– सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर नगर के मध्य नगरीय इलाके में गत दिनों तड़के एक तेज रफ्तार एसयूवी ने दूध बेचने जा रहे 24 वर्षीय युवक के दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी जिससे युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि एसयूवी को एक किशोर चला रहा था। वहीं एक अन्य दुर्घटना में गलत दिशा से आ रही एक महिंद्रा स्कॉर्पियो, दोपहिया वाहन चालक से टकरा गई, जिससे दुपहिया सवार की मौत हो गई। दोनों घटनाओं में सामानता यह है कि दुर्घटनाकारित वाहन के चालक नाबालिग थे। जिला पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन द्वारा ट्रैफिक सुधारने की दिशा में कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए नाबालिगों द्वारा वाहन चालन करने पर प्रतिबंध लगाने, कार्रवाई करने एवं उनके पालकों और स्कूल प्रबंधकों को भी सख्त निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

विश्व में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएँ भारत में
ज्ञातव्य हो की अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार विश्व में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं भारत में घटित होती है। औसतन देश में प्रतिदिन 1,317 सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं और 474 मौतें होती हैं, अर्थात हर घंटे 55 दुर्घटनाएँ और 20 मौतें होती हैं।
बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के कारण
नाबालिगों द्वारा वाहन चालन, मोबाइल चलाना, सीट बेल्ट न लगाना, तेज गति से गाड़ी चलाना, हेलमेट न लगाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, वाहन चलाते समय लापरवाही करना। सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण मानवीय भूल भी है, विशेषकर लापरवाही से वाहन चलाना और तेज गति से वाहन चलाना। वर्ष 2023 में 68.1% मौतों के लिये तेज़ गति ज़िम्मेदार थी। इसके अतिरिक्त, यातायात नियमों का पालन न करने के कारण हज़ारों लोगों की मृत्यु हुई है। बुनियादी ढाँचे की कमी भी दुर्घटनाओं की प्रमुख वजह है, सड़क डिजाइन की खामियाँ, जैसे गड्डे, उचित अंडरपास, फुट ओवरब्रिज की कमी और खराब रखरखाव वाली सड़कें दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते हैं। वहीं दुर्घटना निगरानी प्रणाली का अभाव से भारत में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा डेटा प्रणालियाँ सार्वजनिक नीति को सूचित करने के लिये अपर्याप्त हैं। वर्तमान में, दुर्घटनाओं का पता लगाने के लिये दुर्घटना स्तर पर कोई राष्ट्रीय डेटाबेस नहीं है। वाहन-संबंधी मुद्दे जैसे वाहनों में अपर्याप्त सुरक्षा सुविधाएँ, जैसे निम्नस्तरीय इंजीनियरिंग और पुरानी तकनीक, भी उच्च मृत्यु दर में योगदान करती हैं।ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम द्वारा किये गए क्रैश परीक्षणों से पता चला कि भारत के कई सर्वाधिक बिकने वाले कार मॉडल संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित फ्रंटल इम्पैक्ट क्रैश टेस्ट में सफल नहीं हो पाए।
सजा का क्या है प्रावधान
नाबालिग के पकड़े जाने पर ड्राइविंग

