आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में ज़हर मिलाने का आरोप लगाया। उन्होंने चुनाव आयोग (EC) पर निशाना साधते हुए कहा कि आयोग बीजेपी के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय उन्हें ही “परेशान” करने में लगा हुआ है।

EC दफ्तर पहुंचे केजरीवाल, सौंपा जवाब
अरविंद केजरीवाल आज दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे और हरियाणा सरकार पर लगे आरोपों को लेकर पूछे गए पांच सवालों का जवाब सौंपा। इन सवालों में प्रमुख रूप से पूछा गया था कि AAP किन सबूतों के आधार पर “जहर” मिलाने का आरोप लगा रही है और यह “जहर” किस तरह का था?
अपने जवाब में केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मंत्री आतिशी और खुद के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (जो कि बीजेपी से हैं) की सोची-समझी साजिश थी, ताकि दिल्ली में पानी की कृत्रिम कमी पैदा हो और इसका राजनीतिक फायदा बीजेपी को मिले।
केजरीवाल का BJP पर हमला
AAP प्रमुख ने कहा कि हरियाणा सरकार का यह कदम दिल्ली चुनावों को प्रभावित करने की साजिश थी। उन्होंने मांग की कि हरियाणा के मुख्यमंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
उन्होंने चुनाव आयोग को चेतावनी दी कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई, तो यह साबित हो जाएगा कि “जल को हथियार बनाकर चुनाव जीता जा सकता है।” उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया, तो यह साफ हो जाएगा कि मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) जनता के हित से ज्यादा सत्ताधारी पार्टी के हितों की रक्षा कर रहे हैं।
“डरूंगा नहीं, सच बोलता रहूंगा”
अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर उनके खिलाफ “जल्दबाजी में कार्रवाई” करने का आरोप लगाया और कहा, “मुझसे यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि मैं डर जाऊं और चुप बैठ जाऊं। मैं दिल्ली की जनता की सेहत और सुरक्षा के लिए लड़ता रहूंगा।”
उन्होंने कहा कि वह किसी भी “गैरकानूनी सजा” के लिए तैयार हैं, जो चुनाव आयोग उन पर लगाना चाहे।
AAP vs BJP: दिल्ली चुनावी जंग तेज़
यमुना विवाद के चलते दिल्ली में AAP और बीजेपी के बीच राजनीतिक लड़ाई तेज़ हो गई है। जहां AAP विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज कर रही है, वहीं बीजेपी ने पिछले दो लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सीटों पर जीत हासिल की है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि चुनाव आयोग इस विवाद पर क्या फैसला लेता है और क्या AAP अपने आरोपों को साबित करने के लिए और ठोस प्रमाण पेश कर पाती है या नहीं।