दीर्घकालीन पैकेजिंग पर राष्ट्रीय हितधारक परामर्श का भव्य आगाज़, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने किया उद्घाटन

मुंबई में 16 अप्रैल 2025 को खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय हितधारक परामर्श का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव गणपतराव जाधव ने किया। परामर्श का विषय था – “खाद्य व्यवसाय के लिए दीर्घकालीन पैकेजिंग: उभरते वैश्विक रुझान और नियामक ढांचा।”

श्री जाधव ने इस अवसर पर कहा कि समय की मांग है कि हम पारंपरिक पैकेजिंग से आगे बढ़ें और पर्यावरण के अनुकूल, पुनर्चक्रण योग्य और जैवनिम्नीकरणीय विकल्पों की ओर कदम बढ़ाएं। उन्होंने आरपीईटी (रिसायकल्ड पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट) के उपयोग के दिशा-निर्देशों की सराहना की, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक विशेष प्रतीक चिन्ह विकसित किया गया है, जिससे उत्पाद की पहचान आसान होगी और गुणवत्ता की गारंटी भी मिलेगी।

पर्यावरण सुरक्षा में भारत की नेतृत्व क्षमता

श्री जाधव ने भारत की पारंपरिक पारिस्थितिक पद्धतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के पास विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता है, बशर्ते हम अपने पुरातन ज्ञान को आधुनिक तकनीक से जोड़ें। उन्होंने मंत्रालय और FSSAI द्वारा ऐसे विचार-मंथन मंच तैयार करने के प्रयासों की प्रशंसा की।

हितधारकों की भागीदारी बनी चर्चा की ताकत

इस परामर्श में 1500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें खाद्य उद्योग, पैकेजिंग कंपनियों, पुनर्चक्रण संघों, पर्यावरण समूहों, उपभोक्ता संगठन, किसान प्रतिनिधि और सरकारी विभागों के प्रतिनिधि शामिल रहे। चर्चा का मुख्य फोकस दीर्घकालीन खाद्य पैकेजिंग के भविष्य और इससे जुड़ी चुनौतियों व संभावनाओं पर रहा।

नीति निर्माण में भागीदारी की दिशा में बड़ा कदम

FSSAI द्वारा यह परामर्श नीति निर्माण को अधिक समावेशी, पारदर्शी और साक्ष्य-आधारित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पहल मंत्रालय के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्तर पर हितधारकों को जोड़कर नीति निर्माण को ज़मीनी हकीकत से जोड़ने की कोशिश कर रही है।

तकनीकी सत्रों में गूंजे नवाचार और वैज्ञानिक सोच के स्वर

कार्यक्रम में एक तकनीकी सत्र का भी आयोजन हुआ, जिसमें FSSAI के वैज्ञानिक पैनल प्रमुख ने पैकेजिंग के लिए अपनाए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण, जोखिम मूल्यांकन और परामर्श प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी।

बीआईएस (BIS) प्रतिनिधियों ने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पैकेजिंग मानकों पर प्रकाश डाला, वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने ईपीआर (Extended Producer Responsibility) के अंतर्गत प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में अपनी भूमिका साझा की।

उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने हल्के, पर्यावरण अनुकूल और रिसायक्लेबल पैकेजिंग समाधानों पर अपनी इनोवेटिव सोच प्रस्तुत की। उपभोक्ता अपेक्षाओं, सर्कुलर इकोनॉमी और पुनर्चक्रण की दिशा में हो रहे प्रयासों को भी प्रमुखता से रखा गया।

डॉ. अलका राव का संदेश: सहयोग ही समाधान की कुंजी

कार्यक्रम का समापन डॉ. अलका राव (सलाहकार – विज्ञान, मानक एवं विनियमन) के सारगर्भित वक्तव्य से हुआ। उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन पैकेजिंग को बढ़ावा देने के लिए सभी हितधारकों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है ताकि खाद्य सुरक्षा मानकों के साथ-साथ पर्यावरणीय लक्ष्यों को भी पूरा किया जा सके।

यह परामर्श न केवल भविष्य की नीतियों की दिशा तय करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि भारत दीर्घकालीन पैकेजिंग के क्षेत्र में एक वैश्विक उदाहरण प्रस्तुत करे।

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »