शिक्षा के पथ पर’ सहित सात पुस्तकों का विमोचन

विद्यालय बन रहे आनंदघर : प्रमोद दीक्षित

अतर्रा (बांदा)। शिक्षा दुनिया को खूबसूरत बनाने और रचनात्मक निर्माण का माध्यम है न कि दुनिया से लड़ने का। शिक्षा के पथ पर और विद्यालय में एक दिन जैसी पुस्तकें विद्यालयों की समस्याओं का सहज समाधान प्रस्तुत करती हैं। उक्त विचार शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश द्वारा अम्बर होटल लखनऊ में आयोजित पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध कहानीकार एवं शिक्षाविद् दिनेश प्रताप सिंह चित्रेश ने व्यक्त किए।

कार्यक्रम में प्रदेश भर के 30 से अधिक शिक्षाविद् और लेखकों की उपस्थिति में प्रमोद दीक्षित मलय द्वारा लिखित “शिक्षा के पथ पर” तथा  “शब्द कसौटी पर”,  संपादित कृति “विद्यालय में एक दिन”, यात्रा वृत्तांत संग्रह “यात्री हुए हम”, भूले बिसरे क्रांतिकारियों पर आधारित पुस्तक “क्रांति पथ के राही”, कोरोना काल के खट्टे-मीठे अनुभवों का काव्यात्मक संग्रह “कोरोना काल में कविता” और दुर्गेश्वर राय की पुस्तक “मंदाकिनी के तट पर” का विमोचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लेखक एवं शिक्षाविद् डॉ० रामप्यारे प्रजापति ने कहा कि ये सभी पुस्तकें इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनमें अंकित घटनाओं और अनुभवों को लिखने से पहले स्वयं शिक्षकों ने जिया है। कार्यक्रम में प्रतिभागी लेखकों को बैज लगाकर एवं अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित करते हुए पुस्तक की प्रतियां, स्मृति चिह्न और सम्मान पत्र भेंट किए गये। 

कार्यक्रम का आरम्भ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश के संस्थापक प्रमोद दीक्षित मलय ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि विद्यालय अब आनंदघर बन रहे हैं। विमोचित पुस्तकों में शिक्षक-शिक्षिकाओं के स्कूली अनुभव दर्ज किए गये हैं। मंच बच्चों, शिक्षकों एवं अभिभावकों में पढ़ने की संस्कृति का पोषक है। कार्यक्रम का सफल और भावपूर्ण संचालन प्रीति भारती द्वारा किया गया। कार्यक्रम में धर्मेंद्र त्रिवेदी (उन्नाव), राजन लाल (कानपुर), विनीत मिश्रा (कानपुर देहात), मंजू वर्मा (हरदोई), आरती साहू (बाराबंकी), दीपक गुप्ता (बलिया), शिवाली जायसवाल एवं शशि कौशिक (मेरठ), निशी श्रीवास्तव (लखनऊ), आलोक प्रताप सिंह (कन्नौज),  ममता देवी (सीतापुर), पूरन लाल चौधरी (बहराइच), अभिषेक कुमार (सिद्धार्थनगर), राजकुमार सिंह (हापुड़), अमिता शुक्ला (शाहजहांपुर), विशाल गाँधी (बहराइच), गरिमा (अमेठी), प्रीति भारती (उन्नाव), प्रतिमा यादव (सिद्धार्थनगर), सत्यप्रकाश (कौशाम्बी), वंदना श्रीवास्तव (बहराइच), दुर्गेश्वर राय (गोरखपुर), अनुराधा दोहरे (इटावा), अमिता सचान एवं सुनीता वर्मा (लखनऊ) आदि शिक्षक एवं शिक्षिका रचनाकार उपस्थित रहे।

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