पोकरबाज़ी ने दूसरे ‘ग्रेटेस्‍ट ऑफ ऑल टूर्नामेंट्स’ के विजेताओं को 10 करोड़ रुपये की इनामी राशि प्रदान की

  • बेंगलुरु के अरुण विजय मुतगी टॉप पर, जबकि श्रीकांत केएन रनर-अप रहे
  • टूर्नामेंट में रिकॉर्डतोड़ लगभग 17,000 एंट्रीज़ देखने को मिली
  • उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल की ज्‍यादा भागीदारी देश में पोकर की बढ़ती स्‍वीकार्यता एवं पहुँच दिखाती है

भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन पोकर प्‍लेटफॉर्म पोकरबाज़ी ने भारत के सबसे मशहूर पोकर टूर्नामेंट्स में से एक, ग्रेटेस्‍ट ऑफ ऑल टूर्नामेंट्स (जी.ओ.ए.टी.) के समापन की घोषणा कर दी है। 12 दिनों की अवधि में लगभग 17000 एंट्रीज़ ने मुकाबला करते हुए अपना कौशल दिखाया और बेंगलुरु के एक आईटी कंसल्‍टेन्‍ट अरुण विजय मुतगी चैम्पियन बनकर उभरे और उन्‍होंने जी.ओ.ए.टी. का टाइटल हासिल किया।

टूर्नामेंट के दूसरे संस्‍करण में प्‍लेयर्स ने जीतने के लिये अपने कौशल का इस्‍तेमाल करते हुए इनामी राशि के लिये मुकाबला किया। पोकर की भारतीय दुनिया के बेजोड़ और मशहूर प्‍लेयर्स के बीच ड्यूअल्‍स के बाद फाइनल टेबल पर 9 घंटे का रोमांचक शोडाउन हुआ और अरुण विजय मुतगी ने 1.5 करोड़ रूपये जीतकर बाज़ी मारी तथा केरल के श्रीकांत केएन भी 1.5 करोड़ रूपये जीतकर दूसरे स्‍थान पर रहे।

अपने प्रदर्शन से बेहद खुश अरुण विजय मुतगी ने कहा, “मैं एक दशक से पोकर खेल रहा हूँ और बीतते वक्‍त के साथ मैंने यह जाना और समझा है कि एक प्‍लेयर को अपने हुनर को निखारने और हर खेल का मूल्‍यांकन करने पर लगातार ध्‍यान देना चाहिये। मेरा मानना है कि इससे पोकर में मेरी तरक्‍की में काफी योगदान मिला है और आखिरकार टाइटल जीतने में मुझे मदद मिली है। ऐसे सम्‍मानित पोकर प्‍लेयर्स के साथ स्‍टेज शेयर करने की मुझे बहुत खुशी है और मैं पोकरबाज़ी का शुक्रगुजार हूँ, जो कि ग्रेटेस्‍ट ऑफ ऑल टूर्नामेंट्स जैसे प्‍लेटफॉर्म्‍स देते हैं, जहाँ मेरे जैसे उभरते प्‍लेयर को भी इतने बड़े पैमाने पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है।”

टूर्नामेंट के समापन पर अपनी बात रखते हुए और विजेता को बधाई देते हुए, बाज़ी गेम्‍स के संस्‍थापक एवं सीईओ नवकिरण सिंह ने कहा, “यह देखकर दिल को सुकून मिलता है कि ऑनलाइन गेमिंग, खासकर पोकर का विकास हुआ है और इसे देश में दिमाग के एक खेल के रूप में स्‍वीकारा गया है। दिमाग के इस खेल की बढ़त में कुशलता का पहलू लगातार महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुझे इस गेम की लोकप्रियता देखकर बड़ी खुशी है और इस बात पर भी कि यह खेल किस तरह से लोगों को अपने जीवन में वही कौशल और ज्ञानात्‍मक योग्‍यताएं अपनाने के लिये मदद कर रहा है।”

नवकिरण सिंह ने आगे कहा, “टूर्नामेंट का चैम्पियन बनने के लिये अरुण विजय मुतगी और दूसरे पोडियम फिनिशर्स को भी दिल से बधाई। मुझे विश्‍वास है कि हम जल्‍दी ही इन प्रतियोगियों को पोकर के विभिन्‍न वैश्विक टूर्नामेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्‍व करते देखेंगे।”

इस टूर्नामेंट में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से लोगों की रिकॉर्ड संख्‍या ने भाग लिया और उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्‍थान टॉप 10 राज्‍यों में शामिल रहे। पोकरबाज़ी भारत में पोकर कम्‍युनिटी को बढ़ावा देने के लिये लगातार काम कर रहा है और जी.ओ.ए.टी. ऐसे ही टूर्नामेंट्स में से एक है, जो इस प्‍लेटफॉर्म के जरिये देश की प्रतिभा को सामने लाते हैं। इसमें कई फ्री रोल, छोटे और बड़े टूर्नामेंट्स भी होते हैं, जो प्‍लेयर्स को अपनी कुशलताओं का इस्‍तेमाल करने और देश के सर्वश्रेष्‍ठ पोकर प्‍लेयर्स से मुकाबला करने के लिये प्रोत्‍साहित करते हैं। मुस्कान सिंह

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