केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली आएं किसानों से मुलाकात की

स्वतंत्रता दिवस पर भारत सरकार के आमंत्रण पर विशेष अतिथि के रूप में दिल्ली आएं किसानों से आज पूसा परिसर में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुलाकात की। इस अवसर पर श्री शिवराज सिंह ने किसानों को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर स्वदेशी अपनाने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि हम अपने ही प्रदेश-देश में बनी चीज खरीदेंगे तो हमारे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने सभी स्वतंत्रता सेनानियों को प्रणाम किया, जिनके त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण भारत स्वतंत्र हुआ था। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने ऐसे ही स्वतंत्रता नहीं दे दी थी, कोई ये न सोचे कि चांदी की तश्तरी में रखकर हमें आज़ादी भेंट की गई थी। हज़ारों क्रांतिकारी हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए थे। क्रांतिकारियों के एक हाथ में गीता होती थी, उनके मुंह से भारत माता की जय के उद्घोष निकलते थे और उनके हृदय में दृढ़संकल्प होता था।

श्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा की, स्पष्ट संदेश है कि हम किसी को छेड़ते नहीं हैं लेकिन अगर कोई हमें छेड़ता है तो उसे हम छोड़ते नहीं हैं। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए हमने निर्दोष 26 लोगों की जान का बदला लिया। हमारे वीर सिपाहियों को हम बारंबार प्रणाम करते हैं, हम यहां चैन से इसलिए बैठे हैं कि वो दिन और रात सीमाओं पर रहकर हमारी सुरक्षा करते हैं।

केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वदेशी का मतलब है अपने देश में बनी हुई चीज। प्रधानमंत्री ने कहा है स्वदेशी का इस्तेमाल करो। अगर हमारे गांव के आस-पास बनी, गांव में बनी, सेल्फ हेल्प ग्रुप की जो चीजें, जिन्हें बहनों ने बनाया है खरीदेंगे तो लाखों लोगों को रोजगार देने का काम अपने देश में ही किया जा सकता है। हमारे कुम्हार के दीये खरीदकर दिवाली का दीया जलाएंगे तो आपका घर भी प्रज्ज्वलित होगा और कुम्हार भाइयों-बहनों के घर भी रोजगार से रोशन हो जाएंगे।

श्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान और राष्ट्र हित सर्वोपरि रखने की बात कही है। भारत की तीव्र प्रगति से दुनिया में कई लोगों को भय भी है। हम दुनिया को परिवार मानते हैं “वसुधैव कुटुंबकम” का भाव हमारे मन में है, यह समझौता होता है बराबरी का, यूके से हमने समझौता किया बराबरी का, हमारे देश के किसान भाइयों-बहनों बिना ड्यूटी टैक्स के हमारे कृषि उत्पाद अब इंग्लैंड जाएंगे। यह समझौता किया बिना टैक्स के जाएंगी। लेकिन कोई यह कहे कि समझौता ऐसा हो जाए जिससे उनके देश का सामान हमारे यहां भर जाए, मक्का आ जाए, सोयाबीन आ जाए, गेहूं आ जाए तो हमारा और उनका कोई मुकाबला नहीं है, उनके यहां बड़े-बड़े कृषि फार्म, 10 हजार, 15 हजार, 20 हजार हेक्टेयर के और हमारे यहां एक एकड़, दो एकड़, तीन एकड़, 4 एकड़, 5 एकड़, 5 एकड़ वाले तो बहुत ही कम बचे हैं, कोई मुकाबला है। ऐसा कोई समझौता हो जाता तो भारत का किसान मर जाता, सस्ती चीजों की बाढ़ लग जाती। हमारा सामान सस्ता बिकता तो लागत नहीं निकलती, कीमतें गिर जाती और इसलिए किसान भाइयों कृषि मंत्री होने के नाते मैं आप सबकी तरफ से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कह दिया कोई ऐसा समझौता नहीं होगा जो किसान के हितों के खिलाफ जाए, कृषि विभाग ने ताकत के साथ अपनी बात रखी कि कोई ऐसा समझौता नहीं है जो हमारे किसान के हितों को प्रभावित करे। हमारे किसान, हमारे पशुपालक, भैंस, गाय पालने वाले, हमारे मछुआरे उनके हित सुरक्षित रखे जाएंगे। राष्ट्रहित सर्वोपरि, भारत माता सबसे पहले, राष्ट्र प्रथम बाद में और कोई। भारत अब ऐसा नहीं रहा कि कोई आंख दिखाये तो भारत डर जाए।

श्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने एक बात आज और कही, सरकार फ़ाइलों में नहीं जनता की ज़िंदगी में दिखनी चाहिए। आज मैं बैठा था, अभी पहले ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के साथ मैंने मीटिंग की, अभी कृषि विभाग के दोनों प्रमुखों के साथ अभी बात कर रहा था, विभाग के साथ अभी फिर मीटिंग करूंगा। फ़ाइल में नहीं, ज़िंदगी में दिखने का मतलब क्या है? खाद आ रहा है लेकिन किसान तक ठीक से जा रहा है या नहीं? मैं कल अपने क्षेत्र में गया था, किसानों ने बताया कि एक दवाई डाली और फसल ही जल गई। खरपतवार जलाने के लिए दवाई थी लेकिन फसल जल गई। तब तय किया कि एफआईआर करें। ऐसी कंपनियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए। हर योजना का लाभ ढंग से कैसे किसान को मिले, कैसे किसान तक पहुंचे, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।  

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार जनता की जिंदगी में दिखे, इसलिए हमारे कृषि वैज्ञानिक पहली बार गांव-गांव गए, किसानों के बीच लैब को लैंड तक पहुंचाया, ताकि किसान और विज्ञान मिलकर कैसे अच्छा उत्पादन करें, उसके लिए साथ मिलकर काम कर सकें। अभी फिर निकलने वाले हैं, 3 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक। श्री शिवराज सिंह ने बताया कि हम रबी की फसल के लिए कॉन्फ़्रेंस 2 दिन की करने वाले हैं ताकि जनता की ज़िंदगी बदल सकें। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और किसान उसकी आत्मा, अगर मैं कृषि मंत्री हूं तो मैं ये मानता हूं कि किसानों की सेवा मेरे लिए भगवान की पूजा है।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर और श्री भागीरथ चौधरी, केंद्रीय कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। संयुक्त सचिव श्रीमती पेरिन देवी ने आभार व्यक्त किया।

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