मुंबई; टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन ने चैलेंज वर्क्स और वर्ल्ड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट के साथ साझेदारी में 9 मिलियन डॉलर ग्लोबल सिटी चैलेंज की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने की क्षमता के साथ शहरों को भविष्य के अनुकूल बनाने में मदद करना है। जैसे-जैसे शहरों का विकास होता है, लोगों और सामानों के विश्वसनीय, कुशल और समावेशी तरीकों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचने की चुनौतियाँ भी कम होती जाती हैं। इसके साथ ही, ट्रांसपोर्ट मोड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर डिज़ाइन, संचालन, ऊर्जा विकल्प और कनेक्टेड डेटा सिस्टम्स में नवाचार अपनाने के अवसरों को भी गति मिलती है।
सस्टेनेबल सिटीज़ चैलेंज (Sustainable Cities Challenge) का उद्देश्य नौकरियों, शिक्षा और अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुँच को न सिर्फ आसान बनाना है, बल्कि इसे बढ़ावा देकर लोगों के जीवन में सुधार भी करना है। यह गतिशील समाधानों को लागू करने के लिए शहरों और इनोवेटर्स को एक साथ लाएगा। ये समाधान कार्बन को कम कर सकते हैं, पहुँच में सुधार कर सकते हैं और सुलभ ट्रांसपोर्ट सिस्टम्स स्थापित करने के लिए डेटा का उपयोग कर सकते हैं।
रेयान क्लेम, डायरेक्टर- प्रोग्राम्स, टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन, ने कहा, “पिछले एक दशक के हमारे अनुभव के अनुरूप, स्थानीय शहरों में हमारी गतिविधियों के साथ जुड़ाव के महत्व को विशेष रूप से गति मिली है। सस्टेनेबल सिटीज़ चैलेंज के दौरान, हम नवाचार के समाधान खोजने के लिए उन शहरों के साथ जुड़ना जारी रखेंगे, जो भविष्य के अनुरूप शहरों के लिए एक स्केलेबल मॉडल विकसित करने हेतु महत्वपूर्ण हैं।”
प्रविष्टियों के लिए प्रमुख बिंदु
चुनौती के पहले चरण में, शहर के नेताओं, नगरपालिका सरकारों, परिवहन विभागों और अन्य संबंधित स्थानीय और क्षेत्रीय एजेंसीज़ के लिए प्रवेश खुले हैं। प्रविष्टियों को नीचे दिए गए तीन विषयों में से एक या अधिक के अनुसार प्रस्तुत किया जाना चाहिए:
परिवहन के सुरक्षित, किफायती और समावेशी साधनों तक पहुँच का विस्तार करना कनेक्टेड और सुलभ मोबिलिटी इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए डेटा की शक्ति का उपयोग करना कम कार्बन और नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों के माध्यम से पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना शॉर्टलिस्ट किए गए शहरों को अमेरिका में एक क्षमता निर्माण एकेडमी में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इस प्रकार, नवाचार को अपनाने वाले अन्य शहरों की टीमों के व्यापक नेटवर्क का हिस्सा बनकर, उन्हें अपनी चुनौती डिज़ाइन को विकसित करने में सहायता मिल सकेगी।
फरवरी 2024 में, वैश्विक इनोवेटर्स से प्रविष्टियों को आकर्षित करने के लिए सिटी चैलेंज की मेजबानी के लिए तीन विजेता शहरों का चयन किया जाएगा। इनोवेटर्स स्वदेशी हो सकते हैं; चयनित शहर या देश के रहवासी हो सकते हैं; या फिर दुनिया भर में कहीं से भी ताल्लुक रखने वाले हो सकते हैं, लेकिन समाधान सिर्फ विजेता शहरों के ही लागू होंगे।
वर्ष 2024 के अंत में प्रत्येक शहर के लिए विजेता इनोवेटर्स की घोषणा की जाएगी, और इसके तहत शहर व इनोवेटर्स फंडिंग में 9 मिलियन डॉलर साझा करेंगे, ताकि वे कुशलतापूर्वक अपने समाधानों का परीक्षण और अनुकूलन करने के लिए काम कर सकें।
अधिक स्थायी भविष्य के लिए गतिशील समाधान को बढ़ावा
तेजी से ऑनलाइन की तरफ रुख और काम के पैटर्न में बदलाव को देखते हुए, अब कई शहर नए तौर-तरीकों और जीवन शैली को अपना रहे हैं। वर्तमान में, दुनिया की आधी से अधिक आबादी शहरों में रह रही है। संयुक्त राष्ट्र ने भविष्यवाणी की है कि यह संख्या वर्ष 2050 तक बढ़कर दो-तिहाई हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, 70% वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन शहरों में ही होता है।
सस्टेनेबल सिटीज़ चैलेंज का वित्त पोषण टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन द्वारा किया गया है और इसे चैलेंज वर्क्स और वर्ल्ड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट के साथ साझेदारी में डिज़ाइन किया गया है। चैलेंज वर्क्स का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई सोच को विकसित करने और समाज के सामने आने वाली समस्याओं के रचनात्मक समाधान खोजने के लिए चुनौती कार्यक्रम विकसित करने में विशेष योगदान है। वर्ल्ड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट एक वैश्विक शोध संगठन है, जो व्यावहारिक समाधान विकसित करने के लिए भागीदारों के साथ मिलकर काम करता है। यह लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि विकसित होते रहना ही प्रकृति की पहचान है।
कैथी नोथस्टाइन, हेड- फ्यूचर सिटीज़, चैलेंज वर्क्स, ने कहा, “दुनिया भर के मेधावी लोग नवाचार के समाधान तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, ताकि गतिशीलता प्रणालियों को बेहतर बनाया जा सके और कम कार्बन फुटप्रिंट के साथ काम करने में मदद मिल सके। सस्टेनेबल सिटीज़ चैलेंज उन इनोवेटर्स को शहरों के साथ इंटरफेस करने में मदद करेगा, ताकि लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए स्थानीय जरूरतों के अनुसार समाधानों का परीक्षण और अनुकूलन किया जा सके। इस तरह की चुनौतियाँ वास्तविक दुनिया में नवाचार को गति देकर परिवर्तन के मुख्य स्त्रोत के रूप में कार्य कर सकती हैं।
शहरों को डीकार्बनाइज़ करने में मदद करने के साथ ही साथ गतिशीलता प्रणालियों को बदलने से, ये शहरों को वहाँ रहने वाले लोगों के लिए अधिक समावेशी और सुलभ बनाने में भी मदद करेंगी। वर्तमान में शहरों में रहने वाले 1.2 अरब लोगों के पास एक या अधिक प्रमुख सेवाओं तक पहुँच नहीं है।