1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत किया। यह बजट भारत के विकास को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की गई है। इस बजट का मुख्य उद्देश्य आर्थिक वृद्धि को गति देना, किसानों और छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाना और आम जनता के जीवन स्तर में सुधार लाना है।

बजट की प्रमुख घोषणाएं
1. कृषि और ग्रामीण विकास
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना:
- देश के 100 जिलों में कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इस योजना की शुरुआत की जाएगी।
- किसानों के लिए सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने, कृषि क्रेडिट की उपलब्धता सुनिश्चित करने और फसल विविधीकरण पर जोर दिया जाएगा।
दालों के लिए आत्मनिर्भरता मिशन:
- अगले छह वर्षों में तूर, उड़द और मसूर की दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन शुरू होगा।
- किसानों को उन्नत बीज, भंडारण सुविधाएं और बाजार में उचित मूल्य दिलाने के लिए सहायता दी जाएगी।
मखाना बोर्ड:
- बिहार में मखाना किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए एक विशेष मखाना बोर्ड की स्थापना होगी।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा में वृद्धि:
- किसानों के लिए KCC के तहत ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई।
कृषि क्षेत्र में वित्तीय आवंटन:
- कुल कृषि और ग्रामीण विकास बजट: ₹4,38,254 करोड़।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए ₹12,242 करोड़ का आवंटन।
2. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को प्रोत्साहन
एमएसएमई के लिए नई घोषणाएं:
- MSME की परिभाषा में बदलाव करते हुए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाई गई है।
- MSME के लिए क्रेडिट गारंटी कवर 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया गया।
- महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों के लिए योजना: पहली बार व्यवसाय शुरू करने वालों को 2 करोड़ रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा।
फुटवियर और लेदर सेक्टर:
- विशेष योजना के तहत इन क्षेत्रों में रोजगार और निर्यात को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है।
MSME क्षेत्र में वित्तीय आवंटन:
- सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए ₹10,000 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान।
3. शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश
आंगनवाड़ी और पोषण 2.0:
- 8 करोड़ बच्चों और 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं को पोषण सहायता प्रदान की जाएगी।
- पोषण मानकों को बेहतर बनाया जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में शिक्षा:
- शिक्षा के क्षेत्र में AI के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से एक केंद्र की स्थापना की जाएगी।
आईआईटी का विस्तार:
- नए बुनियादी ढांचे के साथ 6500 छात्रों के लिए अतिरिक्त क्षमता का निर्माण किया जाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र:
- हर जिले में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
- 200 नए कैंसर सेंटर की स्थापना अगले वित्त वर्ष में होगी।
- स्वास्थ्य बजट में ₹98,311 करोड़ का प्रावधान।
4. बुनियादी ढांचा और शहरी विकास
जल जीवन मिशन:
- ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप के माध्यम से 100% घरों को पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य।
- इस योजना के लिए ₹67,000 करोड़ का आवंटन।
ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे:
- बिहार में नया हवाई अड्डा स्थापित किया जाएगा।
परिवहन सुधार:
- राज्यों को पीपीपी मॉडल के तहत परियोजनाओं को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लिए ₹1,70,266 करोड़ का बजट।
पश्चिमी कोशी नहर परियोजना:
- मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
5. ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण
परमाणु ऊर्जा मिशन:
- 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य।
- छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर विकसित किए जाएंगे।
स्वच्छ प्रौद्योगिकी:
- सौर पैनल, ईवी बैटरी और पवन टर्बाइन के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता।
- ₹20,000 करोड़ की पूंजी के साथ स्वच्छ ऊर्जा विकास कोष की स्थापना।
6. कर सुधार
व्यक्तिगत आयकर में राहत:
- नई कर व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं।
- कर स्लैब में संशोधन से मध्यम वर्ग के कर बोझ में कमी आएगी।
नए टैक्स स्लैब:
- ₹0-₹4 लाख – कोई कर नहीं।
- ₹4-₹8 लाख – 5%
- ₹8-₹12 लाख – 10%
- ₹12-₹16 लाख – 15%
- ₹16-₹20 लाख – 20%
- ₹20-₹24 लाख – 25%
- ₹24 लाख से अधिक – 30%
TDS में छूट:
- छोटे करदाताओं को राहत देते हुए TDS की सीमा बढ़ाई गई है।
7. निवेश और निर्यात प्रोत्साहन
नए निवेश मिशन:
- प्रत्येक मंत्रालय अगले तीन वर्षों के लिए पीपीपी परियोजनाओं की योजना बनाएगा।
भारत ट्रेड नेट:
- व्यापार दस्तावेजीकरण और वित्तपोषण समाधान के लिए एकीकृत डिजिटल मंच की स्थापना।
खाद्य प्रसंस्करण:
- बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना होगी।
- इस क्षेत्र में ₹2,000 करोड़ का बजट आवंटित।
यह बजट भारत को आत्मनिर्भर और विकासशील राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, कर सुधार और बुनियादी ढांचे पर विशेष जोर देने से देश के प्रत्येक वर्ग को लाभ मिलेगा। मध्यम वर्ग के लिए कर में छूट और एमएसएमई को प्रोत्साहन से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है।