क्षेमा की प्रमुख फसल बीमा योजना ‘सुकृति’ अब 20 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध

इन राज्यों के किसान अब अपनी खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिए ‘सुकृति’ का लाभ उठा सकते हैं

हैदराबाद: क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड ने आज अपने प्रमुख फसल बीमा उत्पाद सुकृति के साथ-साथ प्रकृति को भारत के 20 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध कराने की घोषणा की। अब, भारत की जीडीपी में लगभग 15% योगदान देने वाले किसान अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं क्योंकि मानसून के आगमन के साथ ही खरीफ की बुवाई का महत्वपूर्ण समय आरंभ होता है।

क्षेमा सुकृति की विस्तृत पहुंच किसानों और उनके परिवार के उन सदस्यों के लिए एक वरदान है, जिनकी बीमायोग्य आय होती है। वे मुफ्त में पंजीकरण कर सकते हैं और केवल 499 रुपये प्रति एकड़ की दर से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। किसान क्षेमा ऐप पर लॉग-इन करके सुकृति को कुछ आसान स्टेप्स में खरीद सकते हैं, जो भारत का पहला और एकमात्र स्वनिर्धारित फसल बीमा उत्पाद है। सुकृति किसानों को नौ जोखिमों में से एक मुख्य और एक सहायक परिस्थिति का चयन करने का विकल्प देती है। यह खूबी उन्हें उन परिस्थितियों का चयन करने में सहायता करता है जो उनकी फसल को, जलवायु, क्षेत्र, खेत का स्थान, अन्य ऐतिहासिक प्रवृत्तियों आदि के आधार पर, सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकती हैं। कवर किए गए
जोखिमों में चक्रवात, जल-जमाव (जलप्रिय फसलों के लिए लागू नहीं), बाढ़, ओलावृष्टि शामिल हैं, जबकि छोटे जोखिमों में भूकंप, भूस्खलन, बिजली से लगी आग, जानवरों का हमला (बंदर, खरगोश, जंगली सूअर, हाथी) और विमान से होने वाले नुकसान शामिल हैं।

।सुकृति अब किसानों और उनके परिवार के बीमा योग्य आय रखने वालों सदस्यों के लिए और भी आकर्षक हो गई है। वे अब अपने घर से ही सुकृति खरीद सकते हैं और 100 से अधिक मौसमी फसलों का बीमा करा सकते हैं। यह योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहित किसी भी अन्य बीमा योजना की तुलना में अधिक फसलों को कवर करती है। किसान, सुकृति खरीदते समय, अतिरिक्त प्रीमियम देकर बीमित राशि बढ़ाने का विकल्प चुन सकते हैं ताकि अपने वित्तीय हितों की सुरक्षा कर सकें। क्षेमा ने बीमा खरीदने से लेकर दावा जमा करने तक की उपभोक्ता जर्नी को ऐप द्वारा सहज बना दिया है। एमएफबीवाई क्षेमा सुकृति उत्पादन सूचकांक आधारित क्षतिपूर्ति सूचकांक आधारित केवल चुनिंदा फसलें ही कवर की जाती हैं १०० से धिक मौसमी फसलें कवर की गई हैं बीमा के लिए गाँव/मंडल को इकाई क्षेत्र माना जाता है।

खेत का क्षेत्रफल बीमा की इकाई है दावों के निपटान में समय अधिक लगता है कम समय में दावों का निपटान सीसीई का संचालन करके दावों का निपटान टेक्नॉलजी आधारित दावों का निपटान क्षेमा ने खरीफ मौसम के पहले चरण में फसल बीमा को अधिक सुलभ बनाने की अपनी पहल के तहत 9.40 लाख किसानों को सुकृति उपलब्ध कराई है जो 2.32 मिलियन एकड़ उपजाऊ भूमि को सुरक्षा प्रदान करेगी।

क्षेमा सुकृति के विस्तार पर अपनी राय रखते हुए, क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के मुख्य अंडरराइटिंग अधिकारी, श्री सी.वी. कुमार ने कहा, “हमें खुशी है कि हम खरीफ सीज़न के साथ-साथ अधिक से अधिक राज्यों में क्षेमा की अग्रणी फसल बीमा योजना की उपलब्धता की घोषणा कर सके। हम उम्मीद करते हैं कि किसान सुकृति को अपनाएंगे और इसे अपनी जरूरतों के हिसाब से ढालेंगे, ताकि वे अपनी खरीफ फसलों की सुरक्षा कर सकें और आय में आने वाले क्षति से खुद को बचा सकें। हमारा मिशन है कि हम क्षेमा के माध्यम से किसानों को वित्तीय रूप से मजबूत बनाएं, क्योंकि इन दिनों मौसमी घटनाएं लगातार और तीव्र होती जा रही हैं, जिससे किसानों की आजीविका पर असमान रूप से असर पड़ रहा है।”

अग्रणी फसल बीमा उत्पाद ‘सुकृति’ अब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, और पुदुचेरी तथा अंडमान और निकोबार जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है।

इसके अलावा, क्षेमा ने उपर्युक्त राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किसानों की सहायता के लिए पॉइंट ऑफ सेल पर्सन (POSP) की नियुक्ति की है। किसान आसानी से POSP से संपर्क कर सकते हैं और प्रक्रिया के किसी भी स्टेप में सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके व्यक्तिगत मीटिंग का अनुरोध कर सकते हैं।


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