अलका सिंह, योग एक्सपर्ट
लगातार बढ़ते कंप्यूटर के उपयोग से सर्वाइकल की समस्या भी बढ़ने लगी है कई बार काम के दौरान लैपटॉप या कंप्यूटर की स्क्रीन को ज्यादा देर तक देखने के कारण भी गर्दन में अकड़न आ जाती है। ऐसा कई बार कंप्यूटर पर घंटों तक लगातार काम करने से होता है।
तेजी से बढ़ते आधुनिकता के इस दौर में घंटों कंप्यूटर पर काम करना आम बात हो गयी है। ऐसे में बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी सिर दर्द, उंगलियों में दर्द, कमर और कंधों में दर्द जैसी समस्याएं आम हो गयी हैं। एक ही जगहों पर बैठे रहने से पीठ दर्द और सर्वाकल जैसी समस्याएं हो रही हैं। यह देर तक बैठने का काम करने वालों में कॉमन परेशानी पहले ही थी, लेकिन आजकल की लाइफस्टाइल के चलते यह समस्या और भी अधिक बढ़ रही है। बच्चों तक में सर्वाइकल के लक्षण देखे जा रहे हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि सर्वाइकल क्या है? इसके लक्षण कैसे पहचानें और इससे बचने के लिए किन उपायों का पालन करें। तो इस लेख में हम आपको यही जानकारी देने जा रहे हैं।
सर्वाइकल के लक्षण
गर्दन में दर्द
हाथ और पांव में दर्द होना इसके शुरुआती लक्षण माने जाते हैं।
सर्वाइकल से राहत पाने के लिए योग
सर्वाइकल पेन से बचने के लिए आम तौर पर योगासन और फिजिकल एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है। हम आपको बताते हैं ऐसे पांच आसन जो आपको सर्वाइकल से छुटकारा दिला सकते हैं। यही नहीं इन आसनों को करने से आपको पेट की चर्बी कम करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही स्लिप डिस्क, स्पॉन्डिलाइसिस, वर्टिगो, और फ्रोजन शोल्डर जैसी समस्याओं में भी राहत मिल सकती है।
आइए जानते हैं इन योगासनों को सही ढंग से कैसे किया जाए।
- मत्स्यासन
जमीन पर सीधे लेट जाएं। अपने हाथों को अपने हिप्स के नीचे रखें लेकिन, अपनी हथेलियों को जमीन में ऊपर रखें। सांस लेते हुए अपने सिर और छाती को जमीन से ऊपर उठाएं, छाती को ऊपर की ओर खींचते हुए, धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे तब तक झुकाएं जब तक कि वह धीरे-धीरे फर्श को न छू लें। अपनी कोहनी को फर्श पर रखें और अपने पूरे शरीर का वजन अपनी कोहनी पर डालें। ध्यान रहे कि आपका वजन आपके सिर पर नहीं आना चाहिए। वजन पूरा कोहनियों पर आना चाहिए।
कुछ आसान तरीके अपनाकर आप गर्दन के दर्द और अकड़न से कुछ ही मिनटों में निजात पा सकते है।
2. मकरासन
मकरासन करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। अपनी कोहनियों को जमीन पर रख दें और हाथों को चिन पर रख दें। साथ ही, सिर और कंधों को ऊपर की और उठा लें। आपके पैरों के बीच उचित दूरी होनी चाहिए। अपने शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ दें। अपने ध्यान को केंद्रित करें और सांस लेते रहें। थोड़ी देर बाद आंखें खोलें और फिर से इस आसन को दोहराएं।