खड़े हैं सीमा पर सीना ताने,
झेलकर कितनी तकलीफ़ें दुनिया क्या जाने,
चाहे आये आँधी या आये तूफान,
डटकर खड़े है सीमा पर, भारत के वीर जवान
निडर खड़ा है वो, उसका मन जो कभी न डोला,
चाहे आये सामने से बम, बारूद या गोला,
अपनी जान लुटाकर भी रखते है वो तिरंगे का मान,
डटकर खड़े हैं सीमा पर भारत के वीर जवान
घर से आई चिट्ठी, माँ ने घर बुलाया है,
फ़र्ज़ की ज़िद लेकिन उसके मन में छाया है,
ऐसे फौलादी हाथों मे सुरक्षित है हमारा प्यारा हिंदुस्तान,
डटकर खड़े है हैं, सीमा पर भारत के वीर जवान