डिजीटल युग मे नेट-बंदी कंहा तक उचित है: महेंद्र सिंह राठौड

जयपुर: डिजीटल युग मे नेट-बंदी कंहा तक उचित है ये कहना है भारतीय स्वराज्य क्रांति पार्टी के राजस्थान प्रभारी महेंद्र सिंह राठौड़ का। परीक्षा हो या अन्य कोई  प्रकरण, नेट बंदी कोई विकल्प नही है। पेपरों में नकल रोकने के लिए सरकार को दूसरे तरीके अपनाने चाहिए। दिन की शुरूवात मतलब सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक नेट का बंद होना ही है। मतलब सभी तरह के व्यापार पर प्रतिकुल असर पडना।
आज के समय मे नेट बंदी ज्यादा खतरनाक है। आज के दौर मंे नगद के बिना काम चल सकता है, लेकिन नेट बिना नही चल सकता। इंटरनेट बंद होने से ऑनलाईन पेमेंट सिस्टम, कैब, अस्पताल, फूड डिलीवरी, सिनेमा एंव अन्य व्यापार सब ठप्प हो जाता है। भारतीय स्वराज्य क्रांति पार्टी की कानूनी सलाहकार पूजा राठौड़ का कहना है कि सरकार एक ओर डिजीटल सुविधाओं को प्रोतसाहन दे रही है, दूसरी ओर परीक्षा होने पर नेट बंद होने से परेशानी होती है। कानूनी सलाहकार नरेंद्र सिंह का कहना है की शादी का सीजन होने के कारण लोग ऑनलाईन पेमेंट करते है, तो पेमेट होने मे परेशानी का सामना करना पडता है। वही हितेश कंवर का कहना है की अस्पताल में रिपोर्ट ऑन लाईन मिलती है तो मरीजो को काफी परेशानी होती है। वही अजय सिह नाथावत का कहना है की कैब जैसी जरूरी  चीज ऑन लाईन ही बुक होती है। सरकार के हमारा अनुरोध है कि कृपया कर सरकार अन्य विकल्प खोजंे। जिससे की आगे भविष्य में होने वाली ऐसी परेशानियों से बचा जा सके।

Loading

Translate »