गरीबी और अशिक्षा का भंवर.. : अतुल मलिकराम

-अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद भी आज देश में आन्तरिक तौर पर देखा जाए, तो हजारों समस्याएँ देखने को मिल जाएँगी। कहने को तो हम आज विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुके हैं, लेकिन आज भी देश में करीब 53 करोड़ लोग गरीबी और अभाव का जीवन जी रहे हैं। आज देश में जितने लोग गरीब हैं, उनमें एक समानता अशिक्षा है। इनके गरीब होने के कई कारणों से में एक कारण शिक्षा का अभाव है। शिक्षा नहीं है तो कमाने का साधन नहीं है और जब कमाई नहीं, तो जाहिर है व्यक्ति के लिए गरीबी के जाल को तोड़ पाना संभव नहीं..।

इसका एक पहलू यह भी है कि जो व्यक्ति गरीब है जैसे-तैसे एक वक्त की रोटी जुटा पाता है, उसके पास बुनियादी जरूरतों की कमी है। वह भला शिक्षा के बारे में कहाँ से सोच पाएगा? इस तरह गरीबी और अशिक्षा का यह चक्र एक ऐसा भंवर बनाता है, जिससे निकल पाना लगभग असंभव हो जाता है। इस तरह गरीबी का प्रकोप पीढ़ियों तक बना रहता है, जिससे निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आता.. अशिक्षा और गरीबी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, इनसे उबरने के लिए किसी एक को खत्म कर दिया जाए, तो दूसरी समस्या अपने-आप ही खत्म हो जाएगी। लेकिन, समस्या यह है कि किसी में से भी निकल पाना दूसरे के बिना संभव नहीं है। बात करें गरीबी की, तो गरीबी से निकलने का एक ही उपाय है, शिक्षा। यहाँ शिक्षा का मतलब केवल बड़ी-बड़ी डिग्रीज़ हासिल करना ही नहीं है। यहाँ शिक्षा का अर्थ उन सभी साधनों से है, जिससे अपनी स्थिति में सुधार किया जा सकता है, फिर चाहे वो कोई कौशल हो या अपने अधिकारों के लिए जागरूकता या जानकारी हो। इन तरीकों से ही गरीबी से उबरा जा सकता है, क्योंकि शिक्षा ही गरीबी की जंजीरों को तोड़ सकती है।

लेकिन सवाल उठता है कि एक गरीब के लिए किसी भी तरह की शिक्षा पाना एक सपने जैसा ही है? एक आदमी जो अपने और अपने परिवार के लिए एक वक्त की रोटी नहीं जुटा सकता, उसके लिए पढ़ाई-लिखाई दूर के ख्वाब ही तो हैं। जिस घर में बड़ों से लेकर बच्चों तक रोटी की जुगाड़ में लगे हैं, वहाँ शिक्षा जैसे शौक कौन पलता है भला..? और इस तरह गरीबी का दौर पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहा है।

गरीबी की जड़ों की गहरा करने में अशिक्षा के योगदान इतना गहरा है कि इसे समझ पाना कठिन है। प्रत्यक्ष रूप से तो अशिक्षा गरीबी का कारण है ही। अप्रत्यक्ष रूप से भी इसका प्रभव बहुत गहरा है। अशिक्षा बेरोजगारी का कारण तो बनती ही है, साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता न होने से यह जनसँख्या वृद्धि का कारण भी बन जाती है। यही जनसँख्या वृद्धि भुखमरी और कुपोषण को बढ़ाती है, जिससे गंभीर बीमारियों का खतरा गहराता है। सभी समस्याएँ किसी जंजीर की कड़ियों की तरह एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं, जिसकी मुख्य कड़ी अशिक्षा है।

जैसा कि मैंने पहले भी कहा, इस चक्रव्यूह से निकलने का एक ही रास्ता है, वह है शिक्षा। शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है, जो इन सभी समस्याओं की जंजीरों को तोड़ सकती है। इसलिए सबसे पहले गरीबी की मार झेल रहे इन लोगों को शिक्षित करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सभी का योगदान आवश्यक है। मुख्य रूप से सरकार को इसके लिए प्रयास करने चाहिए। इसका पहला कदम शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इसी के साथ मुफ्त शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए जा सकते हैं, जिससे इन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके। सिर्फ सरकार ही क्यों? यह हम भी कर सकते हैं। किसी गरीब को दो-चार पैसे देने की जगह उसे कुछ सिखा दिया जाए, जिससे वह अपनी रोजी रोटी कमा सके या उसकी योग्यता के अनुसार यदि कोई काम दिलवा सके, तो उसे रोजगार में लगाया जा सकता है। यह सहायता कुछ पैसों से ज्यादा लाभदायक होगी। इसके साथ ही गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दी जा सकती है। इससे इन बच्चों को गरीबी के जाल से निकाला जा सकेगा। युवाओं और महिलाओं को कौशल सिखाया जा सकता है, जिससे वे आत्मनिर्भर हो सकें।

अशिक्षा और गरीबी के इस भंवर से देश को उबारने के लिए जरूरी है कि समाज के हर तबके से सहयोग मिले। शिक्षा को केवल सरकारी प्रयासों तक सीमित न रखते हुए, इसे एक सामाजिक आंदोलन का रूप दिया जाना चाहिए। शिक्षित और सक्षम नागरिकों को आगे आकर इन वंचित वर्गों के साथ जुड़ने की जरूरत है। चाहे वह बच्चों को पढ़ाना हो, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल सिखाना हो या किसी गरीब परिवार को अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करना हो, हर छोटा कदम इस दिशा में बड़ा परिवर्तन ला सकता है। हमें यह समझना होगा कि जब तक समाज के सभी वर्गों का विकास नहीं होगा, तब तक देश का समग्र विकास संभव नहीं है। इसलिए, शिक्षा के माध्यम से गरीबी और अशिक्षा के इस दुष्चक्र को तोड़ना हमारा पहला और सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए। यही वह नींव है, जिस पर एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण किया जा सकता है।

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »