विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, “नेतृत्व प्राप्त करने से लेकर, भारत नेतृत्व करने की स्थिति में है

Live News
रजत शर्मा और रितु धवन के विवाह की 25वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई, दिग्गज हस्तियों ने दी बधाईछत्रपति शिवाजी महाराज की कितनी पत्नियां थीं? जानकर रह जाएंगे हैरानतमिलनाडु में भाजपा ने बदला प्रदेश अध्यक्ष, नयनार नागेंद्रन ने ली अन्नामलाई की जगहगोबर विवाद पर आमने-सामने आए अखिलेश-मोहन, MP के सीएम ने कहा- 'भारत में रहने का अधिकार नहीं'नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की बड़ी कार्रवाई, अटैच की गई संपत्तियों पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरूरोज वैली पोंजी घोटाले में निवेशकों को बड़ी राहत, 7.5 लाख लोगों को सरकार देगी 515 करोड़Rajat Sharma's Blog | वक्फ: कानून की merit तो देखो'एक बच्चा अपने साहस और संकल्प से स्वराज का मंत्र दे गया', पढ़ें शिवाजी महाराज को लेकर क्या बोले अमित शाहक्या होती है 'काल बैसाखी', जो हर साल लील जाती है सैकड़ों लोगों की जान, कैसे करें बचाव?LIVE: हनुमान जयंती पर देश भर में निकाली जा रही शोभा यात्रा, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
रजत शर्मा और रितु धवन के विवाह की 25वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई, दिग्गज हस्तियों ने दी बधाईछत्रपति शिवाजी महाराज की कितनी पत्नियां थीं? जानकर रह जाएंगे हैरानतमिलनाडु में भाजपा ने बदला प्रदेश अध्यक्ष, नयनार नागेंद्रन ने ली अन्नामलाई की जगहगोबर विवाद पर आमने-सामने आए अखिलेश-मोहन, MP के सीएम ने कहा- 'भारत में रहने का अधिकार नहीं'नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की बड़ी कार्रवाई, अटैच की गई संपत्तियों पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरूरोज वैली पोंजी घोटाले में निवेशकों को बड़ी राहत, 7.5 लाख लोगों को सरकार देगी 515 करोड़Rajat Sharma's Blog | वक्फ: कानून की merit तो देखो'एक बच्चा अपने साहस और संकल्प से स्वराज का मंत्र दे गया', पढ़ें शिवाजी महाराज को लेकर क्या बोले अमित शाहक्या होती है 'काल बैसाखी', जो हर साल लील जाती है सैकड़ों लोगों की जान, कैसे करें बचाव?LIVE: हनुमान जयंती पर देश भर में निकाली जा रही शोभा यात्रा, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां कहा कि नेतृत्व प्राप्त करने से लेकर, भारत आज विश्व भर में दूसरों का नेतृत्व करने की स्थिति में है और यह बात प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति, जैव प्रौद्योगिकी वैक्सीन में सफलता और सीएसआईआर बैंगनी क्रांति सहित हाल की सफलता की कहानियों से स्पष्ट होती है।

केंद्रीय मंत्री “वैज्ञानिक एवं नवीन अनुसंधान अकादमी” के 8वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे, जो संभवतः भारत में अपनी तरह का एकमात्र आयोजन है।

इस अवसर पर, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने वैज्ञानिक और नवीन अनुसंधान अकादमी (एसीएसआईआर) के 8वें दीक्षांत समारोह के दौरान चार प्रसिद्ध वैज्ञानिकों – डॉ. रघुनाथ ए. माशेलकर, प्रो. समीर के. ब्रह्मचारी, प्रो. सुरेश भार्गव और डॉ. थिरुमालाचारी रामासामी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान को मान्यता देते हुए डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि प्रदान की।

पॉलीमर विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध हस्ती, डॉ. माशेलकर को उनके अग्रणी शोध और असाधारण नेतृत्व के लिए सम्मानित किया गया। जीनोमिक्स में अग्रणी के रूप में पहचाने जाने वाले, प्रो. ब्रह्मचारी को स्वास्थ्य और बीमारी में दोहराए जाने वाले डीएनए की भूमिका पर उनके काम के लिए सम्मानित किया गया। प्रो. भार्गव को रासायनिक विज्ञान और इंजीनियरिंग में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए यह सम्मान मिला। डॉ. रामासामी को क्रोमियम रसायन विज्ञान में उनके मौलिक शोध के लिए सराहना मिली, जिसने शैक्षणिक और औद्योगिक क्षेत्रों में नवीन उत्पादों और प्रक्रियाओं का मार्ग प्रशस्त किया है।

स्नातक करने वाले विद्वानों को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतः विषयक शिक्षा को बढ़ावा देने, उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक विज्ञान और प्रौद्योगिकी रैंकिंग में भारत की उन्नति को बढ़ावा देने में एसीएसआईआर की भूमिका पर प्रकाश डाला। मंत्री ने संस्थान के भविष्यवादी शैक्षणिक दृष्टिकोण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के सपने को प्राप्त करने की आधारशिला बताया।

मंत्री ने अपेक्षाकृत युवा संस्थान होने के बावजूद वैश्विक विश्वविद्यालयों में शीर्ष 3% में स्थान पाने के लिए एसीएसआईआर की सराहना की। उन्होंने इस सफलता का श्रेय इसके अभिनव मॉडल को दिया, जो इंजीनियरिंग, जैव विज्ञान और सूचना विज्ञान जैसे विविध विषयों को चिकित्सा अनुसंधान और कृषि जैसे उभरते क्षेत्रों के साथ जोड़ता है।

उन्होंने कहा, “एसीएसआईआर सिर्फ एक अकादमिक संस्थान नहीं है; यह भारत में एक नई अकादमिक संस्कृति का पथप्रदर्शक है।” उन्होंने आगे कहा कि सीएसआईआर, आईसीएमआर और डीएसटी सहित 82 संस्थानों के साथ इसकी साझेदारी अनुसंधान और विकास में प्रभावी सहयोग का उदाहरण है।

मंत्री ने भारत की उभरती हुई स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने में एसीएसआईआर की भूमिका पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से इसके अभिनव एकीकृत पीएचडी (आईपीएचडी) कार्यक्रम के माध्यम से। उन्होंने कहा, “आईपीएचडी अनुसंधान यात्रा की शुरुआत से ही नवाचार, कल्पना और उद्योग को जोड़ता है, जिससे टिकाऊ स्टार्टअप सुनिश्चित होते हैं।” उन्होंने इन प्रयासों को वैश्विक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में भारत की जबरदस्त वृद्धि से जोड़ा, जो मोदी सरकार के तहत वैश्विक नवाचार सूचकांक में 81वें स्थान से 40वें स्थान पर पहुंच गया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष और जैव प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों में सफलता की कहानियों पर भी प्रकाश डाला। भारत अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या एकल अंक से बढ़कर 300 से अधिक हो गई है, जबकि जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अब लगभग 9,000 स्टार्टअप हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियों की सराहना की और सीएसआईआर की पहली महिला महानिदेशक की ऐतिहासिक नियुक्ति का उल्लेख किया। मंत्री ने कहा, “भारत की नारी शक्ति हमेशा से महान उपलब्धियों की नींव रही है, लेकिन अब इसे वह पहचान मिल रही है जिसकी यह हकदार है।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि एसीएसआईआर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सिद्धांतों को मूर्त रूप देता है, जो छात्रों को उनकी शैक्षणिक गतिविधियों में अद्वितीय लचीलापन प्रदान करता है। उन्होंने छात्रों द्वारा जैव प्रौद्योगिकी और अर्थशास्त्र जैसे अपरंपरागत विषयों को संयोजित करने के किस्से साझा किए और इसे भारतीय शिक्षा में एक क्रांतिकारी कदम बताया।

उन्होंने एसीएसआईआर के मिशन को सरकार की भविष्य की नीतियों से भी जोड़ा, जिसमें हाल ही में बायोई3 बायोटेक्नोलॉजी नीति और क्वांटम प्रौद्योगिकी में प्रगति शामिल है। उन्होंने कहा, “भारत अब वैश्विक प्रौद्योगिकियों को अपनाने में देरी नहीं करता; हम अब उनके विकास का नेतृत्व कर रहे हैं।”

एसीएसआईआर के पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय और एआईएसटी जापान जैसे विश्व-प्रसिद्ध संस्थानों के साथ सहयोग को इसकी अकादमिक उत्कृष्टता के मानदंड के रूप में रेखांकित किया गया। मंत्री ने कहा कि ये साझेदारियां भारतीय विज्ञान और शिक्षा की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रमाणित करती हैं।

एसीएसआईआर में दीक्षांत समारोह में भारत की बढ़ती वैज्ञानिक क्षमता और ज्ञान-संचालित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता परिलक्षित हुई। नवाचार, उद्यमशीलता और शैक्षणिक उत्कृष्टता को मिलाकर, एसीएसआईआर जैसे संस्थान न केवल शिक्षा को बदल रहे हैं, बल्कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता बनने के लिए भारत के मार्ग को भी आकार दे रहे हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह के संबोधन ने इस दृष्टि को रेखांकित करते हुए राष्ट्र की “विकसित भारत 2047” की महत्वाकांक्षा को मजबूती प्रदान की और स्थायी विकास और नवाचार के युग की शुरुआत करने पर जोर दिया।

इस कार्यक्रम में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद, सीएसआईआर के महानिदेशक एवं डीएसआईआर के सचिव प्रोफेसर एन. कलैसेलवी, आईसीएमआर के महानिदेशक एवं डीएचआर के सचिव प्रोफेसर राजीव बहल तथा एसीएसआईआर के कुलाधिपति प्रोफेसर पी. बलराम सहित अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया, जिन्होंने समारोह की अध्यक्षता की।

Loading

Book Showcase
Book 1 Cover

मोदी की विदेश नीति

By Ku. Rajiv Ranjan Singh

₹495

Book 2 Cover

पीएम पावर

By Kumar Amit & Shrivastav Ritu

₹228

संभोग से समाधि की ओरर

By Osho

₹288

चाणक्य नीति - चाणक्य सूत्र सहितढ़ता

By Ashwini Parashar

₹127

Translate »