दाल-भात खाते हो ले-ले के चाव।
अरे ओ बाबू दिखे ना तुमको मेरी एड़ी की बिवाय।
कोस भर कीचड़ में चल के जाता खेत
तब जाके भरता देश-दुनिया का पेट।
पर भरते नहीं मेरे फवड़ा से लगे घाव।
अरे ओ बाबू दिखे ना तुमको मेरी एड़ी की बिवाय।
चाहे सूखा हो या अथाह जल।
रुकता नहीं मैं और मेरा हल।
पर मिलते नहीं मेरी मेहनत के भी भाव।
अरे ओ बाबू दिखे ना तुमको मेरी एड़ी की बिवाय।
तुम रहते हो घर में, मैं रहता खलिहान में।
तपती धूप, ओस, बारिश-तूफ़ान में।
अगर देखना हो हालात मेरे तो आना मेरे गांव।
अरे ओ बाबू दिखे ना तुमको मेरी एड़ी की बिवाय।
रौनक द्विवेदी
(करथ, आरा)
आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है!
AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है।
हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है।
यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें।
आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
