बदलती ऊर्जा परिदृश्य को नेविगेट करने में इंडिया एनर्जी वीक का दूसरा संस्करण भारत के नेतृत्व को प्रदर्शित करेगा

इंडिया एनर्जी वीक (आईईडब्ल्यू) के दूसरे संस्करण का आयोजन 6 से 9 फरवरी, 2024 तक गोवा में होगा। इसकी मेज़बानी भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम [एफआईपीआई] उद्योग द्वारा की जाएगी। इंडिया एनर्जी वीक एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है, जो उद्योग विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और उद्यमियों के बीच सार्थक चर्चा, ज्ञान के आदान-प्रदान और सहभागिता को बढ़ावा देने पर आधारित है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य साझेदारी और नवाचार को बढ़ावा देने के साथ ही ऐसे समाधानों का पता लगाना है, जो भारत के ऊर्जा क्षेत्र को एक सतत और जीवंत भविष्य की ओर अग्रसर करेंगे।

आईईडब्ल्यू 2024, आईईडब्ल्यू के पहले संस्करण से प्रेरित है, जिसकी शुरुआत फरवरी, 2023 में बेंगलुरु में हुई थी। आईईडब्ल्यू 23 का उद्घाटन माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के करकमलों द्वारा किया गया था। उनके द्वारा भारत के ऊर्जा क्षेत्र में उभरती अभूतपूर्व संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया था। भारत के ऊर्जा क्षेत्र में सुदृढ़ता और माँग के आगामी केंद्र के रूप में इसकी क्षमता को मंत्रियों, सीईओ और ऊर्जा कंपनियों ने भी स्वीकार किया। उन्होंने भारत द्वारा ऊर्जा परिवर्तन के लिए एक रोडमैप तैयार करने की भी सराहना की, ताकि घरेलू आबादी की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

जी20 प्रेसीडेंसी की वर्ष भर की चर्चाओं को प्रखर रखते हुए, भारतीय ऊर्जा सप्ताह 2024 सीओपी28 की प्रतिज्ञाओं का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उक्त समारोह में 100 से अधिक देशों के 35,000 से अधिक लोगों, 350 से अधिक एक्सहिबिटर्स, 400 से अधिक वक्ताओं और 4,000 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की परिकल्पना की गई है। यह भारतीय ऊर्जा सप्ताह प्रदर्शकों की एक विस्तृत श्रृंखला की मेजबानी करेगा। इसमें तेल क्षेत्र सेवाओं की प्रमुख कम्पनियाँ भी शामिल होंगी, जो कार्यक्रम के सुचारु रूप से संचालन के लिए एकत्रित होंगी।

आईईडब्ल्यू 2024 में भारत का जटिल ऊर्जा परिदृश्य विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। इसमें विविध ऊर्जा मिश्रण, नवीकरणीय ऊर्जा में तेजी से विकास, ऊर्जा की आसान पहुँच, शहरीकरण और आर्थिक विकास से संबंधित चुनौतियाँ शामिल हैं, जो जलवायु परिवर्तन को संबोधित करती हैं। देश का दृष्टिकोण इन चुनौतियों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करना और एक स्थायी ऊर्जा भविष्य में परिवर्तन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और साझेदारी के अवसरों को बढ़ावा देना है।

आईईडब्ल्यू 2024 के दौरान, मंत्री स्तरीय, नेतृत्व, तकनीकी सत्र और अन्य बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इन बैठकों में वैश्विक दक्षिण के ऊर्जा परिवर्तन, भविष्य के अनुरूप तैयार किए गए ऊर्जा स्टैक के निर्माण, बेहतर ऊर्जा विकल्प और इसके स्थानीयकरण के लिए वैकल्पिक ईंधन के रोडमैप तैयार करने, ऊर्जा के औद्योगीकरण और विनिर्माण प्रक्रियाओं पर क्षेत्रीयकरण व वैश्वीकरण जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी।

इस समारोह का लक्ष्य वर्ष 2030 में नवीकरणीय ऊर्जा के जरिए 50% बिजली उत्पादन को अपनाना है। साथ ही, यह वर्ष 2070 तक अपने शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य के माध्यम से भारत के जलवायु परिवर्तन से निपटने और वर्ष 2030 तक कुल कार्बन उत्सर्जन को 1 बिलियन टन तक कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

आईईडब्ल्यू 2024 में विशेष रूप से ऊर्जा की सुरक्षा, पहुँच, सामर्थ्य और स्थिरता को संतुलित करने पर भी चर्चा शामिल होगी, ताकि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा दिया जा सके। यह उन ऊर्जा कम्पनियों के बीच सहयोग और सहभागिता को बढ़ावा देगा, जो ऊर्जा के परिवर्तन की दिशा में भविष्य के कार्यबल का निर्माण करने के लिए जिम्मेदार हैं। इसके साथी ही, यह भारत को वैश्विक ऊर्जा मानचित्र पर स्थापित करने में योगदान देगा। ऐसा अनुमान है कि इसके परिणामस्वरूप भारत की पहचान दुनिया में तीसरे सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता के रूप में होगी और वैश्विक ऊर्जा वृद्धि की माँग में अगले 15-20 वर्षों में ~25% की वृद्धि दर्ज की जाएगी। 

आईईडब्ल्यू एक विश्व स्तर का मंच बनने का मार्ग प्रशस्त करता है, जो नीति निर्माताओं, व्यापारिक नेतृत्वकर्ताओं और ऊर्जा की प्रमुख कम्पनियों को सहयोग करने, नए अवसरों की तलाश करने और साझेदारी करने के लिए प्रेरित करेगा।

आईईडब्ल्यू 2024 विभिन्न अद्वितीय कारकों का समागम होगा, जो वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक अविस्मरणीय मंच होने का वादा करता है। सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, सहायक सरकारी नीतियों, तेजी से होते शहरीकरण और तेजी से बढ़ती ऊर्जा माँग ऐसे प्रमुख कारण हैं, जिनकी वजह से भारत ऊर्जा क्षेत्र में खुद को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने में सक्षम रहा है। 

आईईडब्ल्यू 2023 के दौरान माननीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री; आवास और शहरी मामलों के मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “तेजी से बढ़ती ऊर्जा माँग को पूरा करने के लिए भारत अपनी तीव्र वृद्धि को बढ़ावा देते हुए न सिर्फ घरेलू, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नए मार्ग तलाश रहा है, साथ ही नेट-जीरो ट्रांज़िशन भी सुनिश्चित कर रहा है। हमारी बहुआयामी नीति हमारे ऊर्जा मिश्रण को सुरक्षित और स्थायी रूप से विविधीकृत करने पर आधारित है, जो भारत को गैस आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करेगी। यह नवीकरणीय ऊर्जा, जैव ईंधन और हरित हाइड्रोजन के साथ ही वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों से सशक्त होगा।”

इंडिया एनर्जी वीक 2024 में निम्नलिखित सुविधाएँ मिलेंगी:

  • ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सरकारी पहलों की शुरुआत की दृष्टि से सभी प्लेटफॉर्म्स के लिए सुलभ, सस्ती और सुरक्षित ऊर्जा पर खुली बातचीत हेतु सम्पूर्ण ऊर्जा मूल्य श्रृंखला के मंत्री, सीईओ, नीति निर्माता, ऊर्जा विशेषज्ञ, उद्योग विश्लेषक, नवप्रवर्तक और ऊर्जा पेशेवर एकजुट होंगे 
  • प्रदर्शनियाँ, जो अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और निवेश के अवसरों के साथ-साथ भारत को एक सुरक्षित और सतत ऊर्जा प्रणाली के मार्ग को सक्षम करने के लिए तैयार की गई पहलों को प्रदर्शित करेंगी
  • विशेष मंडप, जो स्टार्ट-अप्स सहित भारत के ऊर्जा परिवर्तन का समर्थन करने के लिए प्रमुख पहलों को प्रदर्शित करेंगे 
  • प्रमुख वैश्विक और घरेलू ऊर्जा कंपनियों के साथ चर्चा और नेटवर्क स्थापित करने का अवसर
  • इस समारोह में उच्च-स्तर के पैनल्स, नेतृत्व बैठक और मुख्य भाषणों में महत्वपूर्ण संवाद शामिल होंगे 

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