– सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। मंथन सभाकक्ष में अरपा रिवाइवल कमेटी की बैठक आयोजित की गई। अरपा के पुनर्जीवन के संबंध में हाई कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका के बाद कार्यों में आई प्रगति की समीक्षा की गई। गौरला-पेंड्रा-मरवाही की कलेक्टर लीना मंडावी, निगम आयुक्त अमित कुमार व भिलाई आइआइटी के निदेशक सहित याचिकाकर्ता अरविन्द कुमार शुक्ला, न्यायमित्र आशुतोष कछवाहा, इकोलाजिस्ट डा नीरज तिवारी, अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके गुप्ता व कलेक्टर अवनीश शरण द्वारा गठित उप समिति के सदस्य शामिल हुए। बैठक में मुख्य चर्चा आइआइटी भिलाई द्वारा प्रस्तुत प्रस्तुतिकरण तथा अरपा नदी में आइआइटी द्वारा किये जा सकने वाले सर्वे कार्य को प्रारंभ करने एवं विश्लेषित करने पर रहा। नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने बैठक में प्रस्ताव दिया कि आइआइटी के रिसर्च स्कालरों की अरपा नदी के भौतिक सर्वे से पूर्व मुख्य परिस्थितियों से उन्हें अवगत कराया जाए और नदी की में विभिन्न समस्याओं तथा विभागीय कार्यों, जिसे पहले ही कार्य योजना मैं शामिल कर लिया गया है। इन कार्यों के विश्लेषण एवं मूल्यांकन संबंधी सुझाव प्रदान किए जाएं । अरपा नदी को प्रदूषण से बचाने और अरपा के जल को स्वच्छ रखने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग को कड़ी हिदायत भी दी गई है इसके तहत नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी गंभीर नजर आ रहा है।
अरपा का स्वरूप बिगाड़ने में माफिया भी कम नहीं
अरपा नदी के भीतर रेत घाट का संचालन किया जा रहा है। जिन घाटों को ठेके पर दिया गया है वहां पर पर्यावरण संरक्षण नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इसके अलावा नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन भी करना अनिवार्य हैं। लेकिन रेत माफिया नियमों को धता बढ़कर रेत की खुदाई और परिवहन कर रहे हैं। इसके चलते अरपा नदी का स्वरूप तेजी के साथ बिगड़ता जा रहा है।