ओडिशा ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत “निर्भया कढ़ी” (निडर कली), “मो गेल्हा जिया” (मेरी प्यारी बेटी), “कल्पना अभिजान”, “स्वर्ण कालिका” और “वीरांगना योजना” लागू की

देश में लिंग असंतुलन और घटते बाल लिंग अनुपात को दूर करने के लिए 22 जनवरी, 2015 को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना शुरू की गई थी। इस योजना के लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए ओडिशा सरकार द्वारा विभिन्न पहलों को लागू किया गया है। इसके तहत ओडिशा सरकार की प्रमुख योजनाएं “निर्भया कढ़ी” (निडर कली), गंजम में “मो गेल्हा जिया” (मेरी प्यारी बेटी), ढेंकनाल, क्योंझर में “स्वर्ण कालिका” और देवगढ़ जिले में “वीरांगना योजना” हैं। ये योजनाएं किशोरियों के लिए शुरू की गई हैं ताकि वे बाल विवाह को नकारें, लिंग चयन और कन्या भ्रूण हत्या से लड़ें, उच्च शिक्षा के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखें और मार्शल आर्ट और आत्मरक्षा तकनीकों के माध्यम से आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ावा दें।

1. गंजम जिले में “निर्भय कढ़ी” (निडर कली) और “मो गेल्हा जिया” (मेरी प्यारी बेटी) योजना

“निर्भया कढ़ी (निडर कली)”, यानि निडर किशोरियां, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत गंजम जिला प्रशासन की विशेष पहल है ताकि बालिकाओं के लिए समुचित व्यवस्था की जा सके। गंजम जिले के लगभग 3,309 गांवों की 11-18 वर्ष की आयु की 183,933 किशोरियों को जागरूकता बैठकों के माध्यम से निर्भया कढ़ी योजना के तहत शामिल किया गया है।

यहां शुरू किया गया बीबीबीपी का एक और कार्यक्रम  ‘मो गेल्हा जिया’ (मेरी प्यारी बेटी) है, जिसका उद्देश्य गंजम जिले में लिंग चयन और कन्या भ्रूण हत्या से निपटना है। 

इसके फलस्वरूप, 3 जनवरी 2022 को प्रशासन ने गंजम जिले को बाल विवाह मुक्त घोषित किया। 2019 से अक्टूबर 2024 तक, बाल विवाह निषेध अधिकारियों (सीएमपीओ), जिला बाल संरक्षण इकाइयों (डीसीपीयू), चाइल्ड लाइन और पुलिस की मदद से 953 में से लगभग 20 बाल विवाहों को सफलतापूर्वक रोका गया। 3,614 सरकारी स्कूलों के 450,000 छात्रों ने बाल विवाह को ना कहने की सार्वजनिक घोषणा की। बाल विवाह के बारे में सबसे पहले सूचना देने वालों को 5,000 रूपए का पुरस्कार दिया जाता है।

ओडिशा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (ओएससीपीसीआर) ने अपने 9वें स्थापना दिवस पर बाल विवाह की रोकथाम और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने में सक्रिय कदम उठाने के लिए गंजम जिले के कलेक्टर को सम्मानित किया।

2. ढेंकनाल जिले की “कल्पना अभिजान” योजना

यह योजना ओडिशा के ढेंकनाल जिले में किशोरियों (10-19 वर्ष) पर नज़र रखने और विभिन्न स्तरों पर समितियों के माध्यम से बाल विवाह को रोकने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना ने वर्ष 2019-2024 के बीच 343 बाल विवाह रोके। इस योजना के तहत लगभग 1,13,515 किशोरियों की पहचान की गई और उनका पंजीकरण किया गया। 3,425 स्कूलों के लगभग 4,45,000 छात्रों ने सार्वजनिक स्थान पर शपथ ग्रहण के रूप में बाल विवाह को स्वीकार न करने की घोषणा की। 1,211 गांवों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए और युवाओं और पारंपरिक नेताओं के साथ जुड़ने के लिए रणनीतिक मंच बनाए गए।

अंतर्राष्ट्रीय बालिका सप्ताह 2024 के अवसर पर बाल विवाह की रोकथाम और बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने में सक्रिय कदम उठाने के लिए ढेंकनाल के एडीएम द्वारा सम्मानित किया गया। महिला तथा बाल विकास की महिला राजदूत और मिशन शक्ति, ओडिशा ने जिला समाज कल्याण अधिकारी, ढेंकनाल को बाल विवाह की रोकथाम में सक्रिय कदम उठाने के लिए सम्मानित किया। ढेंकनाल जिले के ओडापाड़ा ब्लॉक की सुश्री वर्षा प्रियदर्शिनी साहू को जिला प्रशासन द्वारा बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाने और अपने ब्लॉक में बाल विवाह को रोकने की पहल करने के लिए सम्मानित किया गया। प्रशासन ने उस पर्वतारोही को सम्मानित किया जिसने अपने बाल विवाह को नकार दिया था। उसे कल्पना अभिजान कार्यक्रम का ब्रांड एंबेसडर भी घोषित किया।

3. क्योंझर जिले में “स्वर्ण कालिका” योजना

“स्वर्ण कालिका” योजना के माध्यम से गांवों में बाल विवाह के हानिकारक असर के बारे में जागरूकता बढ़ाई गई। अभियान में 2,000 से अधिक हितधारक शामिल हुए ओडिशा के क्योंझर जिले में जागरूकता और हस्तक्षेप के लिए आद्विका ऐप को बढ़ावा दिया गया।

किशोरियों और सामुदायिक नेताओं को शामिल करते हुए सफल जिला-स्तरीय अभियान और बच्चों की सुरक्षा के लिए मजबूत सामुदायिक प्रणालियों के परिणामस्वरूप जागरूकता अभियानों और सामुदायिक लामबंदी के माध्यम से 2024 तक बाल विवाह में 50 प्रतिशत  की कमी आई।

4. देवगढ़ जिले में “वीरांगना” योजना

महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के साथ पेपर स्प्रे के इस्तेमाल से कहीं ज़्यादा और बातें भी जानना ज़रूरी है। मार्शल आर्ट के अलग-अलग रूप ज़रूरत के समय लड़कियों की रक्षा करने में काफ़ी मदद कर सकते हैं। बीबीबीपी योजना के तहत, “वीरांगना” जिला प्रशासन, देवगढ़ का एक ऐसा ही अभिनव और व्यापक दृष्टिकोण है जिसका उद्देश्य मार्शल आर्ट और आत्मरक्षा तकनीकों के ज़रिए किशोरियों में आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ावा देना है ताकि लड़कियों को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में होने वाली घटिया टिप्पणियों, छेड़छाड़, उत्पीड़न, पीछा किए जाने से बचाया जा सके।

‘वीरांगना’ शीर्षक के तहत देवगढ़ के इंडोर स्टेडियम में आत्मरक्षा और मार्शल आर्ट पर 30-दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें कटक के कुडो एसोसिएशन ने तकनीकी सहयोग दिया। इसके अलावा, प्रशिक्षण शिविर में किशोरियों और उनके अभिभावकों के लिए लड़कियों के कानूनी अधिकारों और हकों पर विशेषज्ञों द्वारा जागरूकता और परामर्श सत्र भी आयोजित किए गए।

मार्शल आर्ट पर इस 30 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के 14-19 वर्ष की आयु की 500 से अधिक किशोरियों ने भाग लिया। लगभग 300 अभिभावक और शिक्षक भी इसमें शामिल हुए। इस पहल से तैयार किए गए 50 महिला मास्टर प्रशिक्षकों ने ग्रामीण इलाकों के 300 स्कूलों में मार्शल आर्ट पर लघु प्रशिक्षण सत्र दिए। जिससे लगभग 6,000 छात्राओं को प्रशिक्षण मिला।

वीरांगना नाम के इस विशेष अभियान को जनसंचार माध्यमों से सराहना मिली और इसे कई स्कूलों और कॉलेजों में संस्थागत रूप दिया गया। जिला प्रशासन ने जिला महोत्सव में वीरांगना को पुरस्कृत किया।

वीरांगना ने सेमी-फाइनलिस्ट के रूप में प्रतिष्ठित एसकेओसीएच पुरस्कार भी जीता।  

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »