भारतीय लोक प्रशासन संस्थान शासन में साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता के अध्ययन पर, विशेष रूप से गैर-राज्य और राज्य संस्थाओं द्वारा डेटा के लिए संभावित साइबर खतरों पर ध्यान केंद्रित करेगा : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अंतर्गत लोक प्रशासन के लोकाचार से संबंधित धाराओं में प्रशिक्षण, अनुसंधान और सूचना प्रसार के लिए राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एक स्वायत्त शैक्षणिक संस्थान, प्रतिष्ठित भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), शासन में साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता के अध्ययन पर, विशेष रूप से गैर-राज्य और राज्य संस्थाओं द्वारा डेटा के लिए संभावित साइबर खतरे पर ध्यान केंद्रित करेगा।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन तथा परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह बात आज नई दिल्ली में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) की कार्यकारी परिषद की बैठक के 323वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। डॉ. जितेंद्र सिंह भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के अध्यक्ष भी हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने संस्थान से एक सुरक्षित और प्रभावी साइबर स्पेस विकसित करने और सरकारी अवसंरचना में डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा के लिए स्वयं को समर्पित करने का आह्वान किया।

इस वर्ष के आरंभ में मई में, नई दिल्ली में देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान और अस्पताल, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को साइबर धोखाधड़ी करने वालों द्वारा निर्देशित मैलवेयर की एक श्रृंखला द्वारा अक्षम कर दिया गया था। साइबर सुरक्षा फर्म क्लाउडसेक की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में भारत की सरकारी एजेंसियों पर साइबर हमले दोगुने से अधिक हो गए। सरकारी एजेंसियों पर कुल साइबर हमलों में भारत की हिस्सेदारी वर्ष 2021 में 6.3 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022 में 13.7 प्रतिशत हो गई।

भारतीय लोक प्रशासन संस्थान की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बैठक के दौरान यह स्वीकृति दी कि वर्ष 2024 के लिए भारतीय लोक प्रशासन संस्थान का अगला शैक्षणिक सत्र जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने में भारत की भूमिका के अलावा ई-गवर्नेंस पहल और समावेशी सेवा वितरण पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। ये विषय संस्थान की पत्रिका – लोक प्रशासन पर भारतीय पत्रिका का विषय बनेंगे, जबकि इसका हिंदी रूपान्तरण ‘लोक प्रशासन’ – सतत विकास विषय पर केंद्रित होगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, पिछले नौ वर्षों में, प्रौद्योगिकी, स्वच्छता (स्वच्छता अभियान), उत्तरदायित्व और सरकारी कामकाज में पारदर्शिता में आदर्श परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन की नई दिल्ली घोषणा में ‘डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना प्रणाली के लिए जी-20 की रूपरेखा’ का समर्थन किया गया था, जिसमें सेवाओं को प्रदान करने में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की भूमिका को मान्यता दी गई थी। उन्होंने भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कुशल उपयोग का आह्वान किया था।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने उल्लेख किया कि भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के पास नए ज्ञान का एक विशाल भंडार उपलब्ध है। उन्होंने सदस्य सचिव और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के महानिदेशक एसएन त्रिपाठी से भारतीय लोक प्रशासन संस्थान की वेबसाइट https://www.iipa.org.in/ पर तैयार की गई विषय विशिष्ट व्याख्यान श्रृंखला को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित करने का आह्वान किया ताकि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा और अन्य परीक्षाओं में शामिल होते समय इच्छुक युवा इसका लाभ उठा सकें। 

उन्होंने कहा, “भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के पास विभिन्न विषयों के प्रश्न-पत्रों के लिए उपयोगी ज्ञान का इतना विशाल भंडार है जिसका उपयोग हर कोई अपने करियर को आकार देते समय कर सकता है। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान निजी रूप से संचालित कई प्रशिक्षण सस्थाओं को कड़ी टक्कर दे सकता है।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान से विभिन्न सरकारी क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के एकीकरण का आह्वान करते हुए सफलता की दस कहानियों की पहचान करके और उन्हें लघु वीडियो के रूप में प्रस्तुत कर सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भी कहा।

उन्होंने कहा, “भारतीय लोक प्रशासन संस्थान में क्षमता निर्माण आयोग के साथ अपने कार्यक्रमों को एकीकृत करके नए ज्ञान के केंद्र के रूप में उभरने की क्षमता है।”

पिछले वर्ष, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान ने बिहार, महाराष्ट्र और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों (एटीआई), इलाहाबाद उच्च न्यायालय, जम्मू-कश्मीर शहरी स्थानीय निकाय आदि के साथ राज्य सरकार के अधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू किया। राज्य सरकारों के लिए कुल 32 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए।

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