प्रयागराज प्रशासन ने महाकुम्भ के अगले बड़े स्नान से पहले ट्रैफिक व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। माघी पूर्णिमा, जो कि छह प्रमुख स्नान तिथियों में पांचवीं है, पर करोड़ों श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान करने पहुंचेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए, शहर में ट्रैफिक पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं।

भीड़ नियंत्रण के लिए सख्त व्यवस्था
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दूसरे शाही स्नान के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत और 60 से अधिक के घायल होने के बाद, प्रशासन ने अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए यह कदम उठाया है। मंगलवार सुबह 4 बजे से मेले के पूरे क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी प्रकार के वाहन प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा, आज शाम 5 बजे से पूरे शहर में ट्रैफिक प्रतिबंध लागू होंगे।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष पार्किंग व्यवस्था
शहर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग मार्गों पर विशेष पार्किंग ज़ोन बनाए गए हैं, जहां बाहरी शहरों से आने वाले लोग अपने वाहन पार्क कर सकते हैं। यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी जब तक कि सभी श्रद्धालु सुचारू रूप से मेले क्षेत्र से बाहर नहीं निकल जाते। हालाँकि, आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है।
कल्पवासियों के वाहनों पर भी रहेगा प्रतिबंध
कल्पवासी, जो संगम तट पर एक निश्चित अवधि तक निवास करते हैं, उनके वाहनों पर भी ये नियम लागू होंगे। प्रशासन का उद्देश्य ट्रैफिक नियंत्रण के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है।
सीएम योगी ने किया सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा
सोमवार रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर ट्रैफिक और भीड़ नियंत्रण को लेकर समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें न लगें और किसी भी हाल में जाम की स्थिति न बने।
सीएम ने अधिकारियों को उपलब्ध 5 लाख से अधिक वाहनों की पार्किंग क्षमता का पूरा उपयोग करने का निर्देश दिया।
भगदड़ की न्यायिक जांच शुरू
मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दौरान हुई भगदड़ को लेकर सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है, जो एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। इस आयोग में
- न्यायमूर्ति हर्ष कुमार
- पूर्व डीजी वी.के. गुप्ता
- पूर्व आईएएस अधिकारी वी.के. सिंह शामिल हैं।
मृतकों के परिजनों को 25 लाख का मुआवजा
इस दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹25 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
अब तक 44.74 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया कुम्भ स्नान
13 जनवरी से शुरू हुआ महा कुम्भ 26 फरवरी तक चलेगा। अब तक 44.74 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम नगरी में आ चुके हैं, और आगामी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है।
सुरक्षा और सुगम स्नान के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है, ताकि श्रद्धालु आध्यात्मिक शांति के साथ महाकुम्भ के पुण्य स्नान का लाभ उठा सकें।