“फ्रैजाइल 5” से “टॉप 5” तक, भारत की पिछले दस वर्षों की  विकास यात्रा अपने आप में एक विचारार्थ अध्यन है, जो अर्थशास्त्र के किसी भी छात्र को आश्चर्यचकित और उत्साहित करेगी।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा “फ्रैजाइल 5” से “टॉप 5” तक, भारत की पिछले दस वर्षों की विकास यात्रा अपने आप में एक विचारार्थ अध्यन है, जो अर्थशास्त्र के किसी भी छात्र को आश्चर्यचकित और उत्साहित करेगी।

उन्होंने कहा, पूर्व से संबंधित और घोटालों से लेकर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उस संदिग्ध समय से उबरकर आने का अवसर मिला है, उन्होंने कहा, यह निराशावाद से आशावाद की यात्रा का प्रतीक है।

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; प्रधानमंत्री कार्यलय (पीएमओ), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह नई दिल्ली में टाइम्स ग्रुप द्वारा आयोजित वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन ‘द बिग शिफ्ट – मेजरिंग द फोर्सेज ऑफ चेंज’ को संबोधित कर रहे थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस वर्षों में, भारत ने विभिन्न वैश्विक मापदंडों और सार्वभौमिक मानकों में तेजी से वृद्धि प्राप्त की है

उन्होंने कहा, आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रुप में उभर कर आया  है और हम वर्ष 2014 में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें स्थान पर थे, हम 41 पायदान ऊपर आए हैं, आज हम दुनिया में 40वें नंबर पर हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, वैश्विक स्तर पर भारत का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और यह तीव्र गति से बढ़ते यूनिकॉर्न का घर है।

उन्होंने कहा “वर्ष 2014 में केवल 350 से अधिक स्टार्टअप से, भारत ने 300 गुना से अधिक वृद्धि की है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में लाल किले की प्राचीर से ‘स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया’ का आह्वान करने और वर्ष 2016 में विशेष स्टार्टअप योजना की शुरूआत करने के बाद, आज हमारे पास 110 से अधिक यूनिकॉर्न के अलावा 1,30,000 से अधिक स्टार्टअप हैं”।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, यद्यपि देश में प्रतिभा की कमी कभी नहीं थी, लेकिन परिवेश को सक्षम बनाने का कार्य निर्माण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किया गया।

उन्होंने कहा “प्रधानमंत्री श्री नरेन्lद्र मोदी द्वारा आरंभ किए गए अंतरिक्ष सुधारों ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की गोपनीयता के रहस्य से पर्दा हटा दिया। अंतरिक्ष क्षेत्र के खुलने से, आम जनमानस चंद्रयान-3 और आदित्य जैसे मेगा अंतरिक्ष कार्यक्रमों के प्रक्षेपण को देखने में सक्षम हुई है”।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, चार-पांच वर्ष पूर्व हमारे पास अंतरिक्ष क्षेत्र में सिर्फ एक स्टार्टअप था, आज इस क्षेत्र के खुलने के बाद हमारे पास लगभग 190 निजी अंतरिक्ष स्टार्टअप हैं, जबकि उनमें से पहले वाले उद्यमी भी बन गए हैं। उन्होंने कहा, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर 2023 तक निजी अंतरिक्ष स्टार्टअप द्वारा 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, यद्यपि हमारे अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम की शुरूआत वर्ष 1969 में हुई थी, जिस वर्ष अमेरिका ने चंद्रमा पर प्रथम मानव उतारा था, हम तेजी से अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले देशों के बराबर पहुंच गए और पिछले वर्ष चंद्रयान-3 ने दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर ऐतिहासिक लैंडिंग की, जहां पहले किसी ने लैंडिग नहीं की।

उन्होंने कहा भारत के भविष्य के आर्थिक विकास के वाहक के रूप में जैव प्रौद्योगिकी की पहचान करते हुए, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि हमारी जैव अर्थव्यवस्था का मूल्य वर्तमान में लगभग $ 140 बिलियन है, जो एक दशक पहले $ 10 बिलियन था।, आज 6,300 से अधिक बायोटेक स्टार्टअप और 3,000 से अधिक एग्रीटेक स्टार्टअप हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “भारत में हमारे पास विशाल जैव संसाधन हैं, हिमालय में जड़ी-बूटियां, अरोमा मिशन नए अवसरों का सृजन कर रहा है, जबकि 7,500 किलोमीटर से अधिक के समुद्र तट के साथ भारत की विशाल समुद्री संपदा का दोहन करने के लिए डीप ओशन मिशन की शुरूआत की गई है”।

यह कहते हुए कि “अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन” वैज्ञानिक अनुसंधान में एक बड़े सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का मार्ग प्रशस्त करेगा, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एनआरएफ संयुक्त राज्य अमेरिका के एनआरएफ से बेहतर मॉडल होगा।

उन्होंने कहा “एनआरएफ बजट में पांच वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये की फंडिंग की परिकल्पना की गई है। जिसमें से लगभग 60% -70%, गैर-सरकारी स्रोतों से प्राप्त होने का अनुमान है”।

यह दोहराते हुए कि साइलो का युग समाप्त हो गया है, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, एनआरएफ सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच एकीकरण की कल्पना करता है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) – 2020 की सिफारिशों के अनुसार देश में वैज्ञानिक अनुसंधान की उच्च स्तरीय सामरिक दिशा प्रदान करेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इनोवेटर्स, आरएंडडी और स्टार्टअप्स के लिए यह संभवतः सबसे बेहतर समय है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक सही पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान किया है जो नवाचार का समर्थन करता है और उसमे वृद्धि करता है, उद्यमशीलता को विकसित करता है और एक संपन्न उद्योग को बढ़ावा देता है।

यह उल्लेख करते हुए कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमें अतीत की स्वयं द्वारा थोपी गई जंजीरों से मुक्ति दिलाई, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने लगभग 2,000 अप्रचलित नियमों को खत्म कर दिया और अर्थव्यवस्था को नियंत्रणमुक्त कर दिया, जो पहले एफडीआई को आकर्षित करने और विकास को गति देने के लिए हानिकारक साबित हुए थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज दुनिया भारत के नेतृत्व की प्रसंशा कर रही है, उन्होंने कहा कि हम जलवायु परिवर्तन से निपटने, हरित ऊर्जा और शून्य उत्सर्जन की दिशा में अपने प्रयासों और पिछले वर्ष जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल में ऐतिहासिक वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) की शुरूआत करने की दिशा में दुनिया से आगे निकल रहे हैं।

आज दुनिया भारत के नेतृत्व का इंतजार कर रही है, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज के युवा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित भारत”@2047 के वास्तुकार होंगे।

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