भारत ने पेश की क्वांटम तकनीक के लिए पहली अंतर्राष्ट्रीय रणनीति – वैश्विक मंच पर उठाया बड़ा कदम

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के कार्यालय ने क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की वैश्विक उपस्थिति को सशक्त बनाने के लिए एक ऐतिहासिक पहल की है। क्वांटम तकनीक के लिए भारत की पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अनुबंध रणनीति (ITES-Q) का पहला संस्करण आज जारी किया गया। यह पहल देश की खोज, नवाचार और अपनाने की गति को तेज करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

इस रिपोर्ट का औपचारिक अनावरण PSA प्रोफेसर अजय कुमार सूद द्वारा विश्व क्वांटम दिवस 2025 के मौके पर किया गया, जिसे हर वर्ष 14 अप्रैल को मनाया जाता है। यह वर्ष इसलिए भी विशेष है क्योंकि 2025 को संयुक्त राष्ट्र और उसके सदस्य देशों द्वारा क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया गया है।

ITES-Q: भारत की वैश्विक दृष्टि

ITES-Q रिपोर्ट भारत की बाह्य-उन्मुख रणनीति को स्पष्ट करती है, जो सरकार, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के लिए एक व्यवहारिक रोडमैप प्रस्तुत करती है। यह रणनीति भारत के राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) की आकांक्षाओं के साथ मेल खाते हुए, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, निवेश, शोध और नवाचार को गति देने के लिए तैयार की गई है।

रिपोर्ट घरेलू और वैश्विक हितधारकों को उनके सहभागिता लक्ष्यों के अनुरूप संदर्भ-विशिष्ट कार्य बिंदुओं को निर्धारित करने में मार्गदर्शन देती है। इसमें क्वांटम अनुसंधान, बौद्धिक संपदा निर्माण, स्टार्टअप संवर्धन, आपूर्ति श्रृंखला और वैश्विक औद्योगिक गतिविधियों का समावेशी विश्लेषण शामिल है।

क्वांटम तकनीक में भारत की मजबूती की ओर कदम

इस अवसर पर प्रोफेसर सूद ने कहा कि, “क्वांटम एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कोई भी देश पीछे नहीं रहना चाहता। यह रणनीतिक स्वायत्तता के लिए आवश्यक है, और जब तक हम क्वांटम-सुरक्षित नहीं होंगे, हम पूरी तरह स्वायत्त भी नहीं हो सकते।”

उन्होंने यह भी बताया कि भारत को क्वांटम हार्डवेयर में आत्मनिर्भर बनने के लिए निवेश बढ़ाना होगा, ताकि आयात पर निर्भरता कम की जा सके। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर बल दिया कि स्टार्टअप्स के लिए निवेश को कम जोखिम वाला बनाना और उत्पादों के लिए बाजार खड़ा करना अत्यंत जरूरी है।

प्रो. सूद ने कहा, “हमें क्वांटम तकनीक के लिए वैश्विक मानकों को परिभाषित करने में एक अग्रणी भूमिका निभानी होगी। यदि हम इन मानकों को तय करते हैं, तो वैश्विक मानकीकरण में भारत की भूमिका स्वाभाविक रूप से सशक्त हो जाएगी।”

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन का व्यापक दृष्टिकोण

उन्होंने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) की चर्चा करते हुए बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा इसे कुशलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। यह मिशन क्वांटम तकनीक के पूरे जीवनचक्र को कवर करता है—बुनियादी शोध से लेकर उत्पाद विकास और मार्केट एक्सपेंशन तक।

NQM के हब-एंड-स्पोक मॉडल की मदद से देशभर में 17 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 43 संस्थानों के 152 शोधकर्ता इस मिशन से जुड़े हुए हैं।

भारत की तकनीकी कूटनीति को मजबूती

ITES-Q की यह पहल विदेशों में भारतीय मिशनों के माध्यम से QSTI के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। यह भारत की तकनीकी कूटनीति को और अधिक मजबूत बनाने तथा नवोन्मेष और रणनीतिक विकास के लिए नए द्वार खोलने का प्रयास है।

ITES-Q इस बात का प्रतीक है कि भारत अब तकनीकी विकास की दौड़ में न केवल भागीदार है, बल्कि वैश्विक स्तर पर नेतृत्व की ओर भी बढ़ रहा है।

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