सरकार भारत को विश्व की फूड बास्केट बनाने की दिशा में कोई कमी नहीं छोड़ रही : श्री शिवराज सिंह चौहान

देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 18 प्रतिशत रहा है। खासकर कोविड के समय सारी दुनिया को यह पता चल चुका है कि भारत का कृषि क्षेत्र अन्य देशों से मजबूत है। इस क्षेत्र को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार सदा प्रयासरत है। इस क्षेत्र के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्वता को जताते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत को विश्व की फूड बास्केट बनाने की दिशा में उनकी सरकार कोई कमी नहीं छोड़ रही है। आज पूणे स्थित गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान (एईआरसी) प्लेटिनम जुबली सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि शोधकर्ताओं का कार्य केवल लैब तक ही सीमित न रहे बल्कि उसे किसानों तक भी पहुंचाया जाये। इस दिशा में उनकी सरकार कई पहलुओं पर काम कर रही है। भारत की संस्कृति सभ्यता बहुत पुरानी है। इसी के साथ ही कृषि क्षेत्र भी जुड़ा हुआ है। विशेषकर द्वितीय विश्व युद्व के बाद पूरी दुनिया को एक परिवार की दृष्टि से देखने का काम भारत ने ही शुरू किया है और पूरे विश्व को इस दिशा में मार्गदर्शन दिया है।

यह धरती सिर्फ मनुष्यों के लिए ही नहीं बनी है यह कीट पतंगों जैसे सारे जीवों के लिए बनी है। कीटनाशकों के अनियन्त्रित प्रयोग को रोकने का आह्वान करते हुए श्री चौहान ने कहा कि यह समय की मांग है कि हमें प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ना है और इसे पूरी इच्छाशक्ति से आगे बढ़ाना होगा। इससे उत्पादन में वेल्यू एडिशन होगा। किसानों की भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार किसानों के उत्पादों को दूर दराज के क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए नई योजना पर काम कर रही है। इसके तहत किसानों को अपने उत्पादों को अन्य राज्यों व बाजारों तक पहुंचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर योजना बना रहे हैं। 

आज हम पूणे स्थित गोखले राजनीति एवं अर्थशास्त्र संस्थान (एईआरसी) की प्लेटिनम जुबली मना रहे हैं। इस अवसर पर सभी शोधकर्ताओं और छात्राओं को बधाई देते हुए श्री चौहान ने कहा कि इसी 70 साल में हमने क्या पाया और क्या खोया है। इसका अवलोकन करना समय की मांग है। इस दिशा में तकनीकी व्यवस्थाओं को और मजबूत करने पर जोर देते हुए श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिक और किसानों को एकत्र होकर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। श्री चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की सहायता के लिए डीडी किसान चैनल पर एक विशेष कार्यक्रम आधुनिक कृषि चौपाल शुरू किया। यह एक ऐसा मंच है जिसमें किसान, शोधकर्ता और वैज्ञानिक बैठकर कृषि क्षेत्र की समस्याओं व नये अवसरों पर अपनी विचारों का आदान प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी जानकारियां केवल अंग्रेजी भाषा में ही सीमित न रहें इसको भारत की विभिन्न भाषाओं में भी प्रकाशित करना आवश्यक है ताकि लैब टू लैंड की दूरी को पूरा किया जा सके।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 25 दिसम्बर 2024 को नदी जोड़ों परियोजना का शुभारंभ करेंगे। इस योजना के बारे में बताते हुए श्री चौहान ने कहा कि देश में कई हिस्सों में कभी बाढ़ आती है तो कई हिस्सों में सूखा पड़ता है। ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक विशेष नदी जोड़ों परियोजना का शुभारंभ जल्दी ही होगा। इस योजना से जहां ज़्यादा बारिश होती है और जहां सूखा पड़ता है उन क्षेत्रों को इससे लाभ पहुंचेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी चाहिए जिससेकम पानी में ज़्यादा सिंचाई हो।

कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन की लागत कम करने पर जोर देते हुए श्री चौहान ने कहा कि पिछले साल उनकी सरकार 1.94 मिटिक टन सब्सिडी किसानों को प्रदान की गई है। किसान को अगर तुरंत पैसा चाहिए तो इसके लिए उन्हें महाजन के पास जाना न पड़े इसीलिए उन्हें सरकार ने तुरंत धनराशि मुहैया कराने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान की है। 2014 से 2024 के बीच उनकी सरकार बहुत सारे उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है इससे किसानों को बड़े पैमाने पर राहत मिल रही है। उन्होंने कहा है कि हमें हर समय आयात पर निर्भर नहीं होना चाहिए इसीलिए हमें ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जिससे किसानों को अधिक लाभ मिल सके।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »