-4 अप्रैल माखनलाल चतुर्वेदी जयंती पर विशेष-
एक लेखक या कवि, बड़ा या महान कैसे होता है? इसके साथ ही अहम सवाल यह है कि उसने अपने समय और आसपास के साथ कितना न्याय किया है? देशकाल और परिस्थिति के भीतर बाहर आदमी को देखने का उसका नजरिया क्या है? यह चीजों को पदार्थों की तरह छूता है या उनमें उन तत्वों को पकड़ता है, जो मनुष्य और उसकी दुनिया को आगे बढ़ाते हुए सुंदर बनाने में सहायक होते हैं। नदियां, पहाड़, खेत, मैदान उसके लिए मात्र प्राकृतिक उपादान है या ये कविता के जन्म के समय सोहर गाने वाले स्वर हैं, जो कविता को दीर्घजीवी मूल्य प्रदान करते हैं। भाषा उसके लिए मात्र अभिव्यक्ति होती है या उसके जरिए वह युग के गलत को बदलने का मौसम तलाशता है? ऐसे अनेक प्रश्न कालजयी कवि माखनलाल चतुर्वेदी के काव्य में उत्तर बटोरते हुए नजर आते हैं। उनके सभी उत्तर प्रकृति के बीच बड़े होकर अपना बयान देते हैं।


