आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री श्रीनिवास कटिकिथला की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के तहत केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की पहली बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में 3.53 लाख से अधिक नए घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई, जो देश के विभिन्न राज्यों में शहरी गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों को लाभान्वित करेंगे।

10 राज्यों में मिलेगा घर, महिलाओं और वंचित वर्गों को प्राथमिकता
पीएमएवाई-यू 2.0 के बीएलसी (बेनिफिशियरी लीड कंस्ट्रक्शन) और साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी) घटकों के तहत आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 3,52,915 नए घरों को मंजूरी दी गई।
इस योजना में महिलाओं के लिए 2.67 लाख से अधिक घर आरक्षित किए गए हैं, जिसमें एकल महिलाएं और विधवाएं शामिल हैं। इसके अलावा, 90 घर ट्रांसजेंडरों को आवंटित किए गए हैं, जिससे समाज के हर वर्ग को आवास की सुविधा मिले।
अनुसूचित जाति (एससी) के लिए 80,850 घर, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 15,928 घर और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 2,12,603 घरों को मंजूरी दी गई, जिससे समावेशिता और समानता को बढ़ावा मिलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार की अनूठी पहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने योजना में अतिरिक्त सहायता देने की घोषणा की है।
- 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को ₹30,000 की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
- 40 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित, विधवा और अलग रह रही महिलाओं को ₹20,000 की आर्थिक सहायता मिलेगी।

तेजी से हो रहा कार्यान्वयन, 1 करोड़ नए घरों का लक्ष्य
पीएमएवाई-यू 2.0 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मंत्रालय और 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। 200 से अधिक प्राथमिक ऋण संस्थानों को भी इस योजना से जोड़ा गया है, ताकि लाभार्थियों को आसानी से वित्तीय सहायता मिल सके।
सरकार ने इस योजना के तहत देशभर के शहरी क्षेत्रों में 1 करोड़ अतिरिक्त घर बनाने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री के “सभी के लिए आवास” के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, यह योजना पांच वर्षों में शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करेगी।
चार वर्टिकल में लागू होगी योजना
पीएमएवाई-यू 2.0 को चार प्रमुख वर्टिकल्स के माध्यम से लागू किया जा रहा है:
- बीएलसी (बेनिफिशियरी लीड कंस्ट्रक्शन)
- साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी)
- किफायती किराया आवास (एआरएच)
- ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस)
लाभार्थी अपनी पात्रता और जरूरत के अनुसार इन वर्टिकल्स में से किसी एक के तहत लाभ उठा सकते हैं।
₹10 लाख करोड़ का निवेश, ₹2.30 लाख करोड़ की सरकारी सहायता
सरकार ने इस योजना के लिए ₹10 लाख करोड़ का निवेश निर्धारित किया है, जिसमें से ₹2.30 लाख करोड़ की सीधी सरकारी सहायता दी जाएगी। ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी वर्गों से संबंधित वे परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है, वे इस योजना के तहत नया घर खरीदने या बनाने के लिए पात्र होंगे। प्रत्येक आवास इकाई के लिए ₹2.50 लाख की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी।
विशेष समूहों पर विशेष ध्यान
यह योजना झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यकों, विधवाओं, विकलांग व्यक्तियों और समाज के अन्य वंचित वर्गों के लिए आवासीय सुविधाएं सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा, सफाई कर्मियों, स्ट्रीट वेंडर्स, विश्वकर्मा योजना के कारीगरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और निर्माण श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
वेब पोर्टल से आवेदन करें
सरकार ने पीएमएवाई-यू 2.0 के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी दी है। इच्छुक लाभार्थी https://pmaymis.gov.in/PMAYMIS2_2024/PmayDefault.aspx पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
अब तक 92 लाख घर बनकर तैयार
प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी (पीएमएवाई-यू) पहली बार जून 2015 में शुरू की गई थी। अब तक इस योजना के तहत 118.64 लाख घरों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 92 लाख घरों का निर्माण पूरा हो चुका है और लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं।
निष्कर्ष
पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत लिया गया यह बड़ा कदम शहरी गरीबों, मध्यम वर्गीय परिवारों और समाज के हर वर्ग को आवासीय सुविधा देने की दिशा में एक मजबूत पहल है। प्रधानमंत्री के “सभी के लिए आवास” के लक्ष्य को साकार करने के लिए सरकार लगातार नए प्रयास कर रही है। इस योजना से हर भारतीय को अपने सपनों का घर पाने का मौका मिलेगा और एक सशक्त, आत्मनिर्भर भारत की नींव और मजबूत होगी।