केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश आकर्षित करने में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं,  भुगतान सुरक्षा तंत्र और ऋण वित्तपोषण के लिए बीमा की भूमिका पर जोर दिया

केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कल (13 जून, 2023) श्रमशक्ति भवन, नई दिल्ली में यूरोप और विदेश मंत्री से संबद्ध विकास, फ्रैंकोफोनी और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी राज्य मंत्री सुश्री क्रिसौला जचारोपोलू के साथ एक बैठक आयोजित की। सुश्री क्रिसौला जचारोपोलू भारत में फ्रांस के राजदूत श्री इमैनुएल लिनेन, श्री गुइलाउम पोट्टीयर, राज्य मंत्री के राजनीतिक सलाहकार और भारत में फ्रांस के दूतावास के राजनीतिक परामर्शदाता पाब्लो अहुमादा के साथ श्री आर.के. सिंह से मिलने आए थे। विचार-विमर्श का मुख्य केंद्र सौर ऊर्जा, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के संस्थागत ढांचे के तहत संचालित वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए सहयोग के बारे में था। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का भारत अध्यक्ष और फ्रांस सह-अध्यक्ष है।

“हमें उन देशों की मदद करने की ज़रूरत है जिन्हें ग्रीन फंड की ज़रूरत है”

केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने विशेष रूप से अफ्रीका में अधिक सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया। आर्थिक रूप से मजबूत देशों को स्वयं नवीकरणीय ऊर्जा निधियां मिलेंगी, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर देशों को हरित निधियों की जरूरत पड़ेगी। हमें ऐसे देशों की मदद करनी होगी, जिन्हें धन की जरूरत है।

दोनों पक्षों ने यह भी अवलोकन किया कि लगभग आधे अफ्रीकी महाद्वीप में बिजली की पहुंच उपलब्ध नहीं है। यह देखते हुए कि ऊर्जा परिवर्तन के साथ-साथ ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने इस दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को आगे बढ़ने में सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। दोनों पक्षों ने यह भी कहा कि अफ्रीका में डीकार्बोनाइजेशन की समस्या नहीं है, क्योंकि वहां पर वर्तमान में विद्युत उपलब्धता बहुत सीमित है। इस परिदृश्य में, सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत की पहुंच प्राप्त करना सबसे सस्ता और सरल विकल्प है।

हरित ऊर्जा बीमाभुगतान सुरक्षा तंत्र और ऋण वित्तपोषण की आवश्यकता

मंत्री ने कहा कि तीन निधियों- नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, भुगतान सुरक्षा तंत्र और ऋण वित्तपोषण हेतु बीमा की आवश्यकता जताई। एक बार स्थापित होने पर ये निधियां योगदान और ब्याज भुगतानों के कारण बढ़ेंगी, भारत में भी हमारा निवेश एक कोष की वजह से आ रहा है, जिसे भुगतान सुरक्षा तंत्र के रूप में स्थापित किया गया है।

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आर.के. सिंह ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को जोखिम मुक्त तंत्र स्थापित करना चाहिए और अधिक से अधिक हरित निधियों का उपयोग करना चाहिए तथा इस प्रकार अफ्रीका महाद्वीप में ग्रिड-स्केल सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। दोनों पक्षों ने नवीकरणीय ऊर्जा में केन्या की सफलता का जिक्र किया और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन द्वारा केन्या में आईएसए द्वारा एक सम्मेलन आयोजित करने के बारे में चर्चा की।

आर.के. सिंह ने दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल को यह बताया कि भारत में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन वैश्विक औसत का एक-तिहाई होने के बावजूद देश का ऊर्जा परिवर्तन सबसे तेज है। उन्होंने बताया कि आज हमारी 43 प्रतिशत क्षमता गैर-जीवाश्म ईंधन से प्राप्त होते हैं, हम वर्ष 2030 तक अपनी उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में अग्रणी बनने जा रहा है और देश तेज गति से नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि कर रहा है, जिससे आने वाले समय में देश को ऊर्जा की लागत कम करने में भी मदद मिलेगी।

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