22 दिसंबर को  5वीं अनुसूची एवं जनजाति दर्जा वापस पाने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर में जुटेंगे उत्तराखंड के मूलनिवासी 

Live News
एक घंटे के भीतर भूकंप के 4 झटकों से कांप उठी भारत समेत इन एशियाई देशों की धरती, लोगों में दहशतभारत में बनी रोबोटिक सर्जरी मशीन 'मेडी जार्विस' आज असम में हुई लॉन्च, कैंसर के मरीजों के इलाज में मिलेगी मददवक्फ कानून पर भड़के ओवैसी, कहा- बकरीद तक विरोध प्रदर्शन चलता रहेगा, AIMPLB काले बिल के ख़िलाफ़'भारत में बीजेपी की सरकार, किया जाएगा टॉर्चर', राणा के प्रत्यर्पण को रोकने के लिए US कोर्ट में खेला गया था मुस्लिम कार्डहाई सिक्योरिटी सेल में पांच बार नमाज पढ़ता है तहव्वुर राणा, रखी मांग-'मुझे कुरान, कलम और कॉपी दे दो'ठंडा-ठंडा कूल-कूल के बाद अब चिलचिलाती गर्मी की बारी, जानिए अगले 4 दिन के मौसम का हालरजत शर्मा और रितु धवन के विवाह की 25वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई, दिग्गज हस्तियों ने दी बधाईछत्रपति शिवाजी महाराज की कितनी पत्नियां थीं? जानकर रह जाएंगे हैरानतमिलनाडु में भाजपा ने बदला प्रदेश अध्यक्ष, नयनार नागेंद्रन ने ली अन्नामलाई की जगहगोबर विवाद पर आमने-सामने आए अखिलेश-मोहन, MP के सीएम ने कहा- 'भारत में रहने का अधिकार नहीं'
एक घंटे के भीतर भूकंप के 4 झटकों से कांप उठी भारत समेत इन एशियाई देशों की धरती, लोगों में दहशतभारत में बनी रोबोटिक सर्जरी मशीन 'मेडी जार्विस' आज असम में हुई लॉन्च, कैंसर के मरीजों के इलाज में मिलेगी मददवक्फ कानून पर भड़के ओवैसी, कहा- बकरीद तक विरोध प्रदर्शन चलता रहेगा, AIMPLB काले बिल के ख़िलाफ़'भारत में बीजेपी की सरकार, किया जाएगा टॉर्चर', राणा के प्रत्यर्पण को रोकने के लिए US कोर्ट में खेला गया था मुस्लिम कार्डहाई सिक्योरिटी सेल में पांच बार नमाज पढ़ता है तहव्वुर राणा, रखी मांग-'मुझे कुरान, कलम और कॉपी दे दो'ठंडा-ठंडा कूल-कूल के बाद अब चिलचिलाती गर्मी की बारी, जानिए अगले 4 दिन के मौसम का हालरजत शर्मा और रितु धवन के विवाह की 25वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई, दिग्गज हस्तियों ने दी बधाईछत्रपति शिवाजी महाराज की कितनी पत्नियां थीं? जानकर रह जाएंगे हैरानतमिलनाडु में भाजपा ने बदला प्रदेश अध्यक्ष, नयनार नागेंद्रन ने ली अन्नामलाई की जगहगोबर विवाद पर आमने-सामने आए अखिलेश-मोहन, MP के सीएम ने कहा- 'भारत में रहने का अधिकार नहीं'

उत्तराखंड एकता मंच के बैनर तले जंतर मंतर पर 22 दिसंबर को ‘उत्तराखंड मूलनिवासी संसद’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उत्तराखंड के अनेक बुद्धिजीवी, समाजसेवी, विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, पूर्व नौकरशाह, पूर्व फौजी, आंदोलनकारी, महिलाएं, युवा आदि सभी शामिल होकर उत्तराखड के पर्वतीय इलाके को पहले की भांति जनजातीय क्षेत्र घोषित कर सरकार से इसे संविधान की 5वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग करेंगे।

उत्तराखंड एकता मंच का कहना है कि यह इलाका पहले जनजातीय क्षेत्र के तौर पर अधिसूचित था और यहां के मूल निवासियों को जल, जंगल, जमीन संबंधी अधिकार प्राप्त थे जिन्हें सरकार ने 1972 में खत्म कर दिया था। इसका पर्वतीय जनजीवन पर बहुत विपरीत असर पड़ा। पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका के साधनों की नितांत कमी तथा अन्य कारकों से बहुत तीव्रगति से पलायन हो रहा है और हजारों गांव जनशून्य हो गए हैं। पहाड़ में घटती जनसंख्या के कारण पिछली बार हुए विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन में पहाड़ों की विधानसभा सीटें कम हो गईं और अगले परिसीमन में यहां का प्रतिनिधित्व और भी घटने की आशंका है। इसका सीधा दुष्प्रभाव यहां के विकास तथा लोगों के जीवनस्तर पर पड़ रहा है। जबकि यह क्षेत्र दो-दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा हुआ है। इस दुर्गम क्षेत्र का जनविहीन होते जाना राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से बहुत खतरनाक हो सकता है। इस महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से ध्यान दिया जाना जरूरी है।

यह सभी समस्याएं केवल उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र को फिर से जनजातीय क्षेत्र घोषित कर इसे संविधान की 5वीं अनुसूची में शामिल करने से ही हल होंगी। यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से जनजाति बहुल रहा है। इसीलिए भारत सरकार द्वारा किसी भी समुदाय को जनजाति घोषित करने के जो मानक निर्धारित किए गए हैं, उनमें उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र खरा उतरता है क्योंकि यह मूलत: खस जनजातीय क्षेत्र था। इसके ऐतिहासिक तथा सरकारी प्रमाण मौजूद हैं।

संगठन का कहना है कि जनजाति का दर्जा वापस मिलने तथा संविधान की 5वीं अनुसूची में शामिल करने से पहाड़ी इलाकों से बहुत तेजी से हो रहे पलायन पर रोक लगेगी और पहाड़ में पहले जैसी खुशहाली लौटेगी। ‘उत्तराखंड मूलनिवासी संसद’ में इन्हीं मुद्दों पर उत्तराखंड के जनमानस द्वारा प्रस्ताव पास किया जाएगा l उसके बाद सरकार को एक ज्ञापन देकर यही मांग की जायेगी की वे उत्तराखंड विधानसभा में 5वीं अनुसूची का प्रस्ताव पास करके इसे केंद्र सरकार को भेजें

Loading

Book Showcase
Book 1 Cover

मोदी की विदेश नीति

By Ku. Rajiv Ranjan Singh

₹495

Book 2 Cover

पीएम पावर

By Kumar Amit & Shrivastav Ritu

₹228

संभोग से समाधि की ओरर

By Osho

₹288

चाणक्य नीति - चाणक्य सूत्र सहितढ़ता

By Ashwini Parashar

₹127

Translate »