दिल्ली : महिला काव्य मंच दक्षिणी पूर्वी दिल्ली इकाई की ऑफलाइन मासिक काव्य गोष्ठी आयोजित की गई । काव्य गोष्ठी दक्षिणी पूर्वी दिल्ली इकाई की अध्यक्ष श्रीमती अंजू अग्रवाल ‘उत्साही’ की अध्यक्षता एवं भावना अरोड़ा ‘मिलन’ (सचिव, दक्षिणी पूर्वी दिल्ली इकाई ) के कुशल संचालन में सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
गोष्ठी का संयोजन इकाई द्वारा महिला काव्य मंच की ग्लोबल अध्यक्ष श्रीमती नीतू सिंह राय के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुश्री अंजू अग्रवाल ‘उत्साही’ के उद्बोधन एवम भावना अरोड़ा ‘मिलन’ के मधुर कंठ से माँ सरस्वती की वंदना द्वारा किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. दुर्गा सिन्हा (विदेश संरक्षक महिला काव्य मंच)एवं विशिष्ट अतिथि स्नेहा देव रहीं । प्रोफेसर राकेश पांडे जी ने भी अपनी उपस्थित हो मंच की शोभा बढाई।
आमंत्रित कवयित्रियों ने नारी, वसंत, भक्तिमय, गीतों और श्रीराम पर सुंदर भजन, ग़ज़ल व कविताओं से गोष्ठी में चार चाँद लगा दिए। काव्य पाठ करने वाली कवयित्रियों में विविध इकाइयों से उपस्थित रहीं- आदरणीया सरिता गुप्ता, प्राची कौशल, श्यामा भारद्वाज , तरुणा पुंडीर, चंचल हरेंद्र वशिष्ट, राजबाला,शिखा अरोड़ा, पूनम ग्रोवर, अर्चना वर्मा जी रहे । इंदु मिश्र किरण, एकता सिंह गोष्ठी की कुछ जानदार पंक्तियां – सुश्री इंदु मिश्रा किरण-
ज़ख्म दुनिया को दिखाने की ज़रूरत क्या है,
ख़ुद को अख़बार बनाने की ज़रूरत क्या है
सुश्री एकता-
यह पत्तों की सरसराहट जैसे, कुछ कह रही है।
मानो संदेश यह प्रेम का दे रही है.
सुश्री तरुणा पुंडीर ‘ तरुनिल ‘ –
इश्क के दरिया का पानी और है
गीत ग़ज़लों की रवानी और है..
सुश्री अंजू अग्रवाल ‘उत्साही’ –
इश्क नहीं, प्यार नहीं, मोहब्बत नहीं, प्रेम नही, फिर क्या !!
आशिकी, अनुराग या लव भी नहीं,फिर क्या!!…..
सुश्री भावना अरोड़ा ‘मिलन’
सौंप दो उसे……हक जताने पर,
चित्कार-तिरस्कार, सौ इल्ज़ामात, सौंप दो उसे……
आज भी, नग्न पुरुषत्व,
कह दो – मैली गंगा!!
इस प्रकार शानदार ग़ज़ल, गीत, कविताओं ने कार्यक्रम को ऊँचाई प्रदान की। ग्लोबल प्रेसिडेंट आदरणीय नीतू के मार्गदर्शन में अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन, काव्य पाठ व धन्यवाद ज्ञापन से गोष्ठी का विधिवत समापन किया गया।