मुंबई पुलिस ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के जनरल मैनेजर और हेड ऑफ अकाउंट्स सहित उनके सहयोगियों के खिलाफ 122 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज किया है। यह मामला अब आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दिया गया है, जो इस घोटाले की गहराई से जांच करेगी।

RBI ने लगाई बड़ी पाबंदियां!
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक में सामने आए वित्तीय अनियमितताओं के चलते इसके कामकाज पर सख्त पाबंदियां लगा दी हैं। गुरुवार को RBI ने जमाकर्ताओं के धन की सुरक्षा के मद्देनजर बैंक से निकासी पर भी रोक लगा दी। शुक्रवार को RBI ने बैंक के बोर्ड को एक साल के लिए भंग कर दिया और एक प्रशासक नियुक्त किया, जिसे सलाहकार समिति का सहयोग मिलेगा।
कैसे हुआ घोटाला?
पुलिस के अनुसार, बैंक के कार्यकारी सीईओ देवर्षि घोष ने शुक्रवार को दादर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत में आरोप लगाया गया कि बैंक के जनरल मैनेजर हितेश मेहता और उनके सहयोगियों ने मिलकर साजिश रची और प्रभादेवी एवं गोरेगांव स्थित बैंक कार्यालयों की तिजोरियों से 122 करोड़ रुपये का गबन कर लिया।
पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316(5) (आपराधिक विश्वासघात) और धारा 61(2) (षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया है।
ग्राहकों में मचा हड़कंप!
RBI की कार्रवाई के बाद बैंक के ग्राहकों में हड़कंप मच गया। शुक्रवार सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग अपनी जमा पूंजी निकालने के लिए बैंक की शाखाओं पर पहुंच गए, लेकिन उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
गौरतलब है कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की 28 शाखाएं मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में स्थित हैं, जबकि गुजरात के सूरत में इसकी दो और पुणे में एक शाखा है।
अब देखना होगा कि आर्थिक अपराध शाखा (EOW) इस घोटाले से पर्दा उठाने में कितनी सफल होती है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।