आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के वड्डेश्वरम स्थित केएल विश्वविद्यालय में आयोजित जनजातीय छात्र प्रतिभाओं के राष्ट्रीय महोत्सव ‘उद्भव 2025’ का सफल समापन 5 दिसंबर 2025 को हुआ। यह आयोजन राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा सोसाइटी (नेस्ट्स) द्वारा जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत आयोजित किया गया। इसकी मेजबानी आंध्र प्रदेश जनजातीय कल्याण आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसाइटी (एपीटीडब्ल्यूआरईआईएस-गुरुकुलम) ने केएल विश्वविद्यालय के सहयोग से 3 से 5 दिसंबर तक की।

उत्सव के दौरान आयोजित सांस्कृतिक, साहित्यिक, दृश्य और प्रदर्शन कला प्रस्तुतियों ने देशभर के आदिवासी समुदायों की जीवंत विरासत और रचनात्मक अभिव्यक्तियों को मंच प्रदान किया। ‘उद्भव’ कार्यक्रम का छठा संस्करण आदिवासी शिक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण और युवा नेतृत्व को मजबूत दिशा प्रदान करने वाला साबित हुआ।
समारोह में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
समापन समारोह में आंध्र प्रदेश सरकार की जनजातीय कल्याण और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री जी. संध्या रानी, समाज कल्याण, विकलांग एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण मंत्री डॉ. डी.एस. स्वामी तथा पर्यटन और संस्कृति मंत्री एवं गुंटूर के प्रभारी मंत्री कंडुला दुर्गेश उपस्थित रहे। इसके साथ ही समाज कल्याण एवं जनजातीय कल्याण विभाग के सचिव एम.एम. नायक और विभिन्न संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। विशिष्ट अतिथियों ने आदिवासी छात्रों की प्रतिभा और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर बल दिया।
गणमान्य अतिथियों ने कहा कि उद्भव जैसे राष्ट्रीय मंच न केवल जनजातीय विद्यार्थियों को व्यापक पहचान प्रदान करते हैं, बल्कि यह उनकी रचनात्मक अभिव्यक्तियों में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और सांस्कृतिक स्वाभिमान की भावना को भी मजबूत बनाते हैं।
वृहद पैमाने पर भागीदारी
उद्भव 2025 में देश के 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 1558 छात्र शामिल हुए जिनमें 524 छात्र और 1024 छात्राएं थीं। प्रतियोगिता के संचालन और प्रबंधन में 45 टीम लीडर, 178 एस्कॉर्ट्स, 22 दल प्रबंधक, 22 संपर्क अधिकारी, 10 अधिकारी, नेस्ट्स व एपीटीडब्ल्यूआरईआईएस के 19 पदाधिकारी, 137 उपसमिति सदस्य, 48 जूरी सदस्य और विभिन्न राज्यों व संस्थानों से 60 अधिकारी शामिल रहे।
कार्यक्रम के तीन दिनों में कुल 49 श्रेणियों में प्रस्तुतियां आयोजित हुईं। पहले दिन 18, दूसरे दिन 22 और तीसरे दिन 9 सांस्कृतिक, कला, साहित्यिक और रचनात्मक प्रस्तुतियां मंचित हुईं। इन सभी कार्यक्रमों ने भारत के आदिवासी समुदायों की भाषाई, कलात्मक और परंपरागत समृद्धि को उजागर किया।
पदक तालिका में तेलंगाना अव्वल
उद्भव 2025 के परिणामों में तेलंगाना ने समग्र पदक तालिका में पहला स्थान हासिल किया। इसके बाद क्रमशः झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश रहे। कुल 105 प्रथम पुरस्कार, 105 द्वितीय पुरस्कार और 105 तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त एक समग्र राज्य चैम्पियनशिप ट्रॉफी भी प्रदान की गई। सभी प्रतिभागी छात्रों को उनके समर्पण और उत्कृष्ट भागीदारी को सम्मानित करते हुए प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
राष्ट्रीय कला उत्सव में करेंगे प्रतिनिधित्व
उद्भव 2025 की 12 चयनित श्रेणियों के विजेता अब पुणे स्थित यशदा में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कला उत्सव में ईएमआरएस का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस राष्ट्रीय मंच पर आदिवासी हस्तशिल्प, दृश्य कला, पारंपरिक लोक प्रदर्शन और स्वदेशी रचनात्मक अभिव्यक्तियों का व्यापक प्रदर्शन होना प्रस्तावित है।
आदिवासी सशक्तिकरण की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम
इस कार्यक्रम ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को गति प्रदान करते हुए आदिवासी प्रतिभाओं के लिए शिक्षा और संस्कृति को सशक्त बनाने का अवसर तैयार किया है। इस आयोजन ने ईएमआरएस (एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय) की भूमिका को नई दिशा दी, जहां शिक्षा के साथ सांस्कृतिक और नेतृत्व आधारित विकास को केंद्र में रखा गया है।