वाणिज्यिक कोयला खनन और एमडीओ को उपयुक्‍त ऋण-वित्तीय सहायता देने पर कार्यशाला

आरईसी लिमिटेड ने हाल में नई दिल्ली में ‘वाणिज्यिक खनन और एमडीओ को उपयुक्‍त ऋण-सहायता देने’ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में कोयला मंत्रालय के सचिव श्री अमृत लाल मीणा, कोयला मंत्रालय के अपर सचिव और नामित प्राधिकारी श्री एम. नागराजू, आरईसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री विवेक कुमार देवांगन के साथ-साथ कोयला उद्योग और सरकार के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया।

कार्यशाला की शुरुआत श्री विवेक कुमार देवांगन द्वारा गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुई। अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, श्री देवांगन ने कहा कि आरईसी देश में खनन उद्योग की विकास यात्रा में भागीदार बनने का इच्छुक है।

मुख्य भाषण के दौरान कोयला सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से वाणिज्यिक कोयला खदानों के लिए ऋण उपलब्धता के संबंध में उनके समक्ष रखे गए प्रस्तावों पर काम करते हुए उचित समाधान खोजने का आग्रह किया है। उन्होंने दोहराया कि कोयला खनन एक अच्छा और लाभकारी दीर्घकालिक व्यवसाय है, जिसमें कोयला खदानों के आवंटन के 3-4 साल से निश्चित रिटर्न मिलने लगता है। श्री मीणा ने आरईसी की पहल और ईएसजी नियमों के अनुपालन में खनन क्षेत्र के स्‍थायी विकास और वित्तीय व्यवहार्यता के बीच संतुलन बनाने की प्रतिबद्धता और खनन उद्योग की विकास यात्रा में भागीदार बनने की इच्छा की सराहना की। उन्होंने परिचालन अवधि के अंत तक पहुंचने के बाद कोयला खदानों को कुशलतापूर्वक बंद करने और पंप भंडारण सुविधाओं, सौर पार्क आदि जैसे स्थायी प्रयासों के लिए ऐसी थकी हुई खदानों को फिर से जीवंत करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। सचिव ने खनन के स्थायी तरीकों के प्रति प्रतिबद्धता को आश्वस्त किया और बताया कि कोयला मंत्रालय भूमिगत खदानों से उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोयला क्षेत्र विकास के चरण में है और बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाकर कोयला आयात को कम करने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए।

अपर सचिव और नामांकित प्राधिकारी (कोयला) श्री एम. नागराजू ने कहा कि मंत्रालय कोयले की मांग को पूरा करने के लिए विभिन्न उपाय कर रहा है और पिछले चार वर्षों में वाणिज्यिक उपयोग के लिए 91 कोयला खदानों की नीलामी की है। उन्होंने बताया कि एक कोयला खदान का वित्तपोषण पहले ही पूरा हो चुका है और दो कोयला खदान परियोजनाओं को वित्‍तीय सहायता देने के लिए मूल्यांकन अंतिम चरण में है। समझौतों में ऋणदाताओं के हितों की रक्षा का प्रावधान भी किया गया है। यह क्षेत्र मजबूत और जिम्मेदार बन रहा है और उन्होंने आरईसी से कोयला खनन क्षेत्र में निवेश पर विचार करने और कोयला खदानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया, जिससे इसके तेजी से संचालन में मदद मिलेगी।

कार्यशाला में प्रतिभागियों को बताया गया कि देश में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत विश्व औसत का एक तिहाई है और इसमें काफी वृद्धि होने वाली है। इसमें अधिकांश योगदान कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों का होगा।

कार्यशाला में भाग लेने वाले आवंटित कोयला ब्लॉकों के प्रतिनिधियों और कोयला खदानों के एमडीओ ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कोयला क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कोयला मंत्रालय और आरईसी द्वारा की गई पहल की सराहना की।

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Translate »