कंपनी के मुताबिक, अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) अपनी 4,830 मेगावाट की ऑपरेशनल सोलर कैपेसिटी के लिए रोबोटिक सोलर टेक्नोलॉजी स्थापित करेगी, जिससे सालाना 595 मिलियन लीटर पानी बचाने में मदद मिलेगी। बयान में अदाणी ग्रीन एनर्जी के सीईओ अमित सिंह के हवाले से कहा गया है कि अदाणी ग्रीन के पास 8.4 गीगावॉट क्षमता के साथ भारत में सबसे बड़ा ऑपरेटिंग रिन्यूएबल पोर्टफोलियो मौजूद है।
कंपनी ने कहा कि अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) अपनी 4,830 मेगावाट की ऑपरेशनल सोलर कैपेसिटी के लिए रोबोटिक क्लीनिंग टेक्नोलॉजी स्थापित करेगी, जिससे सालाना 595 मिलियन लीटर पानी बचाने में मदद मिलेगी। एजीईएल ने एक बयान में कहा कि, वर्तमान में, इसकी ऑपरेशनल 7,043 मेगावाट सोलर और हाइब्रिड क्षमता में से 2,070 मेगावाट या 30 प्रतिशत, को रोबोटिक क्लीनिंग टेक्नोलॉजी द्वारा कवर किया गया है, जो सालाना 283 मिलियन लीटर पानी का संरक्षण करता है। बयान में कहा गया है कि संपूर्ण 7,043 मेगावाट ऑपरेशनल कैपेसिटी के लिए रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी को तैनात करने से सालाना लगभग 880 मिलियन लीटर पानी बचाने में मदद मिलेगी।
एजीईएल सोलर मॉड्यूल्स के रखरखाव के लिए पानी की खपत को कम करने की दृष्टि से एक वाटर-फ्री रोबोटिक क्लीनिंग सिस्टम तैयार कर रहा है।
एजीईएल ने इसे अपने ऑपरेशनल सोलर, हाइब्रिड साइटों (हाइब्रिड की सोलर कैपेसिटी) और अपनी भविष्य की परियोजनाओं में लागू करने की योजना बनाई है, खासकर राजस्थान और गुजरात के कच्छ जैसे सूखे और वर्षाहीन क्षेत्रों में, जहां रिन्यूएबल जल स्रोत बहुत दुर्लभ हैं।
कंपनी के अनुसार, एजीईएल के सोलर पोर्टफोलियो का 4,830 मेगावाट आने वाले समय में संचयी रूप से रोबोटिक क्लीनिंग द्वारा कवर किया जाएगा, जिससे सालाना 595 मिलियन लीटर पानी की बचत होगी। इससे सोलर मॉड्यूल रखरखाव के लिए पानी का उपयोग पूरी तरह से ख़त्म हो जाएगा।
कंपनी का कहना है कि, “भारत के डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों के अनुरूप, हम 2030 तक 45 गीगावॉट से अधिक देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अदाणी ग्रीन के पास 8.4 गीगावॉट क्षमता के साथ भारत में सबसे बड़ा ऑपरेटिंग रिन्यूएबल पोर्टफोलियो बना हुआ है। बयान में अदाणी ग्रीन एनर्जी के सीईओ अमित सिंह के हवाले से कहा गया कि,”हम अपनी विकास क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं क्योंकि हम अपने विकास के अगले चरण की तैयारी कर रहे हैं।”