प्रधानमंत्री ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर देश का भाग्य बदलने के प्रयासों के लिए नर्सों, डॉक्टरों और अन्य लोगों की सराहना की

जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 25,000 केंद्र करने का लक्ष्य है

नई दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में, देश भर से 50 नर्सों को उनके परिवार के सदस्यों के साथ लाल किले की प्राचीर से समारोह में भाग लेने और देखने के लिए विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। इन विशेष अतिथियों में सरपंचों, शिक्षकों, किसानों और मछुआरों से लेकर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के 1800 विशेष अतिथि शामिल थे।

 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश का भाग्य बदलने के प्रयासों के लिए नर्सों, डॉक्टरों और अन्य लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोविड ने हमें सिखाया है कि मानव केंद्रित दृष्टिकोण के बिना दुनिया का विकास संभव नहीं है।

देश के व्यापक स्वास्थ्य कवरेज में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने आयुष्मान भारत में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो बीपीएल परिवारों को 5 लाख रुपये की वार्षिक स्वास्थ्य गारंटी प्रदान करता है।

इस अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए, उन्होंने 200 करोड़ से अधिक कोविड टीकाकरण की उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त करने में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, विशेष रूप से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं के समर्पण और लगातार प्रयासों के लिए उनके अनुकरणीय योगदान की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा, “कोविड के दौरान और उसके बाद भारत ने जो दुनिया की मदद की, उसने भारत को दुनिया के लिए एक मित्र के रूप में स्थापित किया है।”

एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य और एक भविष्य के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “जन औषधि केंद्रों ने 20,000 करोड़ रुपये की बचत करके देश के मध्यम वर्ग को नई ताकत दी है। उन्होंने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि देश आने वाले दिनों में जन औषधि केंद्रों की मौजूदा संख्या 10000  से बढ़ाकर 25,000  केंद्र करने के लक्ष्य की दिशा में काम करने जा रहा है।

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