शब्द से नहीं बड़ा हथियार तीखे शब्द न बोल होती बहुत चुभन। मीठे शब्द रस घोल…
Category: कविता
मैं हूं आज की नारी
मैं हूं आज की नारी* नयी हैं राहें नयी है, मंजिले नये अरमानों का नया है…
सुखद मनोहर धूप
जो जन तपता धूप में, छोड़ छाँव की आस। चढ़े सफलता सीढ़ियाँ, मन में दृढ़ विश्वास।।
समाज का दर्पण है महिलाएं
वर्तमान समय में नारी ने जो साहस का परिचय दिया है वह आश्चर्यजनक है, आज के समय…
पुस्तक जिनके उर बसे
पुस्तक उर पैदा करे, नीर क्षीर सत्बुद्धि। नाम, काम धन जग मिले, सहज सुखद उपलब्धि।।
पुस्तक जिनकी हैं सखा
हरे अँधेरा राह का, भरे उजाला रेख। सुगम बनाती पथ सदा, देख सको तो देख।।
पुस्तक सच्ची मीत
पुस्तक मन को प्रिय सदा, पुस्तक लगती गीत। शुष्क हृदय रस घोलती, पुस्तक मृदु नवनीत।
आजकल के अफ़सर
आजकल के अधिकतर अफ़सर ज़मीन पर कम और सोशल मीडिया पर ज़्यादा काम करते हुए नज़र…
वेलेंटाइन डे
प्यार कीजिए। अजी प्यार कीजिए। चाहे कोई आप सा हो या अलग, पराया। जान वार दीजिए।…
एड़ी की बिवाय (कहानी किसान की)
दाल-भात खाते हो ले-ले के चाव। अरे ओ बाबू दिखे ना तुमको मेरी एड़ी की बिवाय।