गहरी और भरपूर नींद लेना बहुत जरूरी

सुबह स्वस्थ और तरोताजा उठने के लिए गहरी और भरपूर नींद लेना बहुत जरूरी है। इन टिप्स के जरिए गहरी और भरपूर नींद मिल सकती है। सबसे महत्वपूर्ण टिप है भंवरे की तरह गुनगुनाना यानी सोते समय भ्रामरी प्राणायाम करना। नींद पूरी न होने पर कई शारीरिक परिवर्तन होते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह खराब हो जाती है। पाचन संबंधी सभी क्रियाएं मंद हो जाती हैं और खाया पिया हजम नहीं होता है। पूरे मुंह में छाले आ जाते हैं। त्वचा पर किसी भी ब्यूटी प्रॉडक्ट की रिएक्शन होने लगती है। त्वचा पर रैशेस उभर आते हैं। थकान पूरी तरह निकल नहीं पाती है और शरीर की ताजगी लौटने से पहले ही दो बारा काम पर चले जाते हैं।

DiSano Pure Honey 500 g (pack of 1)62%
₹260.00 (₹52.00 / 100 ml)

लंबी और गहरी सांस का क्या है फायदा?

गहरी और लंबी सांस लेने से फेफडों में भरपूर ऑक्सीजन समाती है जो ब्लड के जरिए पूरे शरीर में पहुंच जाती है। शरीर की प्रणाली में एक पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम होता है जो शरीर के नींद में पहुंचने के बाद पूरे शरीर को नियंत्रित करता है। इसलिए जरूरी है कि बिस्तर पर जाते समय मस्तिष्क शांत रहे।

आनंदी उर्फ एलिसन फ्रांसिस यूके में रहती हैं और बीते 25 सालों से स्लीपिंग कोच के रूप से जानी जाती है वह सारी दुनिया के तनावग्रस्त एग्जीक्यूटिव और व्यस्त मांओं को गहरी और शांत नींद कैसे लें यह सिखाती है। गहरी नींद लाने के लिए मेलाटोनीन नामक एक हार्मोन जिम्मेदार होता है। यह हार्मोन अंधेरे में पैदा होता है। जब भी किसी व्यक्ति को तनाव बढऩे, कार्य की अधिकता होने तथा खराब जीवनशैली के कारण पूरे शरीर के हार्मोन असंतुलित होते हैं तो उसकी नींद भी पूरी तरह खराब हो जाती है। अगर वह पूरी तरह अनिद्रा का शिकार नहीं होता तो नींद टूट-टूट कर आती है।

डीप स्लीप सायकल

सोने के लिए आधी रात को बिस्तर में जाना कुछ ठीक नहीं है क्योंकि जब शरीर पूरी तरह थका होता है। हम तभी डीप स्लीप की बड़ी साइकिल्स में जा पाते हैं जब शरीर थका हुआ न हो। पहले शुरूआती 3 घंटों की नींद सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि जैसे जैसे रात आगे बढ़ती जाती है हमारी नींद की साइकिल कम होती जाती है मस्तिष्क को तरोताजा रखने के लिए रैपिड आई मूवमेंट (आईएम) वाली नींद होना चाहिए।

क्या होता है मस्तिष्क में नींद के दौरान

नींद के दौरान मस्तिष्क पांच विभिन्न चरणों से होकर गुजरता है। इनमें एक चरण है रैपिड आई मूवमेंट यानी आर एम स्लीप। इस एक चरण के अलावा बाकी के शेष चरणों को नॉन आई एम स्लीप कहा जाता है। बिस्तर पर जाने के बाद शुरुआती 90 मिनट में ही आरईएम वाली नींद आ जाती है और यह स्लीप साइकिल पूरी रात थोड़ी-थोड़ी देर में रिपीट होती रहती है। किसी भी वयस्क की पूरी नींद की साइकिल में 20 से 25 प्रतिशत आरईएन स्लीप साइकिल का होता है जबकि बच्चों में 50 प्रतिशत आरईएम साइकिल की होती है। अधिकांश सपने आरईएम साइकिल के दौरान ही आते हैं और यह साइकिल हमारे पूरे जीवन भर सीखने, याददाश्त और मूड को नियंत्रित करने में प्रमुख भूमिका निभाती है।

चिड़चिड़ापन और बैचेनी रहती है

यदि मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में आरईएम स्लीप न मिले तो वह दूसरे दिन बहुत चिड़चिड़ा और बेचौन रहता है। यदि यही अवस्था लंबे समय तक कायम रहे तो अल्जाइमर डिजीज होने की आशंका रहती है।

हमारे हाथ में है सांसो को नियंत्रित करना

हम अपने मस्तिष्क और हार्मोन या दिल को नियंत्रित नहीं कर सकते लेकिन हम अपनी सांसो के पैटर्न को बदल सकते हैं। जैसे ही हम ऐसा करते हैं तो हमारा हार्ट रेट नियंत्रित हो जाता है और मस्तिष्क शांत होने लगता है। याद रहे कि एक तनावग्रस्त एवं अनिद्रा से पीडि़त व्यक्ति की सांस बहुत तेज-तेज चलती है और उसके फेफड़ों में पूरी तरह ऑक्सीजन नहीं जाने पाती। इस तरह उसका सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम भी प्रभावित होता है।

नींद की लय लौटाएं

सुबह 6 बजे उठना और रात को 10 बजे सो जाने से एक बेहतर रिदम बन जाती है। यह लय प्रकृति के करीब भी है। उठने के समय सूर्य निकलने वाला होता है। सूरज निकलने के साथ ही सिरोटोनीन नामक हारमोन निकलने लगते हैं जिन्हें हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है। इस समय नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनीन कम होते-होते गायब हो जाता है।

मुंह से सांस न लें

अपनी सांस लेने की प्रक्रिया पर ध्यान दें। यह देखें कि मुंह से सांस ले रहे हैं या नाक से। गहरी सांस हमेशा 20 या इससे अधिक सेकंड्स की होती है। इससे कम समय तक टिकने वाली सांस गहरी सांस नहीं मानी जाती है। इस तरह अपनी उखड़ी हुई सांसों से मुक्ति पाएं और नींद की सायकल को ठीक करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाएं। गहरी सांस की प्रैक्टिस करते समय अपने किसी साथी को साथ में रखें। उसे पसलियों पर हाथ रखने के लिए कहें। अब गहरी सांस भरते हुए पसलियों पर जोर डालें और फेफड़े फुलाते हुए अपने साथी के हाथों को पसलियों से परे धकेलने का प्रयत्न करें। सांस इतनी गहरी हो कि दोनों कंधे कान तक खिंचकर आ जाएं।

सांसें बता देती हैं नींद का हाल

यदि आपकी सांसें बहुत हल्की और जल्दी-जल्दी आ जा रही हों तो जान लें कि आपनी नींद भी खराब है और पाचन प्रक्रिया भी। याद रखें कि जितनी अधिक अवधि सांस छोडऩे में लगेगी आपका मस्तिष्क भी उतना ही शांत रहेगा। अनिद्रा के शिकार किसी भी युवा के लिए शरीर और मस्तिष्क को पुन: संतुलित अवस्था में लाने के लिए कम से कम छह माह का वक्त लगता है। हम भले ही भूख सहन कर सकते हों लेकिन हम नींद की कमी सहन नहीं कर पाते हैं। मेलाटोनीन को मैजिक हारमोन भी कहा जाता है क्योंकि यह एक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट है और एंटी एजिंग के तौर पर जाना जाता है।

हारमोन टेस्ट कराएं

मेलाटोनीन नामक हार्मोन की मात्रा शरीर में कितनी इसकी जांच जरूर कराएं। मेलाटोनीन हार्मोन कम होगें तो मरीज अवसादग्रस्त हो सकता है। इसके साथ ही उसके शरीर की बूढ़ा होने की प्रोसेस भी तेज गति पकड़ लेती है। इस टेस्ट से मालूम हो सकेगा कि स्लीप हार्मोन ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। शरीर कितना मेलाटोनीन निकाल रहा है और कितना शरीर में जज्ब हो रहा है ये दोनों बातें इस पर निर्भर हैं कि आप कितनी जल्दी बिस्तर पर सोने के लिए चले जाते हैं। इसके अलावा कृत्रिम रोशनी में कितनी देर काम कर रहे हैं और मौसम में आया बदलाव भी नींद पर असर डालता है।

सांसों को समर्पित कर दें

हममें से अधिकांश लोग सांस लेने की सही तकनीक नहीं जानते हैं। हम सभी आधी अधूरी सांस लेते हैं। इसका अर्थ यह है कि सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम हमेशा सक्रिय बना रहता है। इसकी वजह से हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ रहता है। इसी की वजह से नींद आने में दिक्कत होती है। दिन के ऊजाले में भी रहें कुछ देर सूर्य का प्रकाश सिरोटोनीन नामक हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए दिन में कभी न कभी कुछ वक्त सूर्य के प्रकाश में जरूर बिताएं। इसके अलावा यदि सुबह के समय यदि आप कुछ समय तक वॉक करते हैं तो मस्तिष्क रिलेक्स हो जाता है। मस्तिष्क के रिलेक्स होने पर आप ज्यादा सक्रिय और रचनात्मक हो जाते हैं।

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Translate »