भारत सरकार का इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (माइटी) देश में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) के जिम्मेदार, समावेशी और सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। माइटी ने आज इंडियाएआई मिशन (IndiaAI Mission) के तहत भारत एआई गवर्नेंस दिशानिर्देश (India AI Governance Guidelines) जारी किए। ये दिशानिर्देश सभी क्षेत्रों में सुरक्षित, नैतिक और उत्तरदायी एआई अपनाने के लिए एक व्यापक नीति ढांचा प्रदान करते हैं।

दिशानिर्देशों का औपचारिक विमोचन भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद द्वारा किया गया। इस अवसर पर माइटी सचिव श्री एस. कृष्णन, इंडियाएआई मिशन के सीईओ एवं एनआईसी के महानिदेशक श्री अभिषेक सिंह, माइटी की वैज्ञानिक ‘जी’ सुश्री कविता भाटिया, तथा आईआईटी मद्रास के प्रो. बी. रविंद्रन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
यह घोषणा आगामी भारत-एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन 2026 (India AI Impact Summit 2026) से पहले एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो भारत की जिम्मेदार एआई शासन (Responsible AI Governance) में नेतृत्वकारी भूमिका को और मजबूत करता है।
एआई गवर्नेंस के लिए व्यापक ढांचा
भारत एआई गवर्नेंस दिशानिर्देशों का उद्देश्य एआई के सुरक्षित, विश्वसनीय और मानव-केंद्रित उपयोग को सुनिश्चित करना है। इस नीति ढांचे में चार प्रमुख घटक शामिल हैं:
- नैतिक और जिम्मेदार एआई के सात मार्गदर्शक सिद्धांत।
- एआई गवर्नेंस के छह प्रमुख स्तंभों पर सिफारिशें।
- लघु, मध्यम और दीर्घकालिक लक्ष्यों पर आधारित कार्ययोजना।
- उद्योग, डेवलपर्स और नियामकों के लिए व्यावहारिक दिशानिर्देश, जो पारदर्शी और जवाबदेह एआई परिनियोजन सुनिश्चित करें।
इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य नवाचार को प्रोत्साहित करते हुए व्यक्तियों और समाज के लिए संभावित जोखिमों को न्यूनतम करना है।
मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर जोर
माइटी सचिव श्री एस. कृष्णन ने कहा, “हमारा ध्यान जहां तक संभव हो मौजूदा कानूनों का उपयोग करने पर केंद्रित है। एआई का मूल उद्देश्य मानवता की सेवा है — यह सुनिश्चित करना कि प्रौद्योगिकी लोगों के जीवन को बेहतर बनाए, न कि नुकसान पहुंचाए। हमारा दृष्टिकोण एआई को मानव-केंद्रित, सुरक्षित और जिम्मेदार बनाना है।”
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने कहा, “इस ढांचे का मुख्य सिद्धांत है — किसी को नुकसान न पहुंचाएं। भारत नवाचार के लिए एक सुरक्षित ‘सैंडबॉक्स’ तैयार कर रहा है ताकि जोखिम न्यूनीकरण के साथ-साथ अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दिया जा सके। यह पहल न केवल भारत, बल्कि ग्लोबल साउथ के कई देशों के लिए प्रेरणा बनेगी।”
समावेशी और पारदर्शी नीति निर्माण प्रक्रिया
इंडियाएआई मिशन के सीईओ और एनआईसी के डीजी श्री अभिषेक सिंह ने बताया कि दिशानिर्देशों का मसौदा व्यापक विचार-विमर्श और सार्वजनिक परामर्श के बाद तैयार किया गया है। “एआई तेजी से विकसित हो रहा है, इसलिए सरकार ने एक दूसरी समिति गठित की है जो प्राप्त सुझावों की समीक्षा कर दिशानिर्देशों को और परिष्कृत करेगी। भारत सरकार का उद्देश्य है कि एआई सुलभ, किफायती और समावेशी हो — साथ ही सुरक्षित, भरोसेमंद और नवाचार-संचालित पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिले।”
दिशानिर्देशों का मसौदा आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर बलरामन रविंद्रन की अध्यक्षता में बनी उच्च स्तरीय समिति द्वारा तैयार किया गया। इस समिति में नीति, प्रौद्योगिकी, उद्योग और अकादमिक जगत के प्रमुख विशेषज्ञ शामिल रहे, जिनमें नीति आयोग, माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया, ट्राइलीगल, आईएसपीआईआरटी फाउंडेशन और दूरसंचार विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं।
एआई और खनिज अन्वेषण: नवाचार को नई दिशा
इस अवसर पर इंडियाएआई मिशन के अनुप्रयोग विकास स्तंभ (Application Development Pillar) के तहत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) और खान मंत्रालय के सहयोग से आयोजित IndiaAI Hackathon for Mineral Targeting के विजेताओं की घोषणा भी की गई। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य भूवैज्ञानिक, भूभौतिकीय, भू-रासायनिक और सुदूर-संवेदन डेटा का विश्लेषण करके खनिज पूर्वानुमान में एआई और मशीन लर्निंग की सहायता से नई संभावनाओं की खोज करना था।
विजेता टीमों को उनके उत्कृष्ट एआई-संचालित समाधानों के लिए पुरस्कृत किया गया:
- प्रथम पुरस्कार (₹10 लाख) – CrickSM AI: एआई के साथ महत्वपूर्ण खनिज मानचित्रण (प्रो. पार्थ प्रतिम मंडल और टीम)।
- द्वितीय पुरस्कार (₹7 लाख) – ज्ञान और डेटा-संचालित खनिज लक्ष्यीकरण दृष्टिकोण (सौम्या मित्रा और टीम)।
- तृतीय पुरस्कार (₹5 लाख) – SUVARNA: Semi-Unsupervised Value-Optimized Artificial Resource Network (सायंतनी भट्टाचार्य और टीम)।
- विशेष पुरस्कार (₹5 लाख) – महत्वपूर्ण खनिजों जैसे REE, Ni-PGE और तांबा के नए क्षेत्रों की पहचान हेतु एआई समाधान (दीपा कुमारी, अनामिका चौधरी और टीम)।
भारत-एआई इम्पैक्ट समिट 2026 की तैयारी
भारत अब 19-20 फरवरी 2026 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले India AI Impact Summit 2026 की मेजबानी के लिए तैयार है। इस शिखर सम्मेलन में वैश्विक नीति निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ और शोधकर्ता एआई की परिवर्तनकारी भूमिका पर चर्चा करेंगे — विशेष रूप से मानव कल्याण, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के संदर्भ में।
भारत एआई गवर्नेंस दिशानिर्देशों का यह विमोचन देश की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसके तहत सरकार एआई को सुरक्षित, जिम्मेदार, पारदर्शी और समावेशी बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। यह न केवल भारत की तकनीकी प्रगति का प्रमाण है, बल्कि वैश्विक स्तर पर जिम्मेदार एआई शासन में उसकी अग्रणी भूमिका का भी प्रतीक है।