नया भारत स्वदेशी तकनीक का निर्माण कर रहा है और उसे देश के कोने-कोने में ले जा रहा है

जन सेवा ही प्रभु सेवा’ की भावना से देश आगे बढ़ रहा है – जनता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ओडिशा में 8000 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित कीं। परियोजनाओं में पुरी और हावड़ा के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाना, पुरी और कटक रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखना, ओडिशा में शत-प्रतिशत विद्युतीकृत रेल नेटवर्क समर्पित करना, संबलपुर-टिटलागढ़ रेल लाइन का दोहरीकरण, अंगुल-सुकिंदा के बीच एक नई ब्रॉड गेज रेल लाइन; मनोहरपुर-राउरकेला-झारसुगुड़ा-जमगा को जोड़ने वाली तीसरी लाइन और बिछुपाली-झरतरभा के बीच एक नई ब्रॉड-गेज लाइन बिछाना शामिल है।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों को आज वंदे भारत एक्सप्रेस भेंट की जा रही है जो आधुनिक और आकांक्षी भारत का प्रतीक है। “भारत की गति और प्रगति तब देखी जा सकती है जब वंदे भारत ट्रेन एक स्थान से दूसरे स्थान पर चलती है”, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गति अब ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों में देखी जा सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे यात्रियों के यात्रा के अनुभव के साथ-साथ विकास के मायने भी पूरी तरह बदल जाएंगे। अब दर्शन के लिए कोलकाता से पुरी की यात्रा हो या पुरी से कोलकाता आना हो, प्रधानमंत्री ने बताया कि यात्रा का समय अब ​​घटकर केवल साढ़े छह घंटे रह जाएगा, जिससे समय की बचत होगी, इससे व्यापार के अवसर बढ़ेंगे और युवाओं को नए अवसर मिलेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे किसी भी ऐसे नागरिक की पहली पसंद और प्राथमिकता है जो दूर की यात्रा करना चाहता है। उन्‍होंने अन्य रेलवे विकास परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनकी आधारशिला आज रखी गई है। इनमें पुरी और कटक रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास और आधुनिकीकरण और क्षेत्र में रेल लाइनों का दोहरीकरण और ओडिशा में रेल लाइनों का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण समर्पित करना शामिल है।

आजादी का अमृत काल के दौर का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि अगर देश पूरी तरह से एकजुट रहता है तो देश की सामूहिक क्षमताएं शिखर पर पहुंच सकती हैं। उन्होंने टिप्पणी की कि वंदे भारत एक्सप्रेस ऐसे ही विश्वास का प्रतिबिंब है जहां यह ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को आगे बढ़ाते हुए देश के विकास का इंजन बन रही है।”  प्रधानमंत्री ने कहा, भारतीय रेल सबको एक सूत्र में जोड़ती है और बुनती है और इसी कल्‍पना और विचार के साथ वंदे भारत एक्सप्रेस भी आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ट्रेन पुरी और हावड़ा के बीच आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंध को मजबूत करेगी। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों में पंद्रह वंदे भारत ट्रेनें पहले से ही चल रही हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में भारत ने बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद अपनी विकास की गति को बनाए रखा है। श्री मोदी ने इस यात्रा में हर राज्य की भागीदारी को श्रेय दिया और कहा कि देश हर राज्य को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले के विपरीत नया भारत तकनीक का निर्माण स्वदेशी रूप से कर रहा है और उसे देश के कोने-कोने में ले जा रहा है। वंदे भारत ट्रेनों के स्वदेशी निर्माण का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि भारत ने महामारी के दौरान 5जी और टीके जैसी तकनीक विकसित की। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये नवाचार कभी भी एक राज्य या शहर तक सीमित नहीं रहे बल्कि पूरे देश में समान रूप से लिए गए। इसी तरह, उन्होंने कहा कि वंदे भारत देश के सभी कोनों को छू रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास की नीति का लाभ उन राज्यों को मिल रहा है, जो विकास में पिछड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि ओडिशा में रेल योजनाओं के लिए बजट में काफी वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले के 10 वर्षों में राज्य में हर साल केवल 20 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाई जाती थी जबकि वर्ष 2022-23 में केवल एक वर्ष में 120 किलोमीटर लंबी रेल लाइनें बिछाई गई। उन्‍होंने कहा कि लंबे समय से लंबित खुर्दा बोलनगीर लाइन और हरिदासपुर-पारादीप लाइन जैसी परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “ओडिशा देश के उन राज्यों में से एक है जहां रेल लाइनों का शत- प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है।” उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में समान उपलब्धि हासिल करने के लिए काम तेज गति से चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि परिणामस्वरूप ट्रेनों की गति में समग्र वृद्धि के साथ-साथ मालगाड़ियों के समय की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि खनिज संपन्न राज्य ओडिशा को रेल लाइनों के विद्युतीकरण से बहुत लाभ होगा जहां डीजल इंजनों से निकलने वाले प्रदूषण में काफी कमी आएगी और मदद मिलेगी वहीं राज्य का औद्योगिक विकास होगा।

प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के निर्माण के एक अन्य पहलू को भी छुआ जिसके बारे में अक्सर अधिक बातें नहीं की जाती हैं। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा न केवल लोगों के जीवन को अधिक सरल बना देता है बल्कि यह समाज को भी सशक्त बनाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब बुनियादी ढांचे की कमी होती है तो लोगों का विकास पिछड़ जाता है। जब बुनियादी ढांचे का विकास किया जाता है तो इसी के साथ साथ लोगों का भी तेज गति से विकास होता है। ‘‘विकास पहलों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने पीएम सौभाग्य योजना का उदाहरण दिया जहां सरकार ने ओडिशा में लगभग 25 लाख घरों तथा पश्चिम बंगाल में 7.25 लाख घरों सहित 2.5 करोड़ से अधिक परिवारों को बिजली का निशुल्क कनेक्शन उपलब्ध कराया है।

देश में हवाई अड्डों की संख्या 75 से बढ़ कर आज 150 हो गई है, यह जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर विभिन्न तस्वीरों और वीडियो की ओर ध्यान आकृष्ट किया जहां देश के आम नागरिकों को अपनी हवाई यात्रा के अनुभव को साझा करते हुए देखा जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां आज अध्ययन का विषय बन चुकी है। उन्होंने कहा कि जब बुनियादी ढांचे के लिए 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं तो वह लाखों रोजगार का सृजन करता है और रेलवे तथा राजमार्ग कनेक्टिविटी द्वारा यात्रा में सुगमता से आगे बढ़कर किसानों को नए बाजारों के साथ, पर्यटकों को नए आकर्षणों और छात्रों को उनके पसंदीदा कॉलेजों के साथ जोड़ता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ‘जन सेवा ही प्रभु सेवा’ – लोगों की सेवा करना ही ईश्वर की सेवा करना है, की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने जगन्नाथ जैसे मंदिरों और पुरी जैसे तीर्थयात्रा के स्थानों का उल्लेख किया जहां सदियों से प्रसाद का वितरण किया जाता रहा है और हजारों निर्धन व्यक्तियों को खाना खिलाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि इसी भावना के साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण स्कीम जैसी पहलें 80 करोड़ लोगों को निशुल्क राशन उपलब्ध करा रही हैं और आयुष्मान कार्ड, उज्ज्वला, जल जीवन मिशन तथा पीएम आवास योजना जैसी स्कीमें काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज गरीबों को वे सभी मूलभूत सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं जिसके लिए पहले उन्हें वर्षों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती थी।”

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत के तीव्र विकास के लिए राज्यों का संतुलित विकास भी समान रूप से आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्र के इस प्रयास को रेखांकित किया कि संसाधनों की कमी के कारण किसी भी राज्य को विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही कारण है कि 15वें वित्त आयोग ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के लिए उच्चतर बजट की अनुशंसा की। यह देखते हुए कि ओडिशा के पास विशाल मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों की संपदा प्राप्त है, प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सरकार ने उस खनिज अवयव संपदा को ध्यान में रखते खनन नीति में सुधार किया जिसके कारण खनिज संपदा वाले सभी राज्यों के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जीएसटी लागू होने के बाद से करों से होने वाली आय में भी बढोतरी हुई है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि इन संसाधनों का उपयोग राज्य के विकास एवं गांवों में रहने वाले निर्धन व्यक्तियों की सेवा करने में किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने पर पूरा ध्यान दे रही है कि ओडिशा सफलतापूर्वक प्राकृतिक आपदाओं का मुकाबला करने में सक्षम हो सके।” उन्होंने बताया कि सरकार ने आपदा प्रबंधन और एनडीआरएफ के लिए राज्य को 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक उपलब्ध कराए गए है।

अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पूरे देश में विकास की गति में तेजी आएगी और एक राष्ट्र के रूप में हम एक नए और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। इस अवसर पर, अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ ओडिशा के राज्यपाल श्री गणेशी लाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक, केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव तथा केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान भी उपस्थित थे।

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