केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने महात्मा गांधी नरेगा के लाभार्थियों, नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों, क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं और राज्यों, जिलों, ब्लॉकों और ग्राम पंचायतों के अधिकारियों के साथ चर्चा की

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आज ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता में, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को और सुढ़ृढ बनाने के लिए “ब्रेनस्टार्मिंग” सत्र का आयोजन किया गया। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने मनरेगा वर्कर्स, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों-पदाधिकारियों, लगभग 20 राज्यों के कमिश्नर व अन्य अधिकारियों, जिलों, ब्लॉकों एवं ग्राम पंचायतों के अधिकारियों के साथ सीधी चर्चा की। इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रमुख हितधारकों में राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान और डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी, सचिव (ग्रामीण विकास) श्री शैलेश कुमार सिंह, अतिरिक्त सचिव (ग्रामीण विकास) श्री टी.के.अनिल कुमार, संयुक्त सचिव (ग्रामीण रोजगार) सुश्री रोहिणी आर. भाजीभाकरे और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और कई नागरिक समाज संगठनों (एनजीओ) के अन्य हितधारकों ने भाग लिया।

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के संबंध में प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे गरीब भाइयों-बहनों के लिए मनरेगा बहुत महत्वपूर्ण योजना है, जिसे और बेहतर बनाने के लिए संबंधित लोगों के साथ संवाद कर सुझाव लिए जा रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विचार सत्र में कहा कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं है, बल्कि ग्रामीण भारत के लाखों लोगों के जीवन में स्थिरता व सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण साधन है। कोविड के समय तो मनरेगा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में किए गए उपायों के साथ गरीबों के लिए वरदान बन गई थी। फैक्टरियां बंद होने से लाखों लोगों को मनरेगा द्वारा आजीविका मिली। मनरेगा में बहुत बड़ी धनराशि केंद्र सरकार देती है, जिसका सदुपयोग होना चाहिए। जिन उद्देश्यों के लिए यह योजना है, वे पूरे होना चाहिए। शिवराज सिंह ने कहा कि हम कोई भी योजना बनाते है तो सिर्फ अधिकारियों के साथ बैठकर नहीं, बल्कि सभी संबंधित लोगों से संवाद कर काम करते हैं, ताकि वह अधिकाधिक प्रभावी हो। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते हुए भी किसानों, महिलाओं एवं अन्य वर्गों के लिए योजनाएं, उनसे चर्चा करके, सुझाव लेकर बनाई गई। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जमीन पर काम करने वाले संबंधितों से बात करके प्रभावी योजनाएं बनाई जा सकती है। जब तक उनसे चर्चा नहीं करेंगे, सही फीडबैक नहीं मिलेगा। जमीनी स्तर पर कहां तकलीफ है, और क्या अच्छा हो सकता है, ये काम करने वाले, मानीटरिंग वाले अच्छी से बता सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने कहा कि मनरेगा हितग्राहियों को लाभान्वित करने वाली एक बड़ी योजना है। इसमें टेक्नालाजी के माध्यम से भी सुधार किया गया है, बहुत बेहतर काम हुआ है, लेकिन फिर भी कुछ शिकायतें आती है, जिनका समाधान करना आवश्यक है। यह अवसर हमें ग्रामीण भारत के विकास के संकल्प को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। यह मंथन हमारे ग्रामीण भारत के सशक्तिकरण व इस योजना को और बेहतर बनाने की दिशा में एक सार्थक पहल है। आज की चर्चा इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए नए सुझाव और दिशा तय करने का मौका है।

सत्र के दौरान समय पर मजदूरी भुगतान, बॉटम-अप योजना, योजना के तहत अधिकार और पात्रता, प्रौद्योगिकी का उपयोग, जॉब कार्ड से संबंधित मुद्दे, कार्यों की गुणवत्ता एवं निगरानी तथा शिकायत निवारण तंत्र आदि से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने सभी हितधारकों के प्रति उनके बहुमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त करते हुए सत्र का समापन किया। उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान प्राप्त सुझाव मनरेगा को और बेहतर बनाने में उपयोगी होंगे। विचार-मंथन सत्र ग्रामीण विकास योजनाओं को प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में 2047 तक, यानी अमृतकाल में विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ जोड़ने के मंत्रालय के बड़े प्रयासों का हिस्सा है।

मनरेगा से करोड़ों मजदूरों को रोजगार- मनरेगा के माध्यम से इस वित्तीय वर्ष में अब तक पूरे देश में लगभग 5 करोड़ परिवारों के 6.7 करोड़ से अधिक मजदूरों को रोजगार प्रदान किया गया है। मनरेगा में रोजगार प्राप्त करने वाले लोगों में आधे से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं, जो नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। महिलाओं के साथ-साथ मनरेगा ने समाज के हाशिए पर खड़े लोगों, जैसे कि अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को लाभान्वित कर समावेशी विकास को प्रोत्साहित किया है, जो हमारे देश के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

स्थायी ग्रामीण बुनियादी ढांचों का निर्माण- मनरेगा के तहत सिर्फ रोज़गार ही नहीं दिया गया है, बल्कि स्थायी ग्रामीण बुनियादी ढांचों का निर्माण भी किया गया है। इसके तहत गरीब परिवारों और समुदायों के लिए बुनियादी ढांचे, सामाजिक विकास एवं कृषि पहल से सबंधित विभिन्न टिकाऊ और उत्पादक परिसंपत्तियों का निर्माण किया गया है, जिससे गरीबी उन्मूलन, सामाजिक समावेशन और ग्रामीण विकास को गति मिल रही है। मनरेगा में 9.39 करोड़ परिसंपतियों का निर्माण किया गया है व चालू वर्ष में 63.4 लाख विभिन्न टिकाऊ एवं उत्पादक परिसंपतियों का निर्माण किया जा चुका है।

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