वाराणसी : उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की 143 वीं जयंती के अपलक्ष्य में क्रिएटिव पपेट थिएटर ट्रस्ट बडालालपुर वाराणसी द्वारा कथा सम्राट के जयंती की पूर्व संध्या में मे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रख्यात कठपुतली कलाकार मिथिलेश दुबे व वरिष्ठ नागरिक अवधराज सिंह के द्वारा मुंशी जी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि से कार्यक्रम का आगाज़ हुआ। इस अवसर पर शास्त्री अवधराज सिंह ने कहा की प्रेमचन्द अद्धीतीय प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के धनी थे। वे सदैव गरीबोंʼ,मजदूरो तथा किसानो की समस्याओं को अपनी रचनाओ मे प्रमुखता से उठाते रहे । गरीब के प्रती अन्याय उनसे सहन नही होता था।
प्रेमचंद और संत तुलसी दास के जीवन में बहुत समानताएं देखने को मिलती है। इस लिहाज से हम मुंशी प्रेमचंद को संत प्रेमचंद भी कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। प्रख्यात रंग कर्मी मिथिलेश दुबे ने बताया की क्रियेटिव papet थियेटर ने कठपुतली कला के माध्यम से प्रेमचंद की कई रचनाओं पर नाट्य का निर्माण किया है। और लगातार उसकी प्रस्तुति स्कूल से लेकर गांव देहात के बच्चों को दिखाने के प्रयास करती रही है। जिससे प्रेमचंद के संदेश उनके जीवन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती रहें।
उनके एक कृति में प्रेम चन्द जी द्वारा विदेशी अन्याय के प्रतिरोध तथा देश भक्ति का सजीव चित्रांकन करते हुये उनकी देशभक्ति तथा अन्याय के प्रती अक्रोश को सफलता पुर्वक दिखाया गया है। उसी पर आधारित हमने भी एक कठपुतली नाट्य का निर्माण कर यू ट्यूब पर प्रदर्शित किया है। कार्यक्रम में उपस्थित कलाकारो में जयदेव दास, विशाल कुमार, जयप्रकाश तथा पंकज आदि ने मुंशी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हे नमन किया। संस्था की सचिव श्रीमती रम्भा सिंह ने सभी लोगो का अभार प्रकट करते हुये कलाकारो का उत्साह वर्धन कि।