कैबिनेट ने पूर्व-प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने पूर्व-प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की स्मृति में शोक प्रस्ताव पारित किया। कैबिनेट ने दो मिनट का मौन रखकर डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।

उनके निधन पर 01 जनवरी, 2025 तक सात दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है।

इस शोक अवधि के दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

विदेश स्थित सभी भारतीय मिशनों/उच्चायोगों में भी 01 जनवरी, 2025 तक सात दिनों के लिए राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अंतिम संस्कार के दिन केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में आधे दिन का अवकाश घोषित किया जाएगा।

कैबिनेट के प्रस्ताव का मूलपाठ निम्नानुसार है:-

“कैबिनेट भारत के पूर्व-प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के 26 दिसंबर, 2024 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में हुए निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त करता है।

26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के पश्चिमी पंजाब के गाह गांव में जन्मे डॉ. सिंह का शैक्षिक जीवन शानदार रहा। उन्होंने 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की और 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स के साथ अपनी ट्राइपोज प्राप्त की। उन्हें 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा डी. फिल की डिग्री प्रदान की गई।

डॉ. सिंह ने अपना करियर पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में वरिष्ठ व्याख्याता के रूप में शुरू किया और उसी विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने। 1969 में, वे दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रोफेसर बने। डॉ. मनमोहन सिंह 1971 में तत्कालीन विदेश व्यापार मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने। वे वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार (1972-76), आर्थिक कार्य विभाग के सचिव (नवंबर 1976 से अप्रैल 1980), योजना आयोग के सदस्य सचिव (अप्रैल 1980 से सितंबर 1982) और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (सितंबर 1982 से जनवरी 1985) रहे।

डॉ. सिंह को अनेक पुरस्कार और सम्मान के अलावा भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण (1987) से सम्‍मानित किया गया था। उन्हें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार (1995), वर्ष के वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवार्ड (1993), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एडम स्मिथ अवार्ड (1956) से भी सम्मानित किया गया था।

डॉ. मनमोहन सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री रहे। आर्थिक सुधारों की व्यापक नीति लाने में उनकी भूमिका अहम है। डॉ. सिंह 22 मई, 2004 को भारत के प्रधानमंत्री बने और मई, 2009 तक पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री के तौर पर काम किया। वे मई 2009 से 2014 तक दूसरे कार्यकाल के लिए भी प्रधानमंत्री रहे।

डॉ. मनमोहन सिंह ने हमारे राष्ट्रीय जीवन पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनके निधन से राष्ट्र ने एक महत्वपूर्ण राजनेता, प्रख्यात अर्थशास्त्री और एक प्रतिष्ठित नेता खो दिया है।

सरकार और सम्पूर्ण राष्ट्र की ओर से कैबिनेट शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है।”

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Translate »