उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर अपने विचार व्यक्त किए और सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और सरकार की कुशल प्रशासनिक क्षमता का प्रतीक है।

महाकुंभ: समाज का आयोजन, सरकार का सहयोग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ समाज का आयोजन है, सरकार इसमें केवल व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने में सहयोग कर रही है। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं की सहभागिता, प्रशासन की मुस्तैदी और जनसहयोग का अद्भुत समन्वय देखने को मिल रहा है।
विधानसभा में प्रस्तुत किए गए प्रमुख बिंदु
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में महाकुंभ 2025 के लिए की गई महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं पर प्रकाश डाला:
- सुरक्षा व्यवस्था: 75,000 से अधिक पुलिसकर्मी, विशेष सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां इस आयोजन को सुरक्षित बनाने में जुटी हैं।
- यातायात और परिवहन: 3000 से अधिक विशेष ट्रेनें, 5000 से अधिक बसें और विस्तृत सड़क नेटवर्क महाकुंभ क्षेत्र तक सुगम यात्रा सुनिश्चित कर रहे हैं।
- स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाएं: 67,000 सफाईकर्मी, 261 मेडिकल हेल्प डेस्क और 81 अस्पतालों में विशेष चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
- श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था: 12 किलोमीटर लंबी टेंट सिटी बनाई गई है, जिसमें लाखों श्रद्धालु आसानी से ठहर सकते हैं।
- पवित्र गंगा की स्वच्छता: मुख्यमंत्री ने बताया कि गंगा नदी के जल की शुद्धता बनाए रखने के लिए विशेष जल शोधन तकनीकों का उपयोग किया गया है।
आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रभाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है। यह आयोजन दुनिया भर से श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है और भारत की सनातन परंपराओं को विश्व स्तर पर मजबूती प्रदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधान सभा में दिए गए वक्तव्य से स्पष्ट होता है कि प्रयागराज महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और प्रशासनिक दक्षता का अनूठा संगम है। सरकार और जनता के सामूहिक प्रयासों से यह आयोजन ऐतिहासिक रूप से सफल हो रहा है और भारत की प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।