भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) ने 26 नवंबर 2025 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में मनाया। यह दिवस भारत के पशुधन एवं डेयरी क्षेत्र की प्रगति, तकनीकी उन्नति एवं किसानों के योगदान को समर्पित है।

इस अवसर पर मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल, राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन, विभाग के सचिव श्री नरेश पाल गंगवार सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। साथ ही, देश भर से आए पशुपालक, डेयरी विशेषज्ञ, डेयरी सहकारी समितियां और किसान संगठन भी कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन और स्वागत भाषण अपर सचिव सुश्री वर्षा जोशी ने दिया।
वैज्ञानिक उन्नति और तकनीकी नवाचार की दिशा में अग्रसर भारत
अपने संबोधन में सचिव श्री नरेश पाल गंगवार ने डेयरी एवं पशुधन क्षेत्र की दीर्घकालिक प्रगति में आनुवंशिक सुधार और उन्नत प्रजनन तकनीकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों को निम्नलिखित तकनीकों को अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया:
• सेक्स सॉर्टेड सीमन
• इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF)
• भ्रूण स्थानांतरण तकनीक
• आनुवंशिक सुधार के लिए वैज्ञानिक प्रजनन
इन तकनीकों के माध्यम से दूध उत्पादन क्षमता, पशुधन गुणवत्ता और किसानों की आय में वृद्धि की संभावनाएं बढ़ती हैं।
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025: पशुपालकों का गौरव
कार्यक्रम के दौरान राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2025 विजेताओं को सम्मानित किया। पुरस्कार की तीन प्रमुख श्रेणियां थीं:
- स्वदेशी गाय/भैंस नस्लों का सर्वश्रेष्ठ पालन करने वाला डेयरी किसान
- सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन
- सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति / दूध उत्पादक कंपनी / डेयरी किसान उत्पादक संगठन
यह सम्मान भारतीय डेयरी पारिस्थितिकी में समर्पित योगदानकर्ताओं के प्रयासों का राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन और पहचान सुनिश्चित करता है।
राष्ट्रीय औसत दूध उपलब्धता: वैश्विक स्तर से आगे भारत
अपने भाषण में प्रो. बघेल ने बताया कि भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता अब 485 ग्राम प्रति दिन हो गई है, जो वैश्विक औसत 329 ग्राम प्रति दिन से काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डेयरी क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा “राष्ट्र की शक्ति गांवों में निहित है।”
इसके साथ-साथ उन्होंने डेयरी सहकारी समितियों को ग्रामीण आर्थिक संरचना की मजबूत रीढ़ बताते हुए उनके योगदान को रेखांकित किया।
पशु चिकित्सा सेवा अवसंरचना पर नए दिशानिर्देश
कार्यक्रम में पशु चिकित्सा अवसंरचना के न्यूनतम मानकों हेतु विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए। इन दिशानिर्देशों में सेवा वितरण हेतु चार-स्तरीय ढांचा प्रस्तावित है:
- प्राथमिक पशु चिकित्सा देखभाल केंद्र (PVCC)
- ब्लॉक-स्तरीय पशु चिकित्सा अस्पताल
- जिला-स्तरीय पशु चिकित्सा अस्पताल
- राज्य-स्तरीय पॉलीक्लिनिक / रेफरल अस्पताल
यह ढांचा देशभर में पशु चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता एवं पहुंच सुनिश्चित करेगा।
सांख्यिकीय डेटा एवं डयरी विकास
पशुपालन सांख्यिकी (BAHS) 2025 के शुभारंभ से डेयरी नीति नियोजन और संसाधन आवंटन में पारदर्शी और अद्यतन डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के अंतर्गत रोपड़ मिल्क यूनियन के 20 आधुनिक इंसुलेटेड दूध टैंकरों को हरी झंडी दिखाई गई। साथ ही, विभिन्न राज्यों में नौ नस्ल गुणन फार्मों का उद्घाटन किया गया। यह कदम डेयरी आपूर्ति श्रृंखला और नस्ल सुधार कार्यक्रमों को मजबूत करेगा।
विशेषज्ञ पैनल चर्चा: तकनीकी अनुभव का आदान-प्रदान
कार्यक्रम में “पशु उत्पादकता में वृद्धि” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में उपस्थित विशेषज्ञों और उन्नत स्तर के किसानों ने आधुनिक तकनीकों के उपयोग, क्षेत्रीय रणनीतियों, नवाचारों और अनुभवों को साझा किया। यह संवाद डेयरी क्षेत्र में प्रगति की नई संभावनाओं की दिशा में महत्वपूर्ण रहा।