत्रालय की थीम – ‘आयुष के साथ: स्वस्थ भारत, श्रेष्ठ भारत’ ने खींचा हजारों का ध्यान
नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2025 में इस वर्ष का केंद्रबिंदु आयुष मंत्रालय का भव्य ‘आयुष मंडप’ बन गया है। मंत्रालय द्वारा निर्धारित थीम ‘आयुष के साथ – स्वस्थ भारत, श्रेष्ठ भारत’ के अंतर्गत यह मंडप भारत की पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा विरासत को आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ पेश कर रहा है।

अपनी बहुआयामी प्रस्तुतियों, लाइव डेमो और सहभागिता-आधारित गतिविधियों के माध्यम से आयुष मंडप न केवल जागरूकता बढ़ा रहा है, बल्कि आगंतुकों को आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी प्रणालियों की गहराई को नजदीक से समझने का अवसर भी प्रदान कर रहा है।
एआईआईए का स्टॉल: कार्यात्मक खाद्य उत्पादों के साथ आयुर्वेद आहार का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) द्वारा स्थापित स्टॉल मंडप का प्रमुख आकर्षण है। यहां रागी नाचोस, सुंथ्यादि लड्डू, रागी-उड़द लड्डू, मुडगा सूप प्रीमिक्स और यवदी सक्तू जैसे आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर आधारित पोषक खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं।
विशेषज्ञ आगंतुकों को समझा रहे हैं कि ये उत्पाद एनीमिया प्रबंधन, प्रतिरक्षा वृद्धि और पाचन सुदृढ़ीकरण में किस प्रकार सहायक हैं। साथ ही, आगंतुकों के लिए शैक्षिक पुस्तिकाएं भी उपलब्ध हैं, जिनमें व्यंजनों की विधि, सामग्री और उनके स्वास्थ्य लाभों का वर्णन किया गया है।
एनआईए, जयपुर: सात्विक आहार का महत्व और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों की प्रस्तुति
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए), जयपुर ने ‘आयुष आहार’ थीम पर आधारित एक व्यापक प्रदर्शनी लगाई है। यहां त्रिफला जैम, कायाकल्प दाने और रागी बिस्कुट जैसे सात्विक और पोषक खाद्य उत्पादों के साथ एलोवेरा जेल, लिप बाम और फुट क्रीम जैसे आयुर्वेदिक व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों की भी श्रृंखला प्रदर्शित की गई है।
संकाय सदस्य आगंतुकों को सात्विक भोजन के सिद्धांतों के मानसिक स्वास्थ्य, ऊर्जा संतुलन और दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी): मिलेट क्विज और आयुर्वेदिक पोषण उत्पाद
आरएवी के स्टॉल पर तिल, अजवाइन और जीरा कुकीज, एनी ब्रेड, जीतायु चाय, एनप्पी ड्रिंक और फुल मून चॉकलेट जैसे उत्पाद प्रदर्शित हैं। इन सभी का उद्देश्य आयुर्वेदिक सिद्धांतों को आधुनिक आहार में सहज रूप से शामिल करने की अवधारणा को बढ़ावा देना है।
आरएवी द्वारा आयोजित मिलेट क्विज, छात्रों, परिवारों और विदेशी आगंतुकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
एमडीएनआईवाई: योग-आधारित गतिविधियों से बढ़ी जागरूकता
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) ने सामान्य योग प्रोटोकॉल, लयबद्ध योग, इंटरएक्टिव क्विज और व्यस्त कामकाजी लोगों के लिए डिज़ाइन किए गए लघु ‘वाई-ब्रेक’ सत्र आयोजित किए हैं।
इन प्रदर्शनों का उद्देश्य आगंतुकों को यह महसूस कराना है कि योग को दैनिक जीवन में सरलता से शामिल कर तनाव प्रबंधन और एकाग्रता बढ़ाने में लाभ मिलता है।
यूनानी चिकित्सा: डिजिटल मिजाज मूल्यांकन और पारंपरिक खाद्य सामग्री
केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम) और राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान द्वारा तैयार स्टॉल में हरेरा, यूनानी कहवा, हलवा घीकवार, गुलकंद और तलबीना-आधारित उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
यहां लगाए गए डिजिटल ‘मिजाज मूल्यांकन कियोस्क’ आगंतुकों को दमवी, बल्गामी, सफरावी या सौदवी जैसे उनके स्वभाव प्रकार का विश्लेषण बताता है। चिकित्सक निःशुल्क परामर्श और औषधियों का वितरण भी कर रहे हैं।
सिद्ध प्रणाली: पौष्टिक आहार और औषधीय जागरूकता
राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान (एनआईएस) और केंद्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद (सीसीआरएस) संयुक्त रूप से हिबिस्कस इन्फ्यूजन टी, पंचमुट्टी कांजी, करिसलाई मिट्टई और हलीम नाचोस जैसे सिद्ध आहार उत्पाद प्रदर्शित कर रहे हैं।
सिद्ध चिकित्सा टीम 100 से अधिक लाभार्थियों को प्रतिदिन निःशुल्क परामर्श दे रही है और अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी साझा कर रही है।
सीसीआरएच: होम्योपैथी अनुसंधान और निशुल्क ओपीडी
केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) द्वारा लगाए गए स्टॉल में नैदानिक अध्ययन, शोध प्रकाशन, सुरक्षा प्रोटोकॉल और डिजिटल सामग्री प्रदर्शित की गई है। मंडप के भीतर संचालित होम्योपैथी ओपीडी विशेष रूप से लोकप्रिय हो रही है, जहां चिकित्सक निःशुल्क सलाह और दवाएं प्रदान कर रहे हैं।
सोवा-रिग्पा: हिमालयी चिकित्सा परंपरा का अनुभव
राष्ट्रीय सोवा-रिग्पा संस्थान आगंतुकों को हिमालयी चिकित्सा परंपराओं, आहार अनुशंसाओं और हर्बल उपचारों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहा है। संस्थान प्रतिदिन लगभग चालीस निःशुल्क परामर्श भी दे रहा है।
एनएमपीबी: औषधीय पौधों की खेती और पहचान
राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) जीवंत पौधों और जड़ी-बूटियों की प्रदर्शनी के साथ घरेलू उपचारों पर आधारित शैक्षणिक सामग्री वितरित कर रहा है। अटल आयुष महोत्सव के अंतर्गत आगंतुकों को औषधीय पौधे भी भेंट किए जा रहे हैं।
आईएमपीसीएल: गुणवत्ता मानकों वाली आयुर्वेदिक और यूनानी औषधियां
इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) अपनी डब्ल्यूएचओ-जीएमपी प्रमाणित औषधि श्रृंखला प्रदर्शित कर रहा है। लगभग 170 करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार के साथ संगठन द्वारा विकसित मानकीकृत फॉर्मूलेशन आगंतुकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
पीसीआईएमएंडएच: आयुष दवाओं के मानकीकरण पर जागरूकता
फार्माकोपिया आयोग (पीसीआईएमएंडएच) अपने प्रकाशनों, फार्मूलरी, सूखी औषधियों और ऑडियो-विजुअल सामग्री के माध्यम से आयुष दवाओं के गुणवत्ता मानकों, सुरक्षा और वैज्ञानिक मान्यता पर जन जागरूकता बढ़ा रहा है।
सीसीआरवाईएन: प्राकृतिक चिकित्सा और योग आधारित आहार
केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरवाईएन) प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित आहार प्रस्तुत कर रहा है, जिसमें तिल लड्डू, मखाना लड्डू, बाजरा नमकीन और अन्य पोषक खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
स्क्रीनिंग सामग्री और वृत्तचित्र आगंतुकों को प्राकृतिक चिकित्सा के व्यावहारिक पहलुओं से परिचित कर रहे हैं।
स्टार्ट-अप कॉर्नर: पारंपरिक ज्ञान का आधुनिक नवाचारों से मेल
मंडप में आयुर्वेद-आधारित कई स्टार्ट-अप शामिल हैं, जो त्वचा और बालों की देखभाल के उत्पाद, डिटॉक्स ड्रिंक्स, आयुर्वेदिक स्नैक्स और अन्य स्वास्थ्यवर्धक इनोवेशन प्रस्तुत कर रहे हैं। ये उद्यम मंत्रालय के नवाचार प्रोत्साहन प्रयासों को परिलक्षित करते हैं।
एक्टिविटी जोन: बच्चों और परिवारों के लिए आकर्षण का केंद्र
आयुष मंडप के एक्टिविटी जोन में चित्रकला प्रतियोगिता, स्वास्थ्य-आधारित सांप-सीढ़ी, पोस्टर मेकिंग, मिलेट क्विज, मिजाज परीक्षण और फोटो बूथ जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं, जो सभी आयु वर्ग के लिए मनोरंजक और सीखने योग्य अनुभव प्रदान कर रही हैं।