नई दिल्ली में 20 नवंबर 2025 को मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ द्वारा ज्वाइंट इलेक्ट्रो मैग्नेटिक बोर्ड (JEMB) 2025 की वार्षिक बैठक का सफल आयोजन किया गया। यह बैठक चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) की एक महत्वपूर्ण उप-समिति के रूप में कार्य करती है और इस वर्ष की बैठक की अध्यक्षता एकीकृत रक्षा स्टाफ (संचालन) के उप प्रमुख एयर मार्शल राकेश सिन्हा ने की।

बैठक का मुख्य उद्देश्य भारतीय थल सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के संयुक्त अभियानों में पारस्परिक तालमेल को सुदृढ़ बनाना था। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, स्पेक्ट्रम प्रबंधन और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग के दौरान तीनों सेनाओं के एकीकृत दृष्टिकोण को बढ़ाना इस बैठक के प्रमुख एजेंडों में शामिल रहा।
इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और स्पेक्ट्रम प्रबंधन पर केंद्रित एजेंडा
वार्षिक बैठक में आधुनिक सैन्य आवश्यकताओं के अनुरूप कई रणनीतिक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इनमें मुख्यतः शामिल थे:
- इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (Electronic Warfare) में संयुक्त क्षमताओं को मजबूत बनाना
- ईएमआई/ईएमसी (EMI/EMC) मानकों के अनुरूप संचालनात्मक तालमेल
- एंटी-ड्रोन और सीयूएएस (Counter Unmanned Aircraft Systems) ऑपरेशनों में उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग
- सामरिक मांगों के अनुरूप स्पेक्ट्रम प्रबंधन प्रणाली का अनुकूलन
- तीनों सेनाओं के मध्य संचार, सूचना और तकनीकी एकीकरण का उच्चतम स्तर सुनिश्चित करना
ये सभी विषय आधुनिक युद्धक परिदृश्य में विद्युत-चुंबकीय स्पेक्ट्रम के प्रभावी उपयोग और रक्षा बलों की नेटवर्क-सेंट्रिक ऑपरेशन क्षमताओं को सुदृढ़ बनाते हैं।
इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक बैटलफील्ड मैनेजमेंट सिस्टम का प्रदर्शन
कार्यक्रम के दौरान इलेक्ट्रो मैग्नेटिक बैटलफील्ड मैनेजमेंट सिस्टम (EMBMS) का विस्तृत प्रदर्शन किया गया, जिसे सामरिक युद्धक्षेत्र क्षेत्र (TBA) में विद्युत-चुंबकीय स्पेक्ट्रम के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया है।
यह प्रणाली वास्तविक समय के डेटा, उन्नत सेंसर नेटवर्क, सुरक्षित संचार साधनों और स्वचालित निर्णय-सहायक मॉड्यूल के माध्यम से जटिल ऑपरेशनों में तेजी, सटीकता और समन्वित प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाती है। यह प्रदर्शन सेनाओं की संयुक्त युद्धक तैयारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।
टेक्निकल न्यूज लेटर 2025 का विमोचन
इस अवसर पर टेक्निकल न्यूज लेटर 2025 का भी विमोचन किया गया। यह प्रकाशन उन आधुनिक और उभरती प्रौद्योगिकियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है जिनकी क्षमता भविष्य के युद्ध के स्वरूप को परिवर्तित करने की है।
इसमें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, साइबर क्षमताओं, संचार प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित रक्षा समाधान, उन्नत सेंसर और स्पेक्ट्रम डोमिनेंस से संबंधित महत्वपूर्ण शोध और प्रगति को शामिल किया गया है।
एयर मार्शल राकेश सिन्हा का संबोधन: आत्मनिर्भरता और संयुक्त क्षमता विकास पर जोर
एयर मार्शल राकेश सिन्हा ने अपने संबोधन में तीनों सेनाओं द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के सफल संचालन की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन के अनुभवों ने संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यासों को और अधिक प्रभावी बनाया है और सेनाओं के बीच सहयोग एवं समन्वय को नई दिशा दी है।
उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों, निजी उद्योगों और शिक्षा जगत की संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जा रही प्रौद्योगिकीय क्षमताओं की भी प्रशंसा की।
अपने वक्तव्य में उन्होंने यह भी कहा कि इन प्रयासों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को वास्तविक रूप मिलता है और भारतीय सशस्त्र बलों की तकनीकी स्वदेशीकरण क्षमता लगातार मजबूत हो रही है।
रणनीतिक महत्व और भविष्य की दिशा
ज्वाइंट इलेक्ट्रो मैग्नेटिक बोर्ड की बैठक भारतीय सशस्त्र बलों की संचालनात्मक तैयारी, इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम डोमिनेंस, और नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध क्षमता के विकास की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
तेजी से बदलते वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्यों में इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और स्पेक्ट्रम नियंत्रण रक्षा रणनीतियों का प्रमुख आधार बनते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में JEMB 2025 जैसी बैठकें सेनाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के साथ-साथ तकनीकी एकीकरण और नवाचार को गति प्रदान करती हैं।