नई दिल्ली : वीर कुँवर सिंह फाउंडेशन द्वारा आयोजन के 28 वें वर्ष में प्रथम भारतीय स्वाधीनता संग्राम 1857 के महानायक वीर कुँवर सिंह का 168 वाँ विजयोत्सव समारोह, कांस्टीट्यूशन क्लब,संसद भवन मार्ग,नई दिल्ली में मनाया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन पद्मश्री जे एस राजपूत सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, पूर्व मंत्री भारत सरकार डॉ संजय पासवान, पूर्व सांसद महाबल मिश्रा एवं निर्मल सिंह ने अपने साथियों के साथ किया।
वीर कुँवर सिंह विजयोत्सव समारोह में पूर्ववत प्रथम भारतीय स्वाधीनता संग्राम 1857 के महानायक एवं सांप्रदायिक सौहार्द तथा सामाजिक समरसता के प्रतीक वीर कुँवर सिंह के साथ 1857 के सभी नामचीन एवं गुमनाम सेनानियों/शहीदों को पूर्ववत श्रद्धांजलि देने के साथ साथ आज पहलगाम में मारे गए सैलानियों को श्रद्धांजलि दी गई एवं 2 मिनट का मौन रखा गया। निर्मल ने कहा कि पहलगाम में जो कायराना हरकत की गई है पाकिस्तान समर्थित आतंकियों से उसका बदला लेना चाहिए। आतंकवाद वह सांप है जिसे फन से कुचलने की जरूरत है और उन शक्तियों को भी कुचलने की जरूरत है जिन्होंने इस घिनौने कृत्य में आतंकियों को सहयोग दिया।

निर्मल सिंह ने कहा कि यह देश कुंवर सिंह, झांसी की रानी, बेगम हजरत महल, बहादुर शाह जफर, तात्या टोपे और मंगल पांडे की आहुतियों से बना है। इस देश के कण कण में वीरता और बलिदान की गाथाएं हैं। कुंवर सिंह को याद करते हुए हम अपने वर्तमान की चुनौतियों से जूझने का तरीका ढूंढ सकते हैं।
हम राष्ट्रीय एकता का संकल्प हर वर्ष इस आयोजन के माध्यम से लेते रहे हैं। हमारे समाज का सांप्रदायिक सद्भाव इस संकल्प की रीढ़ है। खचाखच भरे इस कार्यक्रम के सभागार में सामाजिक संगठनों एवं राजनीतिक संगठनों, अधिवक्ता,कलाकार कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया। जिसमें हरेंद्र प्रताप सिंह, शिवजी सिंह, मुरारी तिवारी, मुकेश सिंह, हीरा मिश्रा, प्रदीप पांडे, रंजीत सिंह, सतेंद्र नारायण सिंह, निर्मल पाठक, जितेन्द्र नारायण सिंह, डॉ रहमतुल्लाह, विजय शंकर सिंह, अवनीश सिंह, तेज सिंह बुंदेला, अजीत सिंह चौहान, मोहन सिंह, कृपाशंकर गुप्ता, श्रीकांत यादव, श्रीकांत विद्यार्थी, सुनीता सिंह तंवर, चंदन सिंह, श्री भगवान सिंह, उमाकांत दुबे, अमरेंद्र सिंह, राजू गुप्ता, बेचू यादव, कृपाशंकर गुप्ता, राजकुमार बबलू, राकेश परमार, दीपक ज्योति, राज कुमार सिंह उपस्थित थे।
देश भक्ति गीत एवं वीर कुँवर सिंह की शौर्य गाथा को लोक गायिका दीप्ति पांडे,प्रीति प्रकाश,डॉ चैनपुरिया,सोनी मंजुल,खुशबू तिवारी ने सुनाया। कार्यक्रम का सफल संचालन आनंद विजय ने किया।