खिलाड़ी के चोटिल होने पर उसका पूरा खेल कैरियर दांव पर लग जाता है। दोबारा से उसे खेल की गतिविधियों में मैदान पर वापस आने के लिए जल्दी ठीक होना बहुत आवश्यक: डॉ विवेक महाजन

विनीता झा
कार्यकारी संपादक

नई दिल्ली: मणिपुर की एक राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल खिलाड़ी माधाबी पैर में गंभीर चोट के कारण अपना फुटबॉल कैरियर हमेशा के लिए खो देती इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर (ISIC)में हाई-एंड ऑल-इनसाइड एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट ;प्ैप्ब्द्धपुनर्निर्माण सर्जरी ने उनके करियर को बचा लिया। एक खेल आयोजन के दौरान उनके दाहिने घुटने बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिनका ठीक हो ना बहुत मुश्किल था और ऐसे में भारत की महत्वपूर्ण खिलाड़ी के भविष्य अंधेरे में था, जिसे आईएसआईसी ने सिर्फ 4 सप्ताह के समय में न सिर्फ ठीक किया बल्कि भारत की वह खिलाड़ी जिस का भविष्य अंधकार में था वह दोबारा मैदान पर वापस आ गई। ऐसी सिर्फ एक खिलाड़ी माधाबी ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी सरबजीत सिंह और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के नवीन, राष्ट्रीय ताइक्वांडो खिलाड़ी अंकित और बॉडी बिल्डर मंथन भी उन लोगों में शामिल है, जिनकी पिछले 6-9 महीनों में एसीएल सर्जरी द्वारा प्ैप्ब् ने भविष्य के अंधकार को उजाले में बदला है।

जिन्हें गंभीर चोटें आई वे भारत और  विदेशों के 20 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों सहित लगभग 100 लोगों के साथ थे और सशस्त्र सेवाओं को उन्नत प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। प्ैप्ब् द्वारा सर्जरी व देखरेख के बाद यह सभी 3 महीने के भीतर ही अपने क्षेत्र में सेवा देने के लिए वापस आ गए।  (ISIC) के ऑर्थोपेडिक एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, डॉ विवेक महाजन ने बताया कि एक खिलाड़ी के चोटिल होने पर उसका पूरा खेल कैरियर दांव पर लग जाता है। दोबारा से उसे खेल की गतिविधियों में मैदान पर वापस आने के लिए जल्दी ठीक होना बहुत आवश्यक है, परंतु गंभीर चोटे खेल कैरियर के लिए खतरा बनी रहती हैं। हमने लगभग 25 पेशेवर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों का इलाज किया है, जो मुख्य रूप से जूडो, कुश्ती और फुटबॉल जैसे संपर्क कार्यक्रमों से जुड़े हैं और भारतीय सेना और अन्य सशस्त्र बलों के भी लगभग 80 मरीजों को भी ठीक किया गया। हमने आंतरिक ड्रेसिंग के साथ ऑल-इनसाइड एसीएल सर्जरी की।

उन्होंने कहा कि हमारा प्राथमिक उद्देश्य उन्हें जल्द से जल्द मैदान में वापस लाने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ हमारे विश्व स्तरीय पुनर्वास कार्यक्रम के साथ उन्नत सर्जरी को जोड़ना था। आमतौर पर गंभीर खेल चोटों वाले रोगियों को सर्जरी के बाद ठीक होने में 9-12 महीने लगते हैं। हम धातु के बिना उन्नत सर्जरी करते हैं, जिसमें समय लगता है और बाद के चरण में उन्हें हटाना भी आवश्यक होता है। सर्जरी के बाद सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास लेवल का इलाज होता है, जहां हमारे मास्टर डिग्री के साथ उच्च प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर है जो रोगियों को जल्द ठीक होने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। और इसी प्रकार की उन्नत उपचार के बाद यह भारत के प्रमुख होनहार खिलाड़ी दोबारा मैदान पर वापस आ पाते हैं। फुटबॉल खिलाड़ी माधाबी ने बताया कि मुझे जब चोट लगा तो शुरुआत में मुझे लगा कि मेरा कैरियर खतरे में है और अब मैं दोबारा खेल में वापस नहीं आ पाऊंगी, परंतु अब मैं एसीएल सर्जरी के बाद 6 महीने में ही दोबारा मैदान में वापस आ गई हूं। मैं आईएसआईसी और अत्यधिक अनुभवी डॉ.महाजन और उनकी टीम की बहुत आभारी हूं।

 एसएसबी के नवीन और सरबजीत सिंह ने आईएसआईसी के प्रति इसी तरह की भावनाओं को व्यक्त करते हुए और आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे लगा अब मेरा भविष्य अंधकार में है परंतु आईएसआईसी की अत्यधिक अनुभवी टीम ने हमें जल्द से जल्द खेलों में वापस ला दिया।  

डॉ विवेक ने कहा कि हमने न केवल भारतीय खिलाड़ी बल्कि हमने नाइजीरिया और सोमालिया के पेशेवर खिलाड़ियों जिन्हें खेल में गंभीर चोटें आईं और उन्हें अपने खेल क्षेत्र में वापस आने के लिए जल्दी ठीक होने की आवश्यकता थी उनका उच्च स्तरीय सर्जरी के माध्यम से सफल इलाज किया। (ISIC)की चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर सुश्री सुगंध अहलूवालिया ने कहा कि युवा खिलाड़ियों की चोटें निराशाजनक हैं। गंभीर चोटों के कारण कभी-कभी उन्हें लगता है कि उनके खेल करियर का अंत हो गया। परंतु हमारे योग्य एवं प्रशिक्षित डॉक्टर सभी जटिलताओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमारी आर्थोपेडिक सेवाओं के तहत, हम एंड-टू-एंड उपचार सुविधाओं की पेशकश करते हैं, जिसमें अन्य चिकित्सा सेवाओं के अलावा कूल्हे, घुटने और कंधे का प्रतिस्थापन शामिल है। विभाग की विशिष्टताओं में स्पोर्ट्स मेडिसिन – आर्थोस्कोपी शामिल हैं। हमारा स्पोर्ट्स मेडिसिन सेंटर पुनर्निर्माण और पुनर्प्राप्ति के लिए अत्यधिक विशिष्ट प्रक्रियाओं को करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है। जो खिलाड़ियों के भविष्य को सुरक्षित करती है।

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