1 अप्रैल 2025 से देशभर में कई वित्तीय और नियामक बदलाव लागू होने जा रहे हैं। नए इनकम टैक्स स्लैब, UPI सुरक्षा उपाय, यूनिफाइड पेंशन स्कीम और GST नियमों में बदलाव आपके वित्तीय लेन-देन और कर प्रणाली को प्रभावित करेंगे। आइए जानते हैं क्या-क्या बदलाव होने वाले हैं।

नई इनकम टैक्स दरें और छूट
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नए इनकम टैक्स स्लैब की घोषणा की थी, जो 1 अप्रैल से लागू होंगे। 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा, सैलरीड इंडिविजुअल्स को 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा, जिससे 12.75 लाख रुपये तक की सैलरी टैक्स फ्री हो जाएगी।
नए इनकम टैक्स स्लैब और दरें
| आय सीमा | नया टैक्स रेट |
|---|---|
| 0 – 4 लाख | कोई टैक्स नहीं |
| 4 लाख – 8 लाख | 5% |
| 8 लाख – 12 लाख | 10% |
| 12 लाख – 16 लाख | 15% |
| 16 लाख – 20 लाख | 20% |
| 20 लाख – 24 लाख | 25% |
| 24 लाख से ऊपर | 30% |
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)
सरकार ने अगस्त 2024 में यूनिफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा की थी, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। यह स्कीम 23 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को लाभ देगी। जिन कर्मचारियों की कम से कम 25 साल की सेवा हो चुकी है, उन्हें रिटायरमेंट के बाद अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा, जिससे उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
UPI के नए नियम
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए नए निर्देश जारी किए हैं, जो 1 अप्रैल से प्रभावी होंगे।
- बैंकों और PhonePe, Google Pay जैसे थर्ड-पार्टी UPI प्रोवाइडर्स को निष्क्रिय मोबाइल नंबरों को चरणबद्ध तरीके से हटाना होगा।
- यदि कोई मोबाइल नंबर बंद या बदला गया है, लेकिन उससे जुड़ा UPI अकाउंट एक्टिव है, तो वह साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकता है।
- NPCI के अनुसार, बैंक और PSP ऐप को MNRL/DIP प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने डेटा को हर हफ्ते अपडेट करना होगा।
अगर आपका मोबाइल नंबर लंबे समय से निष्क्रिय है, तो 1 अप्रैल से पहले बैंक में अपडेट करवाएं, वरना UPI सेवाएं बंद हो सकती हैं।
GST में नए बदलाव
नई वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ, GST नियमों में भी अहम बदलाव किए जा रहे हैं।
- मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अनिवार्य किया जाएगा, जिससे GST पोर्टल पर लॉगिन अधिक सुरक्षित होगा।
- E-Way Bill (EWB) केवल 180 दिन से अधिक पुराने दस्तावेजों के आधार पर नहीं बनाया जा सकेगा।
- GSTR-7 (TDS कटौती के लिए) अब क्रम से ही फाइल किया जा सकेगा, कोई भी महीना स्किप नहीं कर पाएंगे।
- GST रजिस्ट्रेशन के लिए प्रमोटर्स और डायरेक्टर्स को अब GST सुविधा केंद्र जाकर बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन करवाना होगा।
1 अप्रैल 2025 से नया वित्तीय वर्ष नई चुनौतियों और अवसरों के साथ आएगा। नए टैक्स स्लैब से टैक्स पेयर्स को राहत मिलेगी, UPI में सुरक्षा बढ़ेगी और GST नियम अधिक पारदर्शी होंगे। इन बदलावों को समझकर पहले से तैयार रहना आपके लिए फायदेमंद होगा!